जनसंचार माध्यम और लेखन|jansanchar madhyam class 11,12th hindi pdf

जनसंचार और माध्यम|jansanchar madhyam class 11,12th hindi questions answer pdf download


अभिव्यक्ति और माध्यम

(पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु जनसंचार माध्यम नोट्स, पाठ से

संवाद एवं अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर)

इकाई 1 : जनसंचार माध्यम और लेखन

पाठ

जनसंचार माध्यम

पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स

• परिचय-मनुष्य चाहे समूह में हो या एकान्त में वह बात किए बिना नहीं रह सकता

क्योंकि वह एक सामाजिक प्राणी होने के नाते संदेशों व विचारों का आदान-प्रदान

करता रहता है और यही संचार जीवन की निशानी है। यहाँ तक कि नवजात बालक

भी रोकर माँ का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। संदेशों के आदान-प्रदान में

लगने वाले समय और दूरी को पाटने के लिए माध्यम ढूंढ़ गए। इन संचार माध्यमों ने

विश्व को एक ग्राम ही नहीं परिवार में बदल दिया है। यहाँ तक कि घटनाओं के सीधे

प्रसारण से घटनाओं की सूचना ही नहीं, घटनाओं को घटित होते हुए भी देखते हैं। इस

प्रकार आज संचार व जनसंचार के माध्यम मानव की अनिवार्य आवश्यकता बन गए

है।

प्रस्तुत पाठ का शीर्षक 'जनसंचार माध्यम' स्वयं वर्तमान में विज्ञान के विकास का

अभूतपूर्व अर्थ रखता है। शीर्षक की आत्मा व काया दोनों के रूप को समझना तथा

जीवन में उनके उपयोग की महत्ता को जानना आवश्यक है।

• संचार का अर्थ-संचार शब्द 'वर' धातु से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है गति

(कलमा) करना। अत: दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं. विचारों और

भावनाओं का आदान-प्रदान संचार है। इसी कथ्य को संचारशास्त्री 'विल्बर श्रेय' ने

अनुभवों की माटीदारी का है। इस साझेदारी में दो ही व्यक्ति नहीं असंख्य व्यक्ति


•पाया का अर्थ पचनाओं, विचारों और भावनाओं को लिखित, मौखिक या

पश्य अन्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना ही

संचार है और इस प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद करने वाले तरीके संचार माध्यम

कहलाते हैं।

इस प्रकार संचार एक ऐसी जीवन्त प्रक्रिया है जिसमें देने वाले और पाने वाले की सक्रिय

भागीदारी आवश्यक है, इसी कारण इसे जनसंचार कहते हैं। जनसंचार में लिखित,

पौखिक, दृश्य, भव्य साधनों को माध्यम बनाया जाता है, इसी कारण इसे 'जनसंचार

माध्यम से अभिहित किया गया है।

• संचार के तत्व-संचार एक प्रक्रिया होने के कारण इसके कई तत्व व चरण हैं,

निम्नलिखित है-

(1) सोत या संचारक-अपने विचार, संदेश या भावना को अन्य व्यक्ति तक भेजने

वाला व्यक्ति स्रोत या संचारक कहलाता है तथा यहीं से संचार प्रक्रिया आरम्भ हो

जाती है।

(2) एनकोडिंग-इसे कूटीकृत भी कहते हैं। इस दूसरे चरण में भाषा (कूट चिन्ह

या कोड) आती है जो संचार भेजने वाले और प्राप्त करने वाले को समान रूप

से आनी चाहिए।

(3) सन्देश-संचार का तृतीय चरण सन्देश है। संचारक का सन्देश जितना ही स्पष्ट

और सरल होगा उतना ही सन्देश प्राप्तकर्ता को समझना सरल होगा।

(4) माध्यम- -संचारक अपना सन्देश प्राप्तकर्ता के पास अनेक प्रकार से भेजता है;

जैसे-शब्द-ध्वनि तरंगों, दृश्य-प्रकाश तरंगों तथा सुगन्ध-वायु तरंगों के माध्यम

से। जिसके लिए टेलीफोन, टेलीविजन, इंटरनेट आदि माध्यमों का प्रयोग करता

(5) प्राप्तकर्ता-प्राप्त संदेश में छिपे अर्थ को प्राप्तकर्ता समझने की कोशिश करता

है जिसे डीकोडिंग कहते हैं। संचारक और प्राप्तकर्ता दोनों को चिन्हों और संकेतों

से परिचित होना जरूरी है।

(6) फीडबैक-संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता संदेश को समझकर प्रतिक्रिया करने

को फीडबैक कहते हैं। संचार-प्रक्रिया की सफलता में फीडबैक की महत्वपूर्ण

भूमिका होती है।

(7) शोर-संचार प्रक्रिया में आने वाली मानसिक, तकनीकी और भौतिक बाधाओं

को शोर कहते हैं। शोर के कारण सन्देश अपने मूल रूप में प्राप्तकर्ता तक नहीं

पहुँच पाता।

• संचार के प्रकार-संचार के प्रकारों को समझना बहुत कठिन है क्योंकि वे एक-दूसरे

में घुले-मिले हैं। संचार एक अति जटिल प्रक्रिया है फिर भी संचार का एक सुन्दर व

स्पष्ट वर्गीकरण किया गया है-

(1) सांकेतिक संचार-इसमें इशारों व संकेतों की सहायता से संचारक अपने मन

की बात समझाता है।

अभिव्यक्ति और माध्यम (पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स,..

प्रश्नोत्तर)

(2) मौखिक व अमौखिक संचार-जब हाथ जोड़कर तथा मुख से प्रणाम बोलकर

बड़ों का सम्मान करते हैं तो इसमें पहले अमौखिक फिर मौखिक संचार होता है।

(3) अंत:वैयक्तिक संचार-इसमें संचारक और प्राप्तकर्ता एक ही व्यक्ति होता है।

पूजा, प्रार्थना, विचार, मंथन आदि इसी श्रेणी में आते हैं।

(4) अन्तरवैयक्तिक संचार-इसमें दो व्यक्ति आमने सामने संचार करते हैं, यहाँ

फीडबैक तत्काल प्राप्त होता है। नौकरी व प्रवेश के लिए किया गया साक्षात्कार

इसका उदाहरण है।

(5) समूह-संचार-यहाँ एक समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चा करता है। कक्षा,

संसद व गाँव की पंचायत इसके उदाहरण हैं।

(6) जनसंचार-जब समाज के विशाल वर्ग से प्रत्यक्ष संवाद न करके किसी तकनीकी

या यांत्रिक माध्यम की सहायता से संवाद किया जाता है तो इसे जनसंचार कहते

हैं। हमारे प्रधानमंत्री के द्वारा मुख्यमंत्रियों से ऑनलाइन (online) चर्चा करना।

अखबार, रेडियो, टी. वी., इंटरनेट इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।

• जनसंचार की विशेषताएँ-जनसंचार की मुख्य विशेषताएँ संक्षिप्त रूप में इस प्रकार

(1) जनसंचार में फीडबैक तुरन्त प्राप्त नहीं होता है। इसका दायरा बहुत व्यापक, बहुत

पंचमेल तथा प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।

(2) जनसंचार में संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता है

तथा औपचारिक संगठन की भी आवश्यकता होती है।

(3) जनसंचार में ढेर सारे द्वारपाल (गेटकीपर) काम करते हैं जो जनसंचार माध्यमों

से प्रकाशित या प्रसारित होने वाली सामग्री को नियन्त्रित और निर्धारित करते हैं।

• संचार के कार्य-ये निम्नलिखित हैं-

(1) कुछ प्राप्त करने के लिए, (5) सामाजिक सम्पर्क,

(2) नियंत्रण,

(6) समस्या समाधान हेतु,

(3) सूचना,

(7) प्रतिक्रिया व्यक्त करने हेतु,

(4) अभिव्यक्ति,

(8) किसी भूमिका को पूरा करने के लिए।

• जनसंचार के कार्य-जनसंचार के मुख्य कार्य निम्न प्रकार हैं-

(1) सूचना देना-जनसंचार माध्यमों के द्वारा ही दुनिया भर की सूचनाएँ प्राप्त होती

हैं जिनसे हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति होती है।

(2) शिक्षित करना-शिक्षित करने से आशय है, हमें देश-दुनिया के हाल से परिचित

कराने और उसके प्रति सजग बनाने से है।

(3) मनोरंजन करना-जनसंचार के माध्यम-सिनेमा, टी. वी., पुस्तकें आदि मनोरंजन

के भी साधन हैं।

(4) एजेंडा तय करना-जनसंचार माध्यम सूचनाओं और विचारों के आधार पर देश

व समाज के लिए एजेंडा तैयार करते हैं तथा जब समाचार चैनल कोई मुद्दा उठाते

हैं तो सरकार व समाज सजग होकर अनुकूल प्रतिक्रिया करते हैं।

(5) निगरानी करना-जनसंचार माध्यम लोकतन्त्र में सरकार और संस्थाओं

अनियमितता पाने पर उनको जनता के सामने रखकर निगरानी करते हैं।

(6) विचार-विमर्श के मंच-जनसंचार माध्यम जनता के विचारों को अभिव्यक्ति

का मंच प्रदान करते हैं। इसके लिए समाचार-पत्र में सम्पादकीय पृष्ठ, सम्पादक

के नाम चिट्ठी जैसे स्तम्भ होते हैं।

• भारत में जनसंचार माध्यमों का विकास-भारत में जनसंचार माध्यम पौराणिक काल

से ही पाए जाते हैं। भारत का पहला समाचार वाचक 'देवर्षि नारद' हैं जो पृथ्वी और

देवलोक के संवाद सेतु थे। महाभारत काल में संजय' धृतराष्ट्र को युद्ध का विवरण

सुनाते हैं। यह समृद्ध संचार व्यवस्था नहीं तो क्या है? द्वार पर लगी सोने की घण्टी

शिलालेख, गुफाओं के चित्र, स्मारक, कठपुतली नृत्य व लोकनाटक जनसंचार के ही

माध्यम है। कथा वाचन, सांग, नौटंकी, तमाशा, लावनी आदि मनोरंजन के साथ समाज

को संदेश भी देते हैं। मौर्य काल में राजा का सन्देश नगाड़ा बजाकर सुनाया जाता था।

परन्तु आज रिक्शा में बैठकर माइक से सन्देश दिया जाता है। आज के जनसंचार के

माध्यम पाश्चात्य की देन है। जनसंचार माध्यमों के वर्ममान प्रचलित रूप हैं-समाचार

पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा और इंटरनेट।

• समाचार पत्र-पत्रिकाएँ-जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी पत्र-पत्रिकाएँ या प्रिंट

मीडिया है। प्रिंट मीडिया के तीन पहलू होते हैं-(1) समाचारों को संकलित करना,

(2) समाचारों को सम्पादित कर छपने लायक बनाना, (३) पत्र या पत्रिका को छापकर

पाठक तक पहुँचाना। खबरों के आदान-प्रदान को यानि खबरों के संचार को ही

पत्रकारिता कहते हैं। इस प्रकार संवाददाता सूचना लाता है, सम्पादक सूचना को सम्पादित

(छपने योग्य) करता है तब मुद्रण उसे प्रसारित करता है।

अखबारी पत्रकारिता 400 साल पुरानी है लेकिन भारत में सन् 1780 में जेम्स ऑगस्ट

हिकी के 'बंगाल गजट' से हुई। हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र 'उदंत मार्तंड' है जो

सन् 1826 में कलकत्ता से निकला तथा जिसके सम्पादक पण्डित जुगल किशोर शुक्ल

थे। भारतेन्दु जी की 'कवि वचन सुधा' तथा 'हरिश्चन्द्र मैगजीन' प्रसिद्ध पत्रिकाएँ हैं।

गाँधीजी समकालीन श्रेष्ठ पत्रकार थे। आजादी से पहले पत्रकारिता एक मिशन थी

लेकिन आजादी के बाद वह एक व्यवसाय बन गई। स्वतंत्रता से पूर्व के पत्रकार-गणेश

शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, प्रताप नारायण मिश्र, बालमुकुन्द गुप्त आदि और

-पत्रिकाएँ-केसरी, हिन्दुस्तान, सरस्वती, प्रदीप, विशाल भारत आदि हैं। स्वतन्त्रता

के बाद के पत्रकार-'अज्ञेय', रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

जागरण आदि हैं।

पत्र-

आदि तथा पत्र-पत्रिकाएँ-नवभारत टाइम्स, राजस्थान पत्रिका, अमर उजाला, दैनिक

• रेडियो-रेडियो जनसंचार का एक ध्वनि माध्यम है। गाँधीजी ने रेडियो को एक अद्भुत

शक्ति कहा था क्योंकि ध्वनि तरंगों के द्वारा यह देश के कोने-कोने तक पहुँचता है।

यह अन्य जनसंचारों की तुलना में सस्ता भी है। सन् 1895 में इटली के इलेक्ट्रीकत

इंजीनियर जी. मार्कोनी ने वायरलैस के आधार पर रेडियो का आविष्कार किया।

पहले



महिला एवं जनसंचार माध्यम

जनसंचार किसे कहते हैं

जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं

जनसंचार के दुष्परिणाम क्या है


अभिव्यक्ति और माध्यम (पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स,.


विश्वयुद्ध में जनसंचार का यह प्रमुख साधन था। 1936 में ऑल इण्डिया रेडियो की

स्थापना हुई। स्वतन्त्रता के समय भारत में रेडियो स्टेशन थे। आज आकाशवाणी देश

2024 भाषाओं और विश्व की 146 भाषाओं में कार्यक्रम देता है। 96% आबादी तक

इसकी पहुँच है। 1993 में एफ. एम. (फ्रिक्वेंसी मॉड्यूलेशन) निजी कम्पनियों द्वारा

आरम्भ हुआ। आज एफ. एम. का जाल बिछा हुआ है।

• टेलीविजन-इसे हिन्दी में दूरदर्शन के नाम से जाना जाता है आज टी. वी. जनसंचार

का लोकप्रिय तथा शक्तिशाली माध्यम है। यह शब्द, ध्वनि व दृश्य तीन विधाओं के

प्रयोग से बना है इसी कारण इसकी सूचनाओं में विश्वसनीयता अधिक होती है। 1927

में न्यूयॉर्क और वाशिंगटन के बीच टेलीविजन कार्यक्रम तथा 1936 में बी. बी. सी. ने

टेलीविजन सेवा शुरू कर दी थी और भारत में 15 सितम्बर, 1959 में शुरू हुई जिसका

उद्देश्य शिक्षा और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहन देना था। 1965 में स्वतन्त्रता

दिवस से भारत में टी. वी. सेवा विधिवत् आरम्भ हुई। अब इसका नाम दूरदर्शन पड़ा

और । अप्रैल, 1976 में यह आकाशवाणी से अलग हो गया। 1984 में इसकी रजत

जयन्ती मनाई गई। 1991 में खाड़ी युद्ध का सीधा प्रसारण टी. वी. पर दिखाया गया।

अब भारत में निजी चैनलों की भरमार हुई जिनमें जी. टी. वी. और स्टार टी. वी.

मुख्य थे तथा न्यूज चैनल भी आरम्भ हो गए। आरम्भ में टी. वी. का उद्देश्य राष्ट्र

निर्माण और सामाजिक उन्नयन था वहीं निजी चैनल आज व्यावसायिक लाभ में लग

गए। आज भारत में 200 से अधिक निजी चैनल हैं।

• सिनेमा-सिनेमा मनोरंजन, सूचना, ज्ञान और सन्देश देने का काम एक साथ करता

है। सिनेमा का आविष्कार थॉमस अल्वा एडीसन ने किया। 1894 में फ्रांस में पहली

फिल्म 'द अराइवल ऑफ ट्रेन' बनी। भारत में पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्चन्द्र'

दादा साहेब फाल्के ने 1913 में बनाई। 1931 में पहली बोलती फिल्म 'आलम

आरा' बनी। भारतीय सिनेमा ने देश के सामाजिक यथार्थ को गहराई से पकड़ा तथा

व्यावसायिकता का रास्ता खोला। एक ओर रोमांसपूर्ण फिल्म तथा दूसरी ओर ‘पंथेर

पांचाली' जैसी कलात्मक फिल्म बनी। आज मुम्बइयाँ फिल्में बन रही हैं जिनमें

रोमांस, हिंसा, सेक्स और एक्शन है। सिनेमा मनोरंजन के साथ समाज को बदलने,

नई सोच विकसित करने तथा तकनीक के विकास का मार्ग खोलता है। आज प्रतिवर्ष

लगभग 800 फिल्म बनती हैं। हिन्दी के अलावा क्षेत्रीय भाषा व बोलियों में भी


• इंटरनेट-इंटरनेट संचार का ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन,

पुस्तक, सिनेमा, शब्दकोष, पुस्तकालय आदि के सारे गुण पाए जाते हैं। इसके द्वारा

हजारों किलोमीटर दूर व्यक्ति से आमने-सामने बात कर लेते हैं। विश्वव्यापी जाल के

भीतर जमा करोड़ों पन्नों में से पलभर में अपने उपयोग की सामग्री छाँट लेते हैं। यह

एक अन्तरक्रियात्मक माध्यम है हम मूक दर्शक नहीं है। हम आज एक विश्वग्राम के

सदस्य हैं। इतनी अच्छाइयों के साथ इसमें कुछ बुराइयाँ भी हैं, जैसे-अश्लील पन्ने,

इंटरनेट का दुरुपयोग।


वीर रस की परिभाषा

रस की परिभाषा

कहानी एवं उपन्यास में कोई चार अंतर

अपने प्राचार्य महोदय को शाला शुल्क-मुक्ति हेतु एक प्रार्थना-पत्र

स्थानांतरण प्रमाण-पत्र हेतु प्रार्थना पत्र

अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र


. जनसंचार माध्यमों का प्रभाव-जनसंचार माध्यम आज के समाज में उसी प्रकार व्यान

हैं जिस प्रकार शरीर में रक्त व्याप्त होता है। अखबार पढ़े बिना सुबह नहीं होती है।

वस्तुएँ खरीदने का फैसला, शादी-ब्याह के लिए मैट्रिमोनियल पर निर्भरता, टिकट

कराने, टेलीफोन-बिजली का बिल भरने, मनोरंजन व फुर्सत के समय टी. वी. देख

मनुष्य की जीवन-शैली बन गई है। इस प्रकार हम देखते हैं कि जनसंचार माध्यमों के

सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलू हैं।

जनसंचार माध्यमों ने हमारे जीवन को सरल, समर्थ और सक्रिय बनाया है। राष्ट्रीय जीवर

को गतिशील और पारदर्शी बनाया है। लोकतन्त्र, राजनीति और अर्थनीति को मजबूत

बनाया है। ये सरकार के कामकाज की निगरानी करते हैं, गलत फैसलों व नीतियों के

विरुद्ध आवाज उठाते हैं। भ्रष्टाचार, मानवाधिकार-हनन-साम्प्रदायिकता जैसी घटनाओं

के प्रति जनमानस को जागरूक किया है। स्टिंग ऑपरेशन के द्वारा सत्ता के शिखर को

हिला दिया।

दूसरी ओर जनसंचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। सर्वप्रथम जनसंचार

माध्यमों ने जनता को काल्पनिक और लुभावनी नकली दुनिया का व्यसनी बना दिया है

जिससे लोगों में पलायनवादी प्रवृत्ति पैदा हो रही है। सिनेमा जैसे जनसंचार ने समाज में

हिंसा, अश्लीलता और असामाजिक व्यवहार को बढ़ाया है। समाज के ताकतवर वर्गों के

हितों को निहायत सतही और आवश्यक बताया जाता है जबकि समाज के कमजोर वर्ग

के हितों को नजर अन्दाज किया जाता है। जनसंचार माध्यमों का सम्बन्ध सार्वजनिक

हितों से जुड़ा होने पर अधिकांश संचार माध्यमों पर कम्पनियों व विशिष्ट व्यक्तियों

का स्वामित्व होता है जो अपने व्यावसायिक मुनाफे पर ध्यान देते हैं। नेट-क्राइम बढ़ता

जा रहा है। विज्ञापन के जाल में मनुष्य फँसता जा रहा है। जनसंचार एक दुधारी अस्त्र

है। अत: जनसंचार माध्यमों में प्रकाशित सामग्री को निष्क्रिय तरीके से ग्रहण करने के

बजाए सक्रिय तरीके से आँख, कान और दिमाग खुला रखकर अपनाएँ।







प्रश्न 1. इस पाठ में विभिन्न लोक-माध्यमों की चर्चा हुई है। आप पता लगाइए कि

वे कौन-कौन-से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं? अपने क्षेत्र में प्रचलित किसी लोकनाट्य

या लोक माध्यम के किसी प्रसंग के बारे में जानकारी हासिल कर उसकी प्रस्तुति के खास

अंदाज के बारे में भी लिखें।

उत्तर-भारतीय संचार परम्परा में राजदरबारों के समानांतर लोक माध्यमों की भी सुलझी

व्यवस्था रही है। इसके संकेत प्रागौतिहासिक काल में भीमबेटका के गुफा चित्र प्रमाण

समानान्तर व्यवस्था बाद में कठपुतली व लोक नाटक रूपों; जैसे-कथावाचन, बाउल,

में

रागनी, तमाशा, लावनी, नौटंकी, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान आदि के रूप में दिखायी देती है।

यह सब ग्रामीण क्षेत्र की संस्कृति को व हमारी प्राचीन अविकसित संस्कृति की जानकारी देत

है। जैसे आज भागवत कथा वाचन का तथा विवाह जैसे कार्यक्रमों में नृत्य नौटंकी का रूप है।

सांग नामक लोक माध्यम में संगीत, नृत्य, वार्तालाप आदि का समावेश होता है। इसके पार

.

पारी का पार्ट करते हैं। ये पात्र हर बात गा गाकर तथा नृत्य के माध्यम से व्यक्त करते

है। यह कार्यक्रम अधिकतर वर्षा ऋतु में ही होते है। ब्रज में राधाकृष्ण का रास अति प्रसिद्ध

है। यह लोक माध्यम मनोरंजन करते हैं. संदेश देते हैं तथा जनमत का निर्माण करते है। नुक्कड़

प्रश्न 2. आजादी के बाद भी हमारे देश के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं। आप

समाचार-पत्रों को उनके प्रति किस हद तक संवेदनशील पाते हैं?

उत्तर-समाचार पत्र प्रिंट मीडिया का शक्तिशाली माध्यम है। आजादी से पहले

परकारिता का उद्देश्य स्वाधीनता प्राप्त करना और राष्ट्र निर्माण करना था। यह लक्ष्य आजादी

पाने के दो दशकों तक रहा उसके बाद समाचार-पत्र व्यावसायिक बन गए। आजादी के बाद

देश के सामने व्यापार, खेल, विज्ञान, कृषि, मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, अपराध, कानून व्यवस्था,

पड़ोसी देशों के सम्बन्धों की चुनौतियाँ हैं। हम समाचार-पत्रों को पूर्ण रूप से संवेदनशील

मानते हैं। परन्तु समाचार-पत्रों पर कम्पनियों, राजनेताओं व धनिकों का आधिपत्य होने के

कारण समाचार-पत्र उन लोगों के मुनाफे की बात करते हैं। फिर भी समाचार-पत्र सरकार या

किसी संस्था के गलत कामों को देखते हैं तो सरकार को धराशायी कर देते हैं। समाचार-पत्र

सरकार, जनता तथा समाज के प्रति संवेदनशील रहते हैं। समाचार-पत्र लोकतंत्र के पहरेदार

है. जो जनमत जगाने का काम करते हैं।

प्रश्न 3. टी. वी. के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए कौन-कौन

से तरीके अपनाते हैं ? टी. वी. के कार्यक्रमों से उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर-टी. वी. के निजी चैनलों ने मनोरंजन के एक लोकप्रिय माध्यम के तौर पर

बा

अपनी एक खास पहचान व लोकप्रियता प्राप्त की है यह पहचान उसने विषय-वस्तु के चयन

तथा प्रस्तुतीकरण से बनाई है। कार्यक्रमों में विविधता के आयाम अपनाए हैं: जैसे-मनोरंजन

के लिए धारावाहिक, संगीत व नृत्य के कार्यक्रम। फिल्मों के प्रदर्शन से जनता को बाँध

रखा है। हास्य प्रधान कार्यक्रम; जैसे-कपिल शर्मा का शो, रजत शर्मा को आज की बात'

साक्षात्कार, खेलों का सीधा प्रसारण, समाचार के मध्य जहाँ का समाचार है वहाँ का लाइव

दिखाते हैं। बच्चों के लिए गोष्ठियों को दिखाते हैं। डिस्कवरी, ज्योग्राफिक चैनल में प्रकृति

व विज्ञान से परिचित कराते हैं इस प्रकार निजी चैनल्स अपनी व्यावसायिक सफलता के

लिए विविध तरीके अपनाते हैं।

प्रश्न 4. इंटरनेट पत्रकारिता ने दुनिया को किस प्रकार समेट लिया है ? उदाहरण

सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-इंटरनेट जनसंचार का सबसे नया व लोकप्रिय माध्यम है। इंटरनेट में प्रिंट मीडिया,

संडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा, पुस्तकालय आदि सभी के गुण हैं। इसकी पहुँच दुनिया के

कोने कोने तक है। विश्वव्यापी जाल के भीतर जमा करोड़ों पन्नों में से हम पलभर में अपना

ना निकाल देते हैं। चैट कर लेते हैं। यह एक अंतरक्रियात्मक माध्यम है यानि हम एक मूक

दांक न होकर बहस कर सकते हैं। इसके विश्वव्यापी जाल के माध्यम से पलभर में पूरे विश्व

जान और मनोरंजन का अंग बना जा सकता है हम अपना सन्देश विश्वभर तक पहुंचा सकते

1। इसने हमें विश्वग्राम का सदस्य बना दिया है। आज सारा विश्व सिमट कर रह गया है।


(4) भाषा-शैली


प्रश्न 5. किन्हीं दो हिन्दी पत्रिकाओं के समान अंकों को (समान अवधि को पकि

और उनमें निम्न बिन्दुओं के आधार पर तुलना कीजिए-

(1) आवरण पृष्ठ

(3) अन्दर के पृष्ठों की साज-सज्जा

(2) सूचनाओं का क्रम

उत्तर-दो हिन्दी पत्रिकाओं के नाम-कादम्बिनी व सहेली।

तुलना-

(1) आवरण पृष्ठ-कादम्बिनी एक साहित्यिक तथा सहेली केवल पारिवारिक पत्रिका

है। कादम्बिनी के आवरण पृष्ठ पर समसामयिक घटनाओं के अनेक सुन्दर चित्र होते हैं परन

सहेली के आवरण पृष्ठ पर हमेशा किसी नारी का ही चित्र होता है।

(2) सूचनाओं का क्रम-कादम्बिनी में कहानी, लेख, हास्य व्यंग्य तथा उपयोग

सूचनाएँ भी होती हैं। फिल्मों की आलोचना तथा राजनीति की भी सूचनाएँ हैं परन्तु सहेली।

नारी-सौन्दर्य, भोजन पकाने की विधि, बालकों के पालन-पोषण सम्बन्धी सूचनाएँ होती है।

(3) अन्दर के पृष्ठों की साज-सज्जा-दोनों पत्रिकाओं में पाठकों को आकर्षित कर

के लिए अन्दर के हर पृष्ठ को विषयानुसार चित्रों द्वारा सुन्दर बनाया जाता है।

(4) भाषा-शैली-कादम्बिनी साहित्यिक पत्रिका होने के कारण उसकी भाषा सारगर्भित

तथा सुगठित होती है जबकि सहेली की भाषा-शैली बिल्कुल बोलचाल की साधारण-भाषा है।

भाषा साधारण पाठक के समझने योग्य होती है।


प्रश्न 6. निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण होना चाहिए अथवा नहीं ? पक्ष-विपक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर-विपक्ष में तर्क-अगर निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण होगा तो वह निजी

न होकर सरकारी चैनल कहलाएंगे। सरकारी नियंत्रण के कारण उनमें ताजगी का अभाव होगा

व सरकार की नीतियों से सम्बन्धित रहेंगे। निजी चैनल वाले नहीं चाहेंगे कि उनके चैनल पर

सरकारी नियंत्रण हो। इससे सरकार पर काम का बोझ बढ़ जायेगा। निजी चैनल व्यावसायिक

होते हैं अत: वे अपने चैनल पर अपना अधिकार चाहेंगे। इस कारण निजी चैनल पर सरकार

का नियन्त्रण नहीं होना चाहिए।

पक्ष में तर्क-निजी चैनलों पर मनमानी करने, अनुचित ढंग से पैसा कमाने, अभा

व अनुचित कार्यक्रमों पर रोक लगाने आदि की दृष्टि से सरकार का नियंत्रण आवश्यक है

तभी दूरदर्शन अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकेगा। सरकार के उचित नियंत्रण से ही राष्ट्र निर्माण

व सामाजिक उन्नयन सम्भव होगा। नहीं तो निजी चैनल पेशेवर होने के कारण अंधी होड़ में

नैतिकता का पतन कर बैठेंगे।

प्रश्न 7. नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। उनके सामने या का निशान लगाते ।

की पुष्टि के लिए उदाहरण भी दीजिए-

(क) संचार माध्यम केवल मनोरंजन के साधन है।

(B) केवल तकनीकी विकास के कारण संचार सम्भव हुआ, इससे पहले सचा

बदल सकते हैं।

अभिव्यक्ति और माध्यम (पात के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोदस, ... प्रश्नोत्तर)

(ग) समाचार पत्र और पत्रिकाएँ इतने सशक्त संचार माध्यम है कि वे राष्ट्र का स्वरूप

(घ) टेलीविजन सबसे प्रभावशाली एवं सशक्त संचार माध्यम है।

(ङ) इंटरनेट सभी संचार माध्यमों का मिला जुला रूप या समागम है।

(च) कई बार संचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

उत्तर-(क) (x), (ख) (x), (ग) (1), (घ) (V), (3) (1), (च) (1)

अतिरिक्त परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर

-

• अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. संचार क्या है?

उत्तर-संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संदेशों का आदान-प्रदान है।

प्रश्न 2. संचार के माध्यमों की खोज क्यों की?

उत्तर-संदेशों के आदान-प्रदान में लगने वाले समय और दूरी को पाटने के लिए ही

मनुष्य ने संचार माध्यमों की खोज की।

प्रश्न 3. मशहूर संचारशास्त्री विल्बर त्रैम ने संचार को क्या माना है?

उत्तर-मशहूर संचारशास्त्री विल्बर रैम ने संचार को अनुभवों की साझेदारी माना है।

प्रश्न 4. अमेरिकी आतंकवादी हमले को दुनिया ने कैसे देखा ?

उत्तर-दुनिया ने इस हमले को टेलीविजन के परदे पर अपनी आँखों के सामने घटते

हुए देखा।

प्रश्न 5. संचार के मुख्य तत्वों के नाम लिखिए।

उत्तर-स्रोत या संचारक, कूटीकृत या एनकोडिंग (भाषा), संदेश, माध्यम (चैनल)

प्राप्तकर्ता (रिसीवर) यानि डीकोडिंग, फीडबैक, शोर ।

प्रश्न 6. संचारक या स्रोत कौन व्यक्ति होता है ?

उत्तर-अपने विचार, संदेश या भावना को अन्य व्यक्ति तक भेजने वाला व्यक्ति स्रोत

-

या संचारक कहलाता है।

प्रश्न 7. फीडबैक किसे कहते हैं ?

उत्तर-संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता के संदेश को समझकर प्रतिक्रिया करने को फीडबैक

कहते हैं।

प्रश्न 8. प्राप्तकर्ता के पास सन्देश अपने मूल रूप में क्यों नहीं पहुँचता ?

उत्तर-संचार प्रक्रिया में शोर (बाधा) के कारण संदेश अपने मूल रूप में प्राप्तकर्ता

के पास नहीं पहुँच पाता है।

प्रश्न 9.संचार के प्रकारों के नाम बताइए।

उत्तर-सांकेतिक संचार, मौखिक अमौखिक संचार, अंत:वैयक्तिक संचार,

अंतरवैयक्तिक संचार, समूह संचार, जनसंचार।


प्रश्न 10. नौकरी और दाखिले के लिए संचार की किस विधा को अपनाया जाता

उत्तर-नौकरी और दाखिले के लिए होने वाले इण्टरव्यू में अन्तरवैयक्तिक संचार का

विधा को अपनाया जाता है।

प्रश्न 11. समूह संचार क्या है ? इसके कोई तीन उदाहरण दीजिए।

उत्तर-समूह संचार में एक समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चा करता है इसई

उदाहरण है-कक्षा, संसद और गाँव की पंचायत।

प्रश्न 12. वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण संचार कौन-सा है ?

उत्तर-सबसे महत्वपूर्ण संचार जनसंचार (मास कम्युनिकेशन) है जिसमें तकनीकी

या यांत्रिक माध्यम की सहायता से समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करने की

कोशिश की जाती है।

प्रश्न 13. जनसंचार की कोई दो विशिष्टताएँ बताइए।

उत्तर-(1) फीडबैक तुरन्त प्राप्त नहीं होता।

(2) संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता।

प्रश्न 14. जनसंचार माध्यमों में द्वारपाल किसे कहते हैं ?

उत्तर-द्वारपाल वह व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह है जो जनसंचार माध्यमों से प्रकाशित

व प्रसारित सामग्री को नियंत्रित व निर्धारित करते हैं।

प्रश्न 15. जनसंचार के कौन-कौन से कार्य हैं?

उत्तर-जनसंचार के कार्य है-सूचना देना, शिक्षित करना, मनोरंजन करना, एजेंडा तय

करना, निगरानी करना, विचार-विमर्श के मंच का आयोजन करना।

प्रश्न 16. भारत में जनसंचार माध्यमों के सूत्र कहाँ और किससे प्राप्त होते हैं ?

उत्तर-भारत में जनसंचार माध्यमों के सूत्र (बीज) पौराणिक काल के मिथकीय पात्रों

में पाए जाते हैं।

प्रश्न 17. भारत का पहला समाचार वाचक किसे माना जाता है ?

उत्तर-भारत का पहला समाचार वाचक देवर्षि नारद को माना जाता है जो वीणा की

मथर झंकार के साथ समाचार देते थे।

प्रश्न 18. महाभारत में युद्ध विवरण के वाचक कौन थे ?

उत्तर - महाभारत में युद्ध विवरण के वाचक संजय' थे। यह एक अत्यन्त समृद्ध संचार

व्यवस्था थी।

प्रश्न 19. प्रागैतिहासिक काल के जनसंचार क्या थे?

उत्तर-भीमबेटका के गुफा चित्र उसके बाद कठपुतली तथा लोकनाटक जनसंचार में

प्रश्न 29.विविध नाट्य रूपों के नाम बताइए।

उत्तर-कथावाचन, बाउल, सांग, रागनी, तमाशा, लावनी, नौटंकी, यक्षगान आदि।

प्रश्न 21. जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, इंटरनेट ।


अभिव्यक्ति और माध्यम (पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स, ... प्रश्नोत्तर)

प्रश्न 22. जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी क्या है ?

उत्तर-जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी पत्र-पत्रिकाएँ या प्रिंट मीडिया है।

प्रश्न 23. अखबारी पत्रकारिता को अस्तित्व में आए कितना समय हो गया ?

उत्तर-400 साल।

प्रश्न 24. भारत में छपने वाला पहला अखबार कौन-सा था तथा कब और कहाँ निकला था?

उत्तर-पहला अखबार 'बंगाल गजट' था जो 1780 में कलकत्ता से निकला था।

प्रश्न 25. हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन-सा था तथा कब व कहाँ से निकला था?

उत्तर-हिन्दी का पहला साप्ताहिक पत्र 'उदंत मार्तंड' था जो 1826 में कलकत्ता से

पं. जुगल किशोर शुक्ल के संपादन में निकला था।

प्रश्न 26. रेडियो का आविष्कार किसने और कब किया ?

उत्तर-सन् 1895 में इटली के इलेक्ट्रीकल इंजीनियर जी. मार्कोनी ने रेडियो का

आविष्कार किया।

प्रश्न 27. भारत में रेडियो स्टेशन की स्थापना कब और कहाँ हुई ?

उत्तर-सन् 1936 में विधिवत् ऑल इण्डिया रेडियो की स्थापना दिल्ली में हुई।

प्रश्न 28. सर्वप्रथम टेलीविजन प्रसारण कब और कहाँ हुआ?

उत्तर-1927 में बेल टेलीफोन लेबोरेट्रीज ने न्यूयॉर्क और वाशिंगटन के बीच प्रायोगिकटेलीविजन कार्यक्रम का प्रसारण किया।

 प्रश्न 29. भारत में टेलीविजन प्रसारण किसके सहयोग से एवं कब आरम्भ हुआ?

उत्तर-भारत में यूनेस्को के सहयोग से 15 सितम्बर, 1959 को टी. वी. का प्रसारण शुरू हुआ।

प्रश्न 30. आरम्भ में टी. वी. माध्यम का उद्देश्य क्या था ?

उत्तर-आरम्भ में टी. वी. माध्यम का उद्देश्य था शिक्षा और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करना।

प्रश्न 31. दूरदर्शन आकाशवाणी से कब अलग हुआ ?

उत्तर-1 अप्रैल, 1976 से।

प्रश्न 32. ब्रेकिंग न्यूज से क्या आशय है ?

उत्तर-जब कोई बड़ी खबर कम-से-कम शब्दों में दर्शकों तक तत्काल पहुँचाई जाती है, जैसे भारत 66 रन से जीता।

प्रश्न 33. लाइव से क्या आशय है ?

उत्तर-जब किसी समाचार या घटना का सीधे घटना स्थल से प्रसारण किया जाता है तो उसी को लाइव समाचार कहते हैं।

प्रश्न 34. सबसे पहला निजी टी. वी. चैनल कौन-सा है ?

उत्तर-सबसे पहला निजी टी. वी. चैनल जी. टी. वी. है।

प्रश्न 35, सिनेमा का आविष्कार किसने किया?

उत्तर-सिनेमा का आविष्कार थॉमस अल्वा एडीसन ने सन् 1883 में किया।

प्रश्न 36. विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन-सी थी?

उत्तर-1894 में फ्रांस में बनी 'द अराइवल ऑफ ट्रेन' विश्व की पहली फिल्म थी।

प्रश्न 37. भारत में पहली मूक फिल्म किसने और कब बनाई ?

उत्तर-भारत में पहली मूक फिल्म 'राजा हरिश्चन्द्र' 1913 में दादा साहब फाल्के

बनाई।

प्रश्न 38. पहली बोलती फिल्म भारत में कौन-सी थी व कब बनी?

उत्तर-पहली बोलती फिल्म 'आलम-आरा' सन् 1931 में बनी।

प्रश्न 39. वर्तमान का लोकप्रिय संचार माध्यम क्या है?

उत्तर-इंटरनेट जनसंचार का लोकप्रिय व सबसे नया माध्यम है।

प्रश्न 40. इंटरनेट क्या है ?

उत्तर-इंटरनेट ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा

यहाँ तक कि पुस्तकालय के सारे गुण हैं।

प्रश्न 41. इंटरनेट का कोई एक लाभ व एक हानि बताइए।

उत्तर-लाभ-हमें विश्वग्राम का सदस्य बना दिया है।

हानि-बच्चों व युवाओं में अकेलापन बढ़ता जा रहा है।

प्रश्न 42. जनसंचार माध्यमों ने सरकार के प्रति क्या निगरानी की है ?

उत्तर-जनसंचार माध्यमों ने लोगों को जागरूक बनाकर सरकार के गलत कार्यों के

प्रति आवाज उठाने योग्य बनाया है।

प्रश्न 43. जनसंचार माध्यमों पर समाज के किस वर्ग का स्वामित्व है?

उत्तर-कम्पनियों, धनी वर्ग, राजनेताओं, भ्रष्टाचारी आदि का स्वामित्व है।

प्रश्न 44. जनसंचार माध्यम हमारे घरों में किस रूप में घुस आए हैं ?

उत्तर-एक उत्पाद के रूप में।

प्रश्न 45. जनसंचार माध्यमों की ताकत कब से बढ़ी है ?

उत्तर-आपातकाल के बाद से जनसंचार माध्यमों की ताकत बढ़ी है।

• लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1. संचार क्या है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-मनुष्य की प्रकृति है कि वह एक ओर अकेला नहीं रह सकता तो दूसरी ओर

बिना बात किए नहीं रह सकता। इसलिए उसे समूह में रहना पड़ता है और अपनी जरूरतों को

पूरा करने के लिये बातचीत करनी होती है, यह बातचीत ही संदेशों का आदान-प्रदान है। इस

प्रकार संचार दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और भावनाओं की

आदान-प्रदान है, अनुभवों की साझेदारी है और एक प्रक्रिया है।

प्रश्न 2. संचार को जीवन की निशानी क्यों कहा गया है?

कि एक बच्चा भी रोकर अपनी माँ का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। संचार समाप्त

उत्तर-कोई भी प्राणी दैनिक जीवन में संचार किए बिना नहीं रह सकता। यहाँ तक


अभिव्यक्ति और माध्यम (पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स, . प्रश्नोत्तर

करेगा ही। मनुष्य में संचार करने की क्षमता अन्य प्राणियों से अधिक होती है क्योंकि वह एक

होने का अर्थ है-मृत्यु। जब तक मनुष्य जीवित है वह सन्देशों का आदान-प्रदान यानि संचार

सामाजिक प्राणी है अतः जब तक वह जीवित है उसे समाज के बीच संचार करना ही होगा।

इसीलिए संचार को जीवन की निशानी कहा गया है।

प्रश्न 3. संचार माध्यम किसे कहते हैं ?

उत्तर-जब हम अपने अनुभव बाँटते हैं तो वह केवल दो व्यक्तियों तक सीमित न होकर

हजारों-लाखों के बीच बाँटते हैं, जो जनसंचार हो जाता है। इस प्रकार सूचनाओं, विचारों और

भावनाओं को लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से

दूसरी जगह पहुँचाना ही संचार है और इस प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद करने वाले तरीके

संचार माध्यम कहलाते हैं।

प्रश्न 4. संचार-क्रान्ति क्या है ?

उत्तर-व्यक्ति संचार और जनसंचार के विभिन्न माध्यमों-टेलीफोन, इंटरनेट, फैक्स,

समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि के माध्यम से सन्देशों का आदान-प्रदान करते

समय दूरी व समय को समाप्त (कम) करता जा रहा है। इस प्रकार भौगोलिक, सांस्कृतिक,

मानसिक रूप से हम एक-दूसरे के अधिक निकट आ गए हैं और यह संसार एक लघु गाँव में

परिवर्तित हो गया है। यही संचार क्रान्ति है।

प्रश्न 5. संचार को अंतरक्रियात्मक (इंटरएक्टिव) क्यों कहा जाता है ?

उत्तर-संचार एक घटना न होकर जीवन्त प्रक्रिया है जिसमें सूचना देने वाले और पाने

वाले की सक्रिय भागीदारी अनिवार्य है। दोनों की सक्रिय भागीदारी से ही यह प्रक्रिया पूरी होती

है। यदि एक भी अनिच्छुक होता है तो संचार प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ती है। इसीलिए संचार को

अन्तरक्रियात्मक (इंटरएक्टिव) प्रक्रिया कहा गया है।

प्रश्न 6. संचार की प्रक्रिया के तत्वों (चरणों) को सिलसिलेवार लिखिए।

उत्तर-संचार एक प्रक्रिया होने के कारण इसके कई चरण हैं जो निम्न प्रकार हैं-

(1) स्रोत या संचारक (सन्देश देने के बारे में सोचना)।

(2) कूटीकृत या एनकोडिंग (दोनों का एक ही भाषा से परिचित होना)।

(3) सन्देश स्पष्ट व सीधा हो।

(4) माध्यम (सन्देश माध्यम के जरिए सन्देश प्राप्तकर्ता के पास पहुँचना)।

(5) डीकोडिंग (सन्देश के अर्थ को समझना)।

(6) फीडबैक (सन्देश प्राप्तकर्ता की प्रतिक्रिया)।

(7) शोर (सन्देश के पहुँचने में बाधाएँ)।

प्रश्न 7. संचार प्रक्रिया में सन्देश का क्या महत्व है ?

उत्तर-किसी भी संचारक का सबसे प्रमुख उद्देश्य अपने सन्देश को उसी अर्थ के साथ

प्राप्तकर्ता तक पहुँचाना है। प्रथम संचारक अपने सन्देश को अच्छी तरह समझता हो। सन्देश

जितना ही स्पष्ट और सीधा होगा सन्देश के प्राप्तकर्ता को सन्देश समझना उतना ही आसान होगा।


-प्रश्न 8. डिकोडिंग से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-सन्देश प्राप्तकर्ता प्राप्त सन्देश कूटवाचन अर्थात् डिकोडिंग करता है। डिकोहि

का अर्थ है प्राप्त सन्देश में निहित अर्थ को समझने की कोशिश करना। यह एनकोडिंग की

उल्टो प्रक्रिया है। सन्देश प्राप्तकर्ता चिह्नों, संकेतों के अर्थ निकालता है। अर्थात् संचारक और

प्राप्तकर्ता दोनों को उस कोड (भाषा) से परिचित होना चाहिए।

प्रश्न 9.फीडबैक किसे कहते हैं ?

उत्तर-संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की अहम् भूमिका होती है। सन्देश प्राप्तकर्ता सन्देश

पाकर सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की

प्रतिक्रिया को फीडबैक कहते हैं। फीडबैक से ही संचारक अपने सन्देश में सुधार करता है।

प्रश्न 10. संचार प्रक्रिया में शोर क्या है?

उत्तर-संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को शोर कहते हैं। शोर मानसिक, तकनीकी,

भौतिक आदि किसी भी प्रकार का हो सकता है। शोर के कारण सन्देश अपने मूल रूप में

प्राप्तकर्ता तक नहीं पहुंच पाता है। सफल संचार के लिए संचार प्रक्रिया से शोर को हटाना या

कम करना अनिवार्य होता है।

प्रश्न 11. संचार के विभिन्न प्रकारों के नाम बताइए।

उत्तर-संचार के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं-

(1) सांकेतिक संचार,

(2) मौखिक-अमौखिक संचार,

(3) अंत:वैयक्तिक संचार,

(4) अंतरवैयक्तिक संचार,

(5) समूह संचार,

(6) जनसंचार।



जनसंचार माध्यम और लेखन pdf download
jansanchar aur madhyam 11t,12th hindi pdf



प्रश्न 12. सांकेतिक संचार से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर-सांकेतिक संचार का अर्थ है-संकेतों (इशारों) द्वारा सन्देश पहुँचाना। मनुष्य

का हाथ जोड़ना, पाँव छूना, हाथ मिलाना, मुट्ठी कसना, सिगनल देना, लाल बत्ती होना, हरी

बत्ती आदि सांकेतिक संचार हैं। इनमें मनुष्य अपने अंशों या उपकरणों का प्रयोग करता है।

मूक-बधिर को इसी संकेत भाषा से पढ़ाया जाता है एवं बात समझायी जाती है। आदिकाल में

जब भाषा का विकास नहीं हुआ था तो आदिमानव इसी भाषा का प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 13. अन्त:वैयक्तिक संचार का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-जब हम अकेले में सोचते, योजना बनाते, किसी को याद करते हैं यानि संचारक

और प्राप्तकर्ता एक ही व्यक्ति होता है तो इसे अंत:वैयक्तिक संचार कहते हैं। यह संचार का

सबसे बुनियादी रूप हैं। पूजा, इबादत, प्रार्थना, ध्यान लगाना अन्त:वैयक्तिक संचार के उदाहरण

हैं। डायरी लेखन और आत्मपरक कविताएँ अन्त:वैयक्तिक संचार हैं।

प्रश्न 14. अंतरवैयक्तिक संचार किसे कहते हैं ?

उत्तर-जब दो व्यक्ति आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतरवैयक्तिक संचार कहते

हैं। इसमें फीडबैक तुरन्त प्राप्त होता है। अंतरवैयक्तिक संचार की मदद से ही हम आपसी

अभिव्यक्ति और माध्यम (पाठ के महत्वपूर्ण बिन्दु/नोट्स,.

सम्बन्ध विकसित करते हैं। यह संचार पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों की बुनियाद है। हर

प्रकार के साक्षात्कार अंतरवैयक्तिक संचार के अन्तर्गत आते हैं।

प्रश्न 15. जनसंचार को परिभाषित कीजिए।

उत्तर-जब हम व्यक्तियों के समूह के साथ प्रत्यक्ष संवाद की बजाय किसी यांत्रिक

माध्यम के जरिये समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करने की कोशिश करते हैं तो

जनसंचार कहते हैं। इसमें एक सन्देश को यांत्रिक माध्यम के जरिए बहुगुणित किया जाता

है। अखबार, रेडियो, टी.वी., सिनेमा, इंटरनेट आधुनिक जनसंचार के माध्यम हैं।

प्रश्न 16. जनसंचार की प्रमुख विशिष्टताएँ लिखिए।

उत्तर-जनसंचार की निम्नलिखित विशिष्टताएँ हैं-

(1) जनसंचार में फीडबैक तुरन्त प्राप्त नहीं होता है।

(2) जनसंचार में संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच सीधा सम्बन्ध नहीं होता।

(3) इसमें अनेक द्वारपाल होते हैं जो प्रकाशित सामग्री को नियंत्रित करते हैं।

(4) प्रकाशित या प्रसारित सन्देशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।

प्रश्न 17. जनसंचार का मुख्य कार्य शिक्षित करना है, शिक्षित करने से यहाँ क्या तात्पर्य है?

उत्तर-जनसंचार माध्यम सूचनाओं के जरिए हमें जागरूक बनाते हैं। जनता को शिक्षित

करते हैं। शिक्षित करने से आशय है जनता को दुनिया के हाल-चाल से परिचित कराने और

उसके प्रति सजग बनाने से है।

प्रश्न 18. पत्रकारिता किसे कहते हैं तथा इसके तीन पहलू कौन-कौन से हैं ?

उत्तर-किसी भी जनसंचार माध्यम से खबरों के संचार को पत्रकारिता कहा जाता है।

इसके तीन पहलू हैं-(1) समाचारों को संकलित करना। (2) उन्हें सम्पादित कर छपने योग्य

बनाना। (3) पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाठक तक पहुँचाना।

प्रश्न 19. आजादी के बाद भारत में रेडियो के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-आजादी के बाद भारत में रेडियो बेहद शक्तिशाली माध्यम के रूप में विकसित

किया गया। रेडियो एक ध्वनि माध्यम है। एक धर्मनिरपेक्ष, लोकहितकारी राष्ट्र के जन माध्यम

के तौर पर देश के नवनिर्माण में आकाशवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सूचना और शिक्षा

के अलावा इसने देश की सामाजिक संस्कृति को उभारने और नवनिर्माण के लिए महत्वपूर्ण

कार्य किए हैं।

प्रश्न 20. सिनेमा को जनसंचार का उत्तम और शक्तिशाली माध्यम क्यों माना जाता है?

उत्तर-सिनेमा जनसंचार का अति लोकप्रिय माध्यम है यद्यपि यह सीधे तौर पर सूचना

ने का काम नहीं करता लेकिन परोक्ष रूप में सूचना, ज्ञान व सन्देश देता है। मनोरंजन के

साथ लोगों में नई सोच विकसित करने तथा देश के सामाजिक यथार्थ को गहराई से पकड़कर

व्यावसायिकता का रास्ता खोलता है। साथ ही, अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है इसी कारण

सिनेमा को शक्तिशाली माध्यम माना गया है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.