CBSE Class 12 Syllabus 2023-2024 pdf

 


CBSE Class 12 Syllabus 2023-2024 pdf download | सीबीएसई कक्षा 12 वीं सिलेबस 2023 

Class 12th syllabus 2023-2024 - हेलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट में और आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप बोर्ड कक्षा-12वीं हिन्दी सिलेबस 2023 
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CBSE Class 12 Syllabus Hindi 2023-2024 PDF Download – 


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Class 12 English Elective Syllabus 2023
हिंदी (आधार) (कोड सं.-302)
कक्षा 11वीं-12वीं (2023 )
प्रस्तावना:
दसवीं कक्षा तक हिंदी का अध्ययन करने वाला शिक्षार्थी समझते हुए पढ़ने व सुनने के साथ-साथ हिंदी में सोचने
और उसे मौखिक एवं लिखित रूप में व्यक्त कर पाने की सामान्य दक्षता अर्जित कर चुका होता है। उच्चतर
माध्यमिक स्तर पर आने के बाद इन सभी दक्षताओं को सामान्य से ऊपर उस स्तर तक ले जाने की आवश्यकता
होती है, जहाँ भाषा का प्रयोग भिन्न-भिन्न व्यवहार क्षेत्रों की मांगों के अनुरूप किया जा सके। आधार पाठ्यक्रम,
साहित्यिक बोध के साथ-साथ भाषाई दक्षता के विकास को ज्यादा महत्त्व देता है। यह पाठ्यक्रम उन शिक्षार्थियों
के लिए उपयोगी साबित होगा, जो आगे विश्वविद्यालय में अध्ययन करते हुए हिंदी को एक विषय के रूप में पढ़ेंगे
या विज्ञान / सामाजिक विज्ञान के किसी विषय को हिंदी माध्यम से पढ़ना चाहेंगे। यह उनके लिए भी उपयोगी
साबित होगा, जो उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा के बाद किसी तरह के रोजगार में लग जाएंगे। वहीं
कामकाजी हिंदी का आधारभूत अध्ययन काम आएगा। जिन शिक्षार्थियों की रुचि जनसंचार माध्यमों में होगी,
उनके लिए यह पाठ्यक्रम एक आरंभिक पृष्ठभूमि निर्मित करेगा। इसके साथ ही यह पाठ्यक्रम सामान्य रूप से
तरह-तरह के साहित्य के साथ शिक्षार्थियों के संबंध को सहज बनाएगा। शिक्षार्थी भाषिक अभिव्यक्ति के सूक्ष्म
एवं जटिल रूपों से परिचित हो सकेंगे। वे यथार्थ को अपने विचारों में व्यवस्थित करने के साधन के तौर पर भाषा
का अधिक सार्थक उपयोग कर पाएँगे और उनमें जीवन के प्रति मानवीय संवेदना एवं सम्यक् दृष्टि का विकास
हो सकेगा।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, नई शिक्षा नीति 2020 तथा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा समय-समय पर
दक्षता आधारित शिक्षा, कला समेकित अधिगम, अनुभवात्मक अधिगम को अपनाने की प्रेरणा दी गई है जो
शिक्षार्थियों की प्रतिभा को उजागर करने, खेल-खेल में सीखने पर बल देने, आनंदपूर्ण ज्ञानार्जन और विद्यार्जन
के विविध तरीकों को अपनाने तथा अनुभव के द्वारा सीखने पर बल देती है।
दक्षता आधारित शिक्षा से तात्पर्य है सीखने और मूल्यांकन करने का एक ऐसा दृष्टिकोण जो शिक्षार्थी के सीखने
के प्रतिफल और विषय में विशेष दक्षता को प्राप्त करने पर बल देता है। दक्षता वह क्षमता, कौशल, ज्ञान और
दृष्टिकोण है जो व्यक्ति को वास्तविक जीवन में कार्य करने में सहायता करता है। इससे शिक्षार्थी यह सीख सकते
हैं कि ज्ञान और कौशल को किस प्रकार प्राप्त किया जाए तथा उन्हें वास्तविक जीवन की समस्याओं कैसे
लागू किया जाए। प्रत्येक विषय, प्रत्येक पाठ को जीवनोपयोगी बनाकर प्रयोग में लाना ही दक्षता आधारित शिक्षा
है। इसके लिए उच्च स्तरीय चिंतन कौशल पर विशेष बल देने की आवश्यकता है।
कला समेकित अधिगम को शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में सुनिश्चित करना अत्यधिक आवश्यक है। कला के संसार
में कल्पना की एक अलग ही उड़ान होती है। कला एक व्यक्ति की रचनात्मक अभिव्यक्ति है। कला समेकित
अधिगम से तात्पर्य है कला के विविध रूपों संगीत, नृत्य, नाटक, कविता, रंगशाला, यात्रा, मूर्तिकला, आभूषण
बनाना, गीत लिखना, नुक्कड़ नाटक, कोलाज, पोस्टर, कला प्रदर्शनी को शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया का अभिन्न
हिस्सा बनाना। किसी विषय को आरंभ करने के लिए आइस ब्रेकिंग गतिविधि के रूप में तथा सामंजस्यपूर्ण
समझ पैदा करने के लिए अंतरविषयक या बहुविषयक परियोजनाओं के रूप में कला समेकित अधिगम का
प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे पाठ अधिक रोचक एवं ग्राह्य हो जाएगा।
अनुभवात्मक अधिगम या आनुभविक ज्ञानार्जन का उद्देश्य शैक्षिक वातावरण को शिक्षार्थी केंद्रित बनाने के साथ-
साथ स्वयं मूल्यांकन करने, आलोचनात्मक रूप से सोचने, निर्णय लेने तथा ज्ञान का निर्माण कर उसमें पारंगत
होने से है। यहाँ शिक्षक की भूमिका मार्गदर्शक की रहती है। ज्ञानार्जन अनुभव सहयोगात्मक अथवा स्वतंत्र
होता है और यह शिक्षार्थी को एक साथ कार्य करने तथा स्वयं के अनुभव द्वारा सीखने पर बल देता है। यह
सिद्धांत और व्यवहार के बीच की दूरी को कम करता है।
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से:
1. शिक्षार्थी अपनी रुचि और आवश्यकता के अनुरूप साहित्य का गहन और विशेष अध्ययन जारी रख
सकेंगे।
2. विश्वविद्यालय स्तर पर निर्धारित हिंदी साहित्य से संबंधित पाठ्यक्रम के साथ सहज संबंध स्थापित कर
सकेंगे।
3. लेखन कौशल के व्यावहारिक और सृजनात्मक रूपों की अभिव्यक्ति में सक्षम हो सकेंगे।
4. रोज़गार के किसी भी क्षेत्र में जाने पर भाषा का प्रयोग प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।
5. यह पाठ्यक्रम शिक्षार्थी को जनसंचार तथा प्रकाशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी क्षमता व्यक्त करने का
अवसर प्रदान कर सकता है।
6. शिक्षार्थी दो भिन्न पाठों की पाठ्यवस्तु पर चिंतन करके उनके मध्य की संबद्धता पर अपने विचार
अभिव्यक्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
7. शिक्षार्थी रटे रटाए वाक्यों के स्थान पर अभिव्यक्तिपरक / स्थिति आधारित/ उच्च चिंतन क्षमता प्रश्नों पर
सहजता से अपने विचार प्रकट कर सकेंगे।
उद्देश्य :
• संप्रेषण के माध्यम और विधाओं के लिए उपयुक्त भाषा प्रयोग की इतनी क्षमता उनमें आ चुकी होगी
कि वे स्वयं इससे जुड़े उच्चतर पाठ्यक्रमों को समझ सकेंगे।
● भाषा के अंदर सक्रिय सत्ता संबंध की समझ
• सृजनात्मक साहित्य की समझ और आलोचनात्मक दृष्टि का विकास।
• शिक्षार्थियों के भीतर सभी प्रकार की विविधताओं (धर्म, जाति, लिंग, क्षेत्र एवं भाषा संबंधी) के प्रति
सकारात्मक एवं विवेकपूर्ण रवैये का विकास।
• पठन सामग्री को भिन्न-भिन्न कोणों से अलग-अलग सामाजिक, सांस्कृतिक चिंताओं के परिप्रेक्ष्य में
देखने का अभ्यास करवाना तथा आलोचनात्मक दृष्टि का विकास करना।
● शिक्षार्थी में स्तरीय साहित्य की समझ और उसका आनंद उठाने की क्षमता तथा साहित्य को श्रेष्ठ बनाने
वाले तत्वों की संवेदना का विकास।
विभिन्न ज्ञानान शासनों के विमर्श की भाषा के रूप में हिंदी की विशिष्ट प्रकृति और उसकी क्षमताओं
का बोध।

• कामकाजी हिंदी के उपयोग के कौशल का विकास
• जनसंचार माध्यमों (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक) में प्रयुक्त हिंदी की प्रकृति से परिचय और इन माध्यमों की
आवश्यकता के अनुरूप मौखिक एवं लिखित अभिव्यक्ति का विकास

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