9th science question bank 2024 solution mp board

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mp board class 9th science question bank solution 2024- हैलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारे वेबसाइट website मे और आज के इस पोस्ट में आपको एमपी बोर्ड द्वारा जारी न्यू कक्षा 9वीं विज्ञान प्रश्न बैंक एमपी बोर्ड 2024 के बारे में बताऊँगा और साथ ही साथ आप इस parshn bank 2024 Class 9th science को हमारी वेबसाइट के माध्यम से भी डाउनलोड कर सकते हैं |इस प्रश्न बैंक के उत्तर भी इसी वेबसाइट के माध्यम से ही डाउनलोड कर सकते हैं | 


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9 वीं विषय विज्ञान प्रश्न बैंक 2024 एमपी बोर्ड ने हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी है | साथ ही साथ एमपी ने बोर्ड ने कक्षा 9वीं से लेकर 12वी तक की कक्षाओं की प्रश्न बैंक को एमपी बोर्ड की official website के माध्यम से download कर सकते हैं या फिर हमारी वेबसाइट के माध्यम से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से भी डाउनलोड कर सकते हैं 







Class 9th science question bank solution mp board
9th science question bank solution 2024 


9th class science Parshn Bank 2024 solution pdf को कैसे download कर सकते हैं 

कक्षा 9 वी वार्षिक परीक्षा पेपर 2024 कक्षा 9 वी विज्ञान प्रश्न बैंक संपूर्ण हल 2024 एमपी बोर्ड ने हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं की तिथि जारी कर दी है | साथ ही साथ एमपी ने बोर्ड ने कक्षा 9वीं से लेकर 12वी तक की कक्षाओं की प्रश्न बैंक के हल को  हमारी वेबसाइट के माध्यम से नीचे दी गई लिंक के माध्यम से भी डाउनलोड कर सकते हैं 


एमपी बोर्ड प्रश्न बैंक 2024 कक्षा 9 वी विषय विज्ञान क्या है?
मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2024 में होने वाली वार्षिक परीक्षा की तैयारी हेतु कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए Question Bank Class 9th Science Solution 2024 विमर्श पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं इन प्रश्न बैंक में एमपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा के महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर होते हैं। जिससे विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिले। यह प्रश्न बैंक अनुभवी शिक्षकों के द्वारा एमपी बोर्ड न्यू ब्लूप्रिंट के आधार पर तैयार किए जाते हैं। 
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (1-अंक), 
अति लघुत्तरीय प्रश्न (2-अंक)
लघुत्तरीय प्रश्न (3-अंक) एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (4-अंक) इकाई वार आवंटित होते हैं
अध्याय 1
हमारे आस पास के पदार्थ
अति लघु उत्तरीय प्रश्न। -2 अंक का

1. ठोसों की अपेक्षा द्रवों में विसरण की दर अधिक क्यों होती है?
उत्तर : ठोस की अपेक्षा द्रव में पदार्थ के कण स्वतंत्र रूप से गति करते है और उन कणो में रिक्त स्थान भी अधिक होते है।

2. गुप्त ऊष्मा किसे कहते हैं?
उत्तर : किसी पदार्थ की गुप्त उष्मा उष्मा की वह मात्रा है जो उसके इकाई मात्रा द्वारा अवस्था परिवर्तन के समय अवषोषित की जाती है या मुक्त की जाती है। इसके अलावा पदार्थ जब अपनी कला (फेज) बदलते हैं तब भी गुप्त उष्मा के बराबर उष्मा का अदान/प्रदान करना पड़ता है।

3. संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा किसे कहते हैं ?
उत्तर : संगलन की प्रसुप्त (गुप्त) ऊष्मा- वायुमण्डलीय दाब पर 1 कि. ग्रा. ठोस को उसके गलनांक पर द्रव में परिवर्तित करने के लिए जितनी ऊष्मीय ऊर्जा की आवष्यकता होती है, उसे संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा कहते हैं।

4. उर्ध्वपातन किसे कहते हैं? एक पदार्थ का उदाहरण दीजिये जिसमे यह गुण पाया जाता है ?
उत्तर :उर्ध्वपातन एक भौतिक-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें कोई पदार्थ अपनी ठोस अवस्था से सीधे गैस मे परिवर्तित हो जाता है । कपूर का ठोस अवस्था से सीधे वाष्प के रूप में उड़ जाना उर्ध्वपातन का एक उदाहरण है।

5. निक्षेपण किसे कहते हैं?
उत्तर : निक्षेपण  एक ऊष्मागतिक प्रक्रिया है जिसमें कोई गैस, ठोस बन जाती है। इसकी उल्टी प्रक्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

6. शुष्क बर्फ किसे कहते हैं और क्यों ?
उत्तर : ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते हैं। 1 atm,( यानी वातावरण द्वारा लगाया गया दाब) से कम दाब होने पर कार्बन डाइऑक्साइड ठोस रूप लेते हुए, शुष्क बर्फ बन जाती है। दोबारा 1 atm में रखने पर यह वापस गैस रूप में बदलने लगती है।

अध्याय 2
क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
अति लघुउत्तरीय प्रश्न :- 2 अंक का

1. आसवन विधि क्या है ?
Ans – आसवन (Distillation) किसी मिश्रित द्रव के अवयवों को उनके वाष्पन-सक्रियताओं (volatilities) के अन्तर के आधार पर उन्हें अलग करने की विधि है। यह पृथक्करण की भौतिक विधि है न कि रासायनिक परिवर्तन अथवा रासायनिक अभिक्रिया। … पानी का आसवन करने से उसकी अशुद्धियाँ (जैसे नमक) निकल जातीँ हैं और अधिक शुद्ध जल प्राप्त होता है।

2. क्रोमैटोग्राफी विधि क्या है ?
Ans – वर्णलेखन या क्रोमैटोग्राफी किसी मिश्रण के अवयवों को अलग-अलग करने की एक तकनीक है। यह लेख नीचे का अनुवाद किसी यान्त्रिक विधि से किया गया है जिसे ठीक करने की आवश्यकता है। … मिश्रण के विभिन्न घटक अलग-अलग गति में यात्रा करते हैं, उनके अलग होने के कारण। पृथक्करण मोबाइल और स्थिर चरणों के बीच अंतर पर आधारित है।

3. प्रभाजी आसवन किसे कहते हैं ?
Ans – प्रभाजी आसवन (Fractional distillation) एक औद्योगिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी मिश्रण के अवयवों को अलग किया जाता है। यह आसवन की एक विशिष्ट विधि है। उदाहरण के लिये पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल, केरोसिन एवं अन्य घटकों को इसी विधि से अलग किया जाता है।

4. क्रिस्टलीकरण विधि के दो अनुप्रयोग लिखिए |
Ans – क्रिस्टलीकरण विधि से समुद्री जल से प्राप्त नमक को शुद्ध किया जाता है और उसमें से अशुद्धियां दूर की जाती हैं। क्रिस्टलीकरण विधि की सहायता से अशुद्ध नमूने से फिटकरी को पृथक किया जाता है। क्रिस्टलीकरण विधि वह विधि होती है, जिसके द्वारा विलयन से ठोस पदार्थ को क्रिस्टल के रूप में पृथक कर लिया जाता है।

5. धातु एवं अधातु में दो अंतर लिखिए |
Ans –
1. धातुएं क्षारीय ऑक्साइड बनाती है, जिसमें से कुछ क्षार बनाते है। अधातुएँ अम्लीय अथवा उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं।
2. धातुएँ सामान्यत: ऊष्मा एवं विद्युत की सुचालक होती हैं। अधातुएँ विद्युत की कुचालक, अपवाद-ग्रेफाइट (कार्बन का अपररूप) होती है।
3. धातुओं की अवस्था ठोस होती है। जबकि अधातुएँ ठोस/द्रव/ गैस तीनों अवस्थाओं मे होती है।
4. धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस पुन: स्थापित करती है। जबकि अधातुएँ अम्लों मे से हाइड्रोजन गैस को पुनः स्थापित नही करती है।

6. भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तनों के दो गुण लिखिए |
Ans – भौतिक परिवर्तन के गुण
1 . पदार्थ के केवल भौतिक गुणों यथा अवस्था , रंग , गंध , आदि में परिवर्तन होता है ।
2 . परिवर्तन का कारण हटाने पर पुनः प्रारम्भिक पदार्थ प्राप्त होता है ।
3 . यह परिवर्तन अस्थायी होता है ।
4 . नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है ।

रासायनिक परिवर्तन के गुण
1 . रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप बनने वाला पदार्थ रासायनिक गुणों व संघटन में प्रारम्भिक पदार्थ से पूर्णतया भिन्न होता है ।
2 . सामान्यतया पुनः प्रारम्भिक पदार्थ प्राप्त नहीं किया जा सकता है ।
3 . यह परिवर्तन स्थाई होता है ।
4 . नये पदार्थ का निर्माण होता है ।

7. उपधातु क्या होती हैं? एक उपधातु का नाम लिखिए ।
Ans – वे तत्व जिनमें धातु तथा अधातु दोनों के गुण पाए जाते हैं उन्हें उपधातु (Metalloid) कहते हैं।
बोरान, सिलिकॉन, जर्मेनियम, आर्सेनिक, एण्टीमनी और टेल्युरियम – ये छः प्रायः उपधातु कहे जाते हैं।

8. तत्व एवं यौगिक में क्या अंतर है ?
Ans – तत्व का निर्माण एक प्रकार के परमाणुओं से मिलकर होता है जबकि योगी का निर्माण दो या दो से अधिक परमाणुओं से मिलकर होता है तत्व भौतिक और रासायनिक क्रियाओं के द्वारा तरल पदार्थों में विघटित नहीं होते हैं जबकि योगी को भौतिक और रासायनिक क्रिया के द्वारा तरल पदार्थ में विभाजित किया जा सकता है

9. मिश्रण एवं यौगिक में दो अंतर लिखिए |
Ans – मिश्रण का संघटन अनिश्चित होता है अर्थात इसमें सम्मिलित अवयव किसी भी अनुपात में हो सकते हैं। यौगिक का संघटन निश्चित होता है। यौगिक में सम्मिलित तत्व द्रव्यमान के एक निश्चित अनुपात में होते हैं। मिश्रण का गलनांक, क्वथनांक एवं घनत्व आदि निश्चित नहीं होता है।

10. मिश्र धातु किसे कहते हैं ? एक मिश्र धातु का नाम लिखिए |
Ans – मिश्रधातु (Alloys)- किसी धातु का किसी अन्य धातु या अधातु के साथ मिलाकर बनाया गया संगामी मिश्रण, मिश्रधातु कहलाता है। जैसे-टांके में कलई तथा सीसा समान मात्रा में मिलाया जाता है। उदाहरण के लिए स्टेनलेस स्टील, टांका, पीतल, कांसा बैल मैटल आदि सभी मिश्रधातुएं हैं।

11. भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तनों के दो उदाहरण लिखिए
Ans –
1. रासायनिक परिवर्तन से बनने वाला पदार्थ रासायनिक गुणों तथा संघटन में प्रारम्भिक पदार्थ से पूर्णतया भिन्न होता है । पदार्थ के केवल भौतिक गुणों जैसे अवस्था , रंग , गंध आदि में परिवर्तन होता है ।
2. सामान्यतया प्रारम्भिक पदार्थ पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है । परिवर्तन का कारण हटाने पर पुनः प्रारम्भिक पदार्थ प्राप्त हो जाता है ।
3. यह परिवर्तन स्थाई होता है । यह परिवर्तन अस्थाई होता है ।
4. इसमें नये पदार्थ का निर्माण होता है । इसमें नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है |
5. उदाहरण – लोहे पर जंग लगना । उदाहरण – बर्फ ⇋ जल ⇋ वाष्प

 


अध्याय 3
परमाणु एवं अणु
दीर्घउत्तरीय प्रश्न: 4 अंक का

1. द्रव्यमान संरक्षण का नियम उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिये।
उत्तर : द्रव्यमानद्रव्यमान के संरक्षण का सिद्धांत : द्रव्यमान का ना ही सृजन हो सकता है तथा ना इसे नष्ट किया जा सकता है। जब मोमबत्ती जलती है, तब उसका मोम ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर पानी (H2O) तथा कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाता है। तो यदि हम मोम और ऑक्सीजन का कुल वज़न लें ,तो वह H2O और CO2 के कुल वज़न के बराबर होगा।

2. स्थिर अनुपात का नियम उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिये|
उत्तर : इस नियम के अनुसार ” किसी रासायनिक यौगिक में अवयवी तत्वों के भारों का सदैव एक निश्चित अनुपात रहता है। ” उदाहरण : H2O में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के भारों का अनुपात = २ : १६ = १ : ८ ; किसी भी स्त्रोत से प्राप्त जल में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के भारों का अनुपात सदैव १ : ८ रहता है।

3. डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के प्रमुख बिंदु लिखिए |
उत्तर : इस सिद्धांत के प्रमुख बिंदु निम्न हैं-
१.प्रत्येक तत्व अतिसूक्ष्म अविभाज्य कणों से मिलकर बना है जिन्हें परमाणु कहते हैं।
२.एक तत्व की सभी परमाणु आकार तथा गुणों में समान होते हैं किंतु भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु भिन्न-भिन्न होते हैं।
३.भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु के गुण भी भिन्न भिन्न होते हैं।
४.परमाणु अविनाशी होता है अर्थात रासायनिक अभिक्रिया में परमाणु ना तो उत्पन्न होते हैं और ना ही नष्ट होते हैं।
५.तत्वों के परमाणु वापस में संयोग करके संयुक्त परमाणु बनाते हैं तथा आधुनिक शब्दों में इस संयुक्त परमाणु को अणु कहते हैं।
६.बनने वाले संयुक्त परमाणु में परमाणुओं कि आपेक्षिक संख्या और उनका प्रकार निश्चित होता है।

4. निम्नलिखित के सूत्र लिखिए

ans –

सोडियम ऑक्साइड : Na₂O
एल्युमीनियम ऑक्साइड : Al2O3
सोडियम सल्फाइड : Na₂S
कैल्शियम कार्बोनेट : CaCO₃


अध्याय 4
परमाणु की संरचना
अति लघु उत्तरीय प्रश्न :2 अंक के प्रश्न

1. थॉमसन का परमाणु मॉडल लिखिए ।

Ans –
1. थॉमसन के परमाणु मॉडल (Thomson’s atomic model) के अनुसार परमाणु एक धनावेशित गोला होता है जिसमें इलेक्ट्रान (electrons) विद्यमान रहते है।
2. परमाणु (atom) में धनावेश युक्त प्रोटोन (protons) और ऋणावेश युक्त इलेक्ट्रॉनों का मान समान होता है, इसलिए परमाणु (atom) उदासीन होता है।

2. रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की दो कमियां लिखिए|
Ans – रदरफोर्ड के परमाणु मॉडल की कमियां , दोष या सीमाएं –
1. रदरफोर्ड ने बताया कि इलेक्ट्रॉन , नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते रहते है , अगर ऐसा होता है तो इससे परमाणु के स्थायित्व को नहीं समझाया जा सकता।
2. नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रॉन का वितरण किस प्रकार से होता है , यह भी इसमें नहीं समझाया गया।

3. बोर बरी स्कीम क्या है?
Ans – बोर-बरी स्कीम के अनुसार किसी भी परमाणु की बाहरी कक्षा में अधिकतम 8 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं। जिस परमाणु की बाहरी कक्षा में 8 इलेक्ट्रॉन होते हैं वह परमाणु रासायनिक रूप से सक्रिय नहीं बल्कि अक्रिय होता है। ऐसे तत्वों को अक्रिय गैस कहते हैं। … उदाहरण: क्लोरीन की बाहरी कक्षा में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं।

4. संयोजकता किसे कहते हैं ?
Ans – तत्वों की संयोजन शक्ति (combining power) को संयोजकता (Valency) का नाम दिया गया है। … दूसरे शब्दों में, संयोजकता एक संख्या है जो यह प्रदर्शित करती है कि जब कोई परमाणु कितने इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है, या खोता है या साझा करता है जब वह अपने ही तत्व के परमाणु से या किसी अन्य तत्व के परमाणु से बन्धन बनाता है।

5. समस्थानिक किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए |
Ans – समस्थानिक (Isotope) एक ही तत्व के परमाणु जिनकी परमाणु संख्या समान होती हैं, परन्तु परमाणु भार अलग-अलग होता है, उन्हें समस्थानिक कहा जाता है। इनमें प्रत्येक परमाणु में समान प्रोटोन होते हैं। … उदाहरण के लिए, कार्बन के तीन समस्थानिक कार्बन-12, कार्बन-13 और कार्बन-14 हैं।

6. समभारिक क्या होते हैं एक उदाहरण दीजिए |
Ans – समभारिक – विभिन्न तत्वों के वे परमाणु जिनके द्रव्यमान अंक समान तथा परमाणु क्रमांक भिन्न होते हैं, समभारिक कहलाते हैं। समभारिक परमाणु क्रमांक, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन व न्यूट्रॉन संख्या तथा रासायनिक गुणों में भिन्नता रखते हैं। ये केवल द्रव्यमान अंक समान रखते हैं उदाहरणार्थ, 18 Ar 40 , 19 K 40 तथा 20 Ca 40 समभारिक हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न 3 अंक के प्रश्न:

1. रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल लिखिए |
Ans – रदरफोर्ड ने कहा कि नाभिक के चारो ओर इलेक्ट्रॉन वृत्ताकार कक्षाओ में जिन्हे कक्षा कहा गया। … इसलिए यह परमाणु मॉडल सौरमंडल से मिलता-जुलता है,जिसमे सूर्य नाभिक होता है और ग्रह गतिमान इलेक्ट्रॉन की तरह होते हैं। इलेक्ट्रॉन और नाभिक आपस में आकर्षण के स्थिर वैधयुत बलो द्वारा बंधे रहते हैं।

2. इलेक्ट्रॉनों के वितरण की बोर बरी सकीम उदाहरण सहित लिखिए |
Ans – परमाणु की कक्षा में इलेक्ट्रॉनों के इस वितरण को ज्ञात करने के लिए सन 1921 में वैज्ञानिक बोर(Bohr) तथा बरी(Barry) ने एक योजना प्रस्तुत की थी जिसे बोर-बरी योजना(Bohr-Burry Scheme) कहते हैं। … दूसरी कक्षा के लिए n=2 तथा इस कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2×2²=8 होती है।

3. संयोजकता किसे कहते हैं मैग्नीशियम एवं एल्युमिनियम की संयोजकता लिखिए |
Ans – किसी भी तत्त्व के बाहरी कक्षा में उपस्थित इलेक्ट्रॉन को जो रासायनिक क्रिया में भाग लेते हैं, संयोजी इलेक्ट्रॉन कहा जाता है। 1. मैग्नीशियम के वाह्यय कोष में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 2 है । अत: Mg का संयोजी इलेक्ट्रॉन संख्या 2 है। अत: Mg की संयोजकता 2 है।
2. ऐल्युमिनियम त्रिसंयोजी तत्व है अत: इसके यौगिकों में +3 की संयोजकता, Al(III), प्रदर्शित होती है।

4. परमाणु संख्या एवं द्रव्यमान संख्या क्या व्यक्त करती हैं।
Ans – किसी परमाणु के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या के योग को द्रव्यमान संख्या (mass number) कहते हैं। द्रव्यमान संख्या को A से निरूपित किया जाता है। इसे ‘परमाणु द्रव्यमान संख्या’ या ‘न्युक्लिऑन संख्या’ भी कहते हैं।

5. समस्थानिक एवं समभारिक तत्वों में अंतर लिखिए |
Ans – एक ही तत्व के वह परमाणु जिनकी परमाणु क्रमांक तो सामान हो परंतु परमाणु भार अलग अलग हो,समस्थानिक कहलाते हैं। विभिन्न तत्वों के वह परमाणु जिनका परमाणु भार तो समान होता है, परंतु उनके परमाणु क्रमांक समान नहीं होते समभारिक कहलाते हैं।

6. समस्थानिकों के तीन अनुप्रयोग लिखिए।
Ans –

1. किसी तत्व में समस्थानिकों की आपेक्षिक सान्द्रता ( relative concentration ) स्थिर होती है। पुरातत्ववेत्ता किसी पदार्थ के समस्थानिकों के आपेक्षिक बाहुल्य ( relative abundance ) के निर्धारण द्वारा प्राचीन समय के पौधों अथवा उत्खनन ( excavation ) से प्राप्त जानवरों और मानवों के कंकालों के काल निर्धारण करते हैं।
2. यूरेनियम के समस्थानिकों का प्रयोग परमाणु विखण्डन में इलेक्ट्रॉन प्रस्तुत किया जाता है जिससे अपार मात्रा में ऊर्जा प्राप्त की जाती है।
3. समस्थानिकों का उपयोग विद्युत उत्पादन में किया जाता है।
4. समस्थानिकों से विभिन्न प्रकार के विस्फोटक तैयार किए जाते हैं।

7. एक तत्व X का परमाणु द्रव्यमान 16.2u है तो इसके किसी एक नमूने में समस्थानिक . 16 8 X .816X तथा . 18 8 X .818X का प्रतिशत क्या होगा ?
Ans – औसत परमाणु द्रव्यमान की गणना द्रव्यमान संख्या तथा समस्थानिक की प्रतिशतता से की जाती है । माना, तत्व के कुल परमाणु = 100 यदि एक समस्थानिक का प्रतिशतता a है, तो दूसरे समस्थानिक की प्रतिशतता (100-a) होगी । (i) . 16 8 X .816X संस्थानक का परमाणु द्रव्यमान 16 u है तथा माना इसका प्रतिशत a है । (ii) . 18 8 X .818X संस्थानक का परमाणु द्रव्यमान 18 u है तथा इसका प्रतिशत (100-a) है । तत्व X का औसत परमाणु द्रव्यमान 16.2 u है । औसत परमाणु द्रव्यमान



Chapter 5
जीवन की मौलिक ईकाई
3 अंक के प्रश्न

1. तीन कोशिका अंगों के नाम लिखिए जिनमें स्वयं के डीएनए तथा राइबोसोम होते हैं।
Ans – माइटोकॉन्ड्रिया में अपने स्वयं के गोलाकार डीएनए, आरएनए अणु, राइबोसोम और कुछ अन्य अणु होते हैं जो प्रोटीन संश्लेषण में मदद करते हैं।

2. ब्लैक रिएक्शन विधि क्या है?
Ans – रोगविज्ञानी Giulio Bizzozero से प्रेरित, वह तंत्रिका तंत्र में अनुसंधान का पीछा किया। 1873 में ब्लैक रिएक्शन नामक एक धुंधली तकनीक की उनकी खोज (कभी-कभी गोल्गी की विधि या गोल्गी के दाग को उनके सम्मान में धुंधला कहा जाता है) न्यूरोसाइंस में एक बड़ी सफलता थी।

3. समसूत्री विभाजन किसे कहते हैं ?
Ans – समसूत्री विभाजन (माइटोसिस) वह प्रक्रिया है जिसमें एक केंद्रकयुक्त कोशिका (यूकेरियोटिक सेल) का नाभिक जनक कोशिका से दो संतति कोशिकाओं (कोशिका में विभाजित हो जाता है। हरेक कोशिका विभाजन में दो घटनाएं शामिल होती हैं: साइटोकिनेसिस और कैरियोकिनेसिस।

4. अर्धसूत्री विभाजन किसे कहते हैं ?
Ans – वह कोशिका विभाजन जिससे बनने वाली पुत्री कोशिकाओं में गुणसूत्र संख्या मातृ कोशिका की आधी रह जाती है, अर्धसूत्री विभाजन कहलाता है। अर्धसूत्री विभाजन के द्वारा द्विगुणित मातृ कोशिका से चार अगुणित कोशिकाएँ बनती हैं।

5. माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर क्यों कहते हैं ?
Ans – माइटोकॉण्ड्रिया में भोजन के ऑक्सीकरण से ऊर्जा मुक्त होती है। यहीं पर ऊर्जा ATP के रूप में संचित होती है। इसलिए इसे कोशिका का ऊर्जा संयंत्र ( Power Plant ) कहते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर अथवा ऊर्जा घर ( Power House ) कहा जाता है क्योंकि यह भोजन के ऑक्सीकरण तथा ऊर्जा उत्पादन का कार्य करता है।

6. प्लास्टिक क्या है ? क्लोरोप्लास्ट के दो कार्य लिखिए ।
Ans – प्लास्टिक (Plastic), शंश्लेषित अथवा अर्धशंश्लेषित कार्बनिक ठोस पदार्थों के एक बड़े समूह का सामान्य नाम है। इससे बहुत सारे औद्योगिक उत्पाद निर्मित होते हैं।
क्लोरोप्लास्ट के कार्य (Function of Chloroplast ) –
1. प्रकाश ऊर्जा को अवशोषित करता है और इसे रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
2.क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल नामक एक संरचना होती है जो सौर ऊर्जा को फँसाने के द्वारा कार्य करती है और इसका उपयोग सभी हरे पौधों में भोजन के संश्लेषण के लिए किया जाता है।

7. अंतःप्रदव्यी जालिका के तीन कार्य लिखिए |
Ans –
1. चिकनी अंतर द्रव्य जालिका वसा अथवा लिपिड अणुओं को बनाने में सहायता करती है ।
2. खुरदरी अंतर द्रव्य जालिका कोशिका के विभिन्न क्षेत्र तथा केंद्रक के मध्य एक परिवहन माध्यम का कार्य करती है।
3. कशेरुकियों के यकृत कोशिकाओं में चिकनी अंतर द्रव्य जालिका विष तथा दवा को निराविषीकरण करने का कार्य करते हैं।

8. कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताइए ।
Ans -का यिक वृद्धि और मरम्मत के लिए सूत्री विभाजन या माइटोसिस की आवश्यकता होती है। सूत्री विभाजन के फलस्वरूप कायिक कोशिकाओं का निर्माण होता है जिससे वृद्धि और मरम्मत के लिए अतिरिक्त कोशिकाएँ मिलती रहती हैं।

9. युग्मको के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है? इस विभाजन का महत्व बताइए ।
Ans – युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री विभाजन या मीओसिस होता है। अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप बनी पुत्री कोशिकाओं में क्रोमोसोम की संख्या आधी हो जाती है। बाद में जब युग्मकों के फ्यूजन से जाइगोट बनता है तो जाइगोट में क्रोमोसोम की संख्या कायिक कोशिका के बराबर हो जाती है। इसलिए जाइगोट से विकसित होने वाले जीव के लक्षण अपने जनक के समान होते हैं।

अध्याय 6
ऊतक
लघु उत्तरीय प्रश्न : 2 अंक के :

1. किन्ही दो प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अंतर स्पष्ट कीजिये |
Ans –
रेखित पेशीयां :
1. यह प्राय: अस्थियों से जुड़ी होती है।
2. ये ऐच्छिक होती है।

चित्र –

अरेखित पेशीयां :
1. यह आंख की पलकों, मूत्र वाहिनी और फेफड़ों की श्वसनी में होती हैं।
2. ये अनैच्छिक होती है।

चित्र –



 

2. हृदय पेशी का विशेष कार्य क्या है ?
Ans – हृदय पेशी बिना थके हुए एक ले में लगातार सिकुड़ने व फैलने का कार्य करती है रक्त को शरीर में पम्प करना भी है ।

3. रेखित अरेखित तथा हृदयक पेशियों में उनके कार्य के आधार पर अंतर स्पष्ट कीजिए |
Ans –

4. न्यूरॉन का नामांकित चित्र बनाइए |
Ans –

5. ऊतक किसे कहते हैं ? एक उदाहरण दीजिए ।
Ans -ऊतक (tissue) किसी जीव के शरीर में कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं जिनकी उत्पत्ति एक समान हो तथा वे एक विशेष कार्य करती हो। … परन्तु कभी-कभी कुछ उतकों के आकार एवं आकृति में असमानता पाई जाती है, किन्तु उनकी उत्पत्ति एवं कार्य समान ही होते हैं। कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं। ऊतक में समान संरचना और कार्य होते हैं।
उदाहरण – प्राणियों में अस्थि, पेशी और पौधों में जड़ों तथा प्ररोह के शीर्षों पर विभज्योतक (मेरिस्टेम ऊतक)।

अध्याय 7
जीवो में विविधता
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -4 अंक के प्रश्न :

1. आर एच व्हिटेकर के पांच जगत वर्गीकरण के प्रमुख आधारों को स्पष्ट कीजिये |
उत्तर : 1. मोनेरा जगत (KingdomMonera): इस जगत में प्रोकैरियोटिक जीव अर्थात् जीवाणु (Bacteria), सायनोबैक्टीरिया और आर्कीबैक्टीरिया शामिल हैं|
2. प्रोटिस्टा जगत (Kingdom Protista): इस जगत में एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीव शामिल हैं | पादप व जंतु के बीच स्थित युग्लीना इसी जगत में शामिल है |
3. कवक जगत (Kingdom Fungi) : इसमें परजीवी तथा मृत पदार्थों पर भोजन के लिए निर्भर जीव शामिल है | इनकी कोशिका भित्ति काईटिन की बनी होती है |
4. पादप जगत (Kingdom Plantae): इस जगत में शैवाल व बहुकोशिकीय हरे पौधे शामिल हैं |
5. जंतु जगत (Kingdom Animal): इसमें सभी बहुकोशिकीय जंतु शामिल होते हैं | इसे ‘मेटाजोआ’ भी कहा जाता है |

2. जगत मोनेरा या प्रॉटिस्टा के 4 लक्षण लिखिए।
उत्तर : मोनेरा जगत के लक्षण के लक्षण
इसमें सत्य केंद्र का अभाव होता है।
इसमें झिल्ली युक्त कोशिकांग नहीं पाए जाते हैं। …
इनमें गुणसूत्र नहीं पाए जाते हैं।
माइक्रो प्लाज्मा को छोड़कर अन्य सभी सदस्यों में कोशिका भित्ति पाई जाती है।

प्रोटिस्टा जगत के लक्षण
प्रोटिस्टा (Protoctista) एक कोशिकीय यूकैरियोट होते हैं। इसमें प्रोटोजोआ,डायटम शैवाल आते हैं।
इसमें झिल्ली परिसीमित अंगक होते हैं जैसे कि केंद्रक झिल्ली में बंद क्रोमोसोमों से युक्त केंद्रक माइटोकॉण्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट (केवल प्रकाश संश्लेषी में), गॉल्जी काय तथा एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम।
माइटोकॉण्ड्रिया श्वसन अंगक हैं।
प्रोटिस्टा या तो प्रकाश संश्लेशी होते हैं या परजीवी य मृतोपजीवी।

3. कवक जगत के 4 लक्षण लिखिए।
उत्तर : •कवक (Fungi) पर्णहरित रहित (Non-Chlorophyllous) होते हैं, ये परपोषी होते हैं और इनका शरीर भी सूकाय या थैलस होता है.
ये मुख्यत: नम स्थानों पर पाये जाते हैं जैसे-लकड़ी के सड़े-गले टुकड़े, चमड़े, भोज्य पदार्थ आदि .
कवक की 100,000 से भी अधिक स्पीशीज हैं.
इनमें से कुछ एक कोशिकीय हैं जैसे यीष्ट, कुछ जटिल हैं जैसे मशरूम .

4.ब्रायोफाइटा को पादप जगत का उभयचर क्यों कहा जाता है ?
उत्तर : ब्रायोफाइट्स स्थलीय पौधों में सबसे सरल हैं। ब्रायोफाइटा में जाइलम और फ्लोएम ऊतक की कमी होती है। उनमें असली जड़, तना और पत्तियों का अभाव होता है। ब्रायोफाइट्स को पादप जगत के उभयचर के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे मिट्टी में रहते हैं लेकिन यौन प्रजनन के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

5. संघ पोरिफेरा एवं प्लेटीहेल्मिन्थेस के दो-दो लक्षण लिखिए ।

उत्तर : पोरिफेरा के लक्षण
1.ये बहुकोशिकीय जलीय (Multicellular aquatic) जन्तु होते हैं जो साधारणतः चट्टान या किसी ठोस पदार्थ पर रहते हैं।
2.इनकी आकृति अनियमित, बेलनाकार, अंडाकार या शाखीय होती है।

प्लेटीहेल्मिन्थेस के लक्षण
1.अधिकांश जंतु स्वतंत्र स्वच्छ और समुद्री जल में पाए जाते है.
2.एपिडर्मिस पर पक्षभि तथा श्लेषम ग्रंथियां पाई जाती हैं

6. संघ ऐनेलिडा एवं आर्थ्रोपोडा के दो विभेदात्मक अंतर लिखिए।
उत्तर : ऐनेलिडा
1.इस संघ के जन्तुओं में बाह्य कंकाल नहीं होता।
2.आहारनाल सीधी नलिका होती है।

आर्थ्रोपोडा
1.इस संघ के जन्तुओं में बाह्य कंकाल काइटिन से बना होता है।आहारनाल कुण्डलित नलिका होती है।
2.रुधिर परिसंचरण तन्त्र खुले प्रकार का होता है।

7. वर्ग मत्स्य एवं जल स्थलचर के दो-दो लक्षण लिखिए|
उत्तर : मत्स्य के लक्षण
1.मत्स्य वर्ग के सभी जंतु असमतापी होते है।
2. उत्सर्जी तंत्र मछलियों में उत्सर्जन के लिए एक जोड़ी वृक्क होते है। यह वृक्क मीजोनेफ़्रिक प्रकार के होते है।
3. सभी मछलियाँ यूरिया का उत्सर्जन उत्सर्जी पदार्थ के रूप में करती है।

जल स्थलचर के लक्षण
1.इनकी त्वचा पर श्लेष्म ग्रंथियां होती हैं तथा शल्कों का अभाव होता है ।
2.इनमें बाहरी कंकाल नहीं होता।
3.इनमें श्वसन गलफड़ों,त्वचा या फेफड़ों से होता है।

8. वर्गीकरण की द्वि नामकरण पद्धति उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये|
उत्तर : द्विनाम पद्धति जीवों (जंतु एवं वनस्पति) के नामकरण की पद्धति है। इसके अनुसार दिए गए नाम के दो अंग होते हैं, जो क्रमशः जीव के वंश (जीनस) और जाति (स्पीशीज) के द्योतक हैं। जैसे ‘एलिअम सेपा’ (प्याज)। यहाँ “एलिअम” वंश को और “सेपा” जाति को सूचित करता है।जीव विज्ञान में, द्विपद नामकरण प्रजातियों के नामकरण की एक औपचारिक प्रणाली है। … उन्होंने इसके लिए पहला नाम वंश (जीनस) का और दूसरा प्रजाति विशेष का विशिष्ट नाम को चुना था। उदाहरण के लिए, मानव का वंश होमो है जबकि उसका विशिष्ट नाम सेपियंस है, तो इस प्रकार मानव का द्विपद या वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स (Homo sapiens) है।


अध्याय – 8 गति
अतिलघुउत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

1. औसत चाल किसे कहते हैं ?
Ans : औसत चाल(Average speed)- वस्तु द्वारा तय की गयी कुल दूरी में, कुल समय का भाग देकर प्राप्त चाल उस वस्तु की औसत चाल कहलाती है| औसत चाल एक अदिश राशि है| औसत चाल का मात्रक(unit of average speed):-औसत चाल का S.I मात्रक मीटर/सेकण्ड (m/s) होता है|

2. एक समान गति किसे कहते हैं ?
Ans : जबकोई वस्तु समान समयांतराल में समान दूरी तय करती है तो उसकी गति को एक समान गति कहते हैं।

3. असमान गति किसे कहते हैं ?
Ans : जब कोई वस्तु समान समय अंतराल में में असमान दूरी तय करती है, तो यह गति असमान गति (Non–Uniform motion) कहलाती है।

4. त्वरण किसे कहते हैं ? इसका सूत्र एवं मात्रक बताइये
Ans : ” किसी गतिशील वस्तु के समय के सापेक्ष वेग परिवर्तन को त्वरण (acceleration in Hindi) कहते हैं। “ अर्थात जब किसी वस्तु का वेग समय के साथ बदलता है तो उसमें त्वरण हो रहा है। … पद्धति में मात्रक सेमी/सेकंड2 होता है एवं त्वरण का विमीय सूत्र [M0LT-2] होता है।

5. जब आसमान में बादल छाए होते हैं, तो बिजली चमकने और बादलों के गरजने की क्रिया बार-बार होती रहती है। पहले बिजली की चमक दिखाई देती है, उसके कुछ समय पश्चात बादलों के गरजने की आवाज आप तक पहुंचती है। ऐसा क्यों होता है ?
Ans जब आसमान में बादल छाए होते है, तो बिजली चमकने और बादलों के गरजने की क्रिया बार-बार होती रहती है। … अतः बिजली गिरने के स्थान से प्रेक्षक तक प्रकाश (चमक) तत्काल पहुंच जाती है लेकिन ध्वनि को यह दूरी तय करने में कुछ समय लगता है। अत: बिजली की चमक पहले दिखाई देती है एवं उसके कुछ समय पश्चात बादल गरजने की आवाज आती है।

6. यदि बिजली की चमक एवं बादलों की गरज के मध्य समयांतराल 4 सेकेण्ड हो तो बिजली गिरने के निकटतमबिंदु की दूरी का परिकलन कीजिये। (वायु में ध्वनि की चाल 346m/s)
Ans : यदि बिजली की चमक एवं बादलों की गरज के मध्य समयांतराल 4 सेकेण्ड हो तो बिजली गिरने के निकटतम बिंदु की दुरी का परिकलन कीजिये। (वायु में ध्वनि की चाल-346m/s) … लगभग 1.4 किलोमीटर दूर बिजली गिरी है।

7. एक वस्तु 16m की दूरी 4s में तय करती है तथा पुनः 16m की दूरी 25 में तय करती है। वस्तु की औसत चाल क्या होगी?
Ans : वस्तु की औसत चाल उसके द्वारा तय की गई कुल दूरी को कुल समयावधि से भाग देकर प्राप्त किया जा सकता है। उदाहरण 8.1 एक वस्तु 16 m की दूरी 4 s में तय करती है तथा पुन: 16 m की दूरी 2 s में तय करती है। वस्तु की औसत चाल क्या होगी? इसलिए वस्तु की औसत चाल 5.33 m s’ है।


8. चाल एवं वेग में अंतर बताइए।
Ans : चाल (Speed) वेग (Velocity)
1. एकांक समय में चली गयी कुल दूरी को चाल कहते है. 1. एक निश्चित दिशा में वस्तु का कुल विस्थापन को वेग कहते है
2. चाल में परिमाण होता है किन्तु दिशा निश्चित नहीं होता. 2. वेग को परिमाण व दिशा दोनों से परिभाषित किया जाता है.
3. चाल एक अदिश राशि होती है. 3. जबकि वेग एक सदिश राशि होती है.
4. वस्तु के चाल का परिमाण सदैव धनात्मक होता है. 4. जबकि वेग का परिमाण धनात्मक,ऋणात्मक व शून्य हप सकता है.
5. चाल = दूरी/समय 5. वेग = विस्थापन/समय

9. दूरी व विस्थापन में अंतर बताइए
Ans : दूरी
(distance) विस्थापन
(displacement)
1.किसी पथ की तय की गई कुल लम्बाई को दूरी कहते है। 1.वस्तु द्वारा तय पथ की प्रारंभिक और अंतिम स्थितियों के बीच की न्यूनतम दूरी को विस्थापन कहते है।
2.अदिश राशि है। 2.सदिश राशि है।
3.इसमें केवल परिमाण होता है। 3.इसमें परिमाण और दिशा दोनो होती है।
4.यह सदैव धनात्मक होती है। 4.यह धनात्मक,ऋणात्मक तथा शून्य भी हो सकता है।
5 .तय किये गए मार्ग पर निर्भर करती है। 5.विस्थापन तय किये गए मार्ग पर निर्भर नहीं करता है।
10. किस अवस्था में किसी वस्तु के औसत वेग का परिमाण उसकी औसत चाल के बराबर होगा?
Ans : यदि वस्तु चली गई दूरी एवं विस्थापन का परिमाण एकसमान हो तो , औसत वेग औसत चाल के बराबर होगा।

अध्याय 9
बल एवं गति के नियम
लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)
1- एक ट्रक विरामावस्था से किसी पहाड़ी से नीचे की ओर नियत त्वरण से लुढ़कना शुरू करता है। यह 20 सेकंड में 400 मीटर की दूरी तय करता है। इसका त्वरण ज्ञात करें अगर इसका द्रव्यमान 7 टन है तो इस पर लगने वाले बल की गणना करें। (1 टन = 1000 किग्रा)
Ans :
अत: ट्रक का त्वरण (a) = 2m/s² तथा ट्रक पर लगने वाला बल (F) = 14000 N (न्यूटन) ।
2- जब हम किसी भारी वस्तु पर बल लगाते हैं, परन्तु वस्तु विराम अवस्था में ही रहती है, तब हमारे द्वारा लगाये गये बल को कौन संतुलित करता है, चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिये।
Ans : जब हम किसी भारी वस्तु को धकेलते या खींचते हैं, (बल लगाते है) तथा वस्तु विराम अवस्था में ही रहती है, इस स्थिति में हमारे द्वारा लगाये गये बल को घर्षण बल संतुलित करता है

3- न्यूटन का गति संबंधी द्वितीय नियम लिखिये एवं सूत्र = ma व्युत्पन्न कीजिये।
Ans : न्यूटन के गति के द्वितीय नियम के अनुसार किसी वस्तु के रेखीय संवेग में परिवर्तन की दर वस्तु पर आरोपित बाह्य बल के समानुपाती होती है । … अर्थात् किसी वस्तु पर लगाया गया नेट बल उस वस्तु के द्रव्यमान और वस्तु के त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है । बल लगाने पर वस्तु में उत्पन्न त्वरण , बल की दिशा में उत्पन्न होता है ।

4- जब कोई गतिशील बस अचानक रुकती है तो आप आगे की ओर झुक जाते हैं और जब विरामावस्था गतिशील होती है तो पीछे की ओर हो जाते हैं। क्यों ?
Ans जब बस अचानक रुक जाती है तो यात्री का निचला हिस्सा बल के कारण विरामावस्था में आ जाता है जबकि ऊपरी हिस्सा गति में रहता है। परिणामस्वरूप हम आगे की ओर झुक जाते है। ऐसा ही जब विरामावस्था से बस गतिशील होती है तो हम बल के कारण गतिशील हो जाते है जब कि ऊपरी भाग विरामावस्था में रहता है अतः हम पीछे की ओर रह जाते है।

5. निम्नलिखित में किसका जड़त्व अधिक है
(ii) एक साइकिल एवं एक रेलगाड़ी,
(i) एक रबर की गेंद एवं उसी आकार का पत्थर, (iii) पांच रुपये का एक सिक्का एवं एक रुपये का सिक्का, (iv) 1kg का लोहे का टुकड़ा या 1 kg का लकड़ी का टुकड़ा।
Ans: 1. रेलगाड़ी का जड़त्व अधिक है
2. पांच रुपये का एक सिक्का का
3. 1kg का लोहे का टुकड़ा का

6- कोई क्रिकेट खिलाड़ी गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को पीछे की ओर क्यों खींच लेता है? कारण स्पष्ट स्पष्ट कीजिये।
Ans : गेंद द्वारा आरोपित बल का मान कम करने के लिए क्रिकेट खिलाड़ी गेंद लपकने में अपने हाथों को पीछे ले जाता है, जिससे उसके हाथ में कम चोट लगती है, क्योंकि संवेग परिवर्तन की दर लगाए गए बल के समानुपाती होती है। संवेग परिवर्तन में समय बढ़ने से बल कम हो जाता है, जिससे हाथ में चोट कम लगती है

7- किसमें अधिक बल की आवश्यकता होगी 2kg द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 5ms की दर से त्वरित करने में या 4kg द्रव्यमान वाली किसी वस्तु को 2 ms की दर से त्वरित करने में
Ans :

8. गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वस्तु को धक्का देते हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है, संभवतः हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। एक विद्यार्थी इसे सही साबित करते हुए कहता है कि दोनों बल विपरीत एवं बराबर हैं जो एक-दूसरे को निरस्त कर देते हैं। इस तर्क पर अपने विचार दें और बताएँ कि ट्रक गतिशील क्यों नहीं हो पाता?
Ans: गति के तृतीय नियम के अनुसार जब हम किसी वास्तु को धक्का हैं, तो वस्तु उतने ही बल के साथ हमें भी विपरीत दिशा में धक्का देती है। यदि वह वस्तु एक ट्रक है जो सड़क के किनारे खड़ा है; संभवत: हमारे द्वारा बल आरोपित करने पर भी गतिशील नहीं हो पाएगा। … अत: क्रिया-प्रतिक्रिया के बलों को निरस्त होने का कोई प्रश्न नहीं उठता।

अध्याय 10
गुरुत्वाकर्षण
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक) –
1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम एवं सूत्र लिखिये ।
Ans : यदि दूरी मीटर में, द्रव्यमान किग्रा में, तथा बल न्यूटन में हो तो सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का एस आई मात्रक न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 होता है। अतः गुरुत्वाकर्षण नियतांक का विमीय सूत्र [M-1L3T-2] होता है।

2. पृथ्वी चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल लगाती है फिर भी चन्द्रमा पृथ्वी पर नहीं गिरता है। क्यों ?
Ans : चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का \frac{1}{6} होता है और किसी वस्तु का भार उसके द्रव्यमान एवं गुरुत्वीय त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है इसलिए किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का \frac{1}{6} गुना होता है।

3. गुरुत्वाकर्षण नियम को सार्वत्रिक नियम क्यों कहा जाता है ?
Ans : इसे सार्वत्रिक क्यों कहा जाता है ? चूँकि G का मान पिण्डो के आकार , उनकी प्रकृति तथा दोनों पिण्डो के मध्य उपस्थित माध्यम पर निर्भर नहीं करता है इसलिए इस नियतांक को सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते है।

4. यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा ?
Ans : यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा? यानि दूरी आधी होने पर दोनों वस्तुओं के बीच का गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा। प्रश्न 2: सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है।

5. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
Ans : जब भी कोई वस्तु केवल पृथ्वी के आकर्षण अर्थात् गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी की ओर खिंचती है तो बह वस्तु मुक्त पतन में होती है। ऐसी वस्तु पर गुरुत्वीय त्वरण कार्य करता है।

6. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
Ans : न्यूटन के गति के दुसरे नियम के अनुसार जब किसी वस्तु पर बल कार्य करता है तो उसमे त्वरण (a = F/m) उत्पन्न हो जाता है। अत: पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण वस्तु में भी एक त्वरण उत्पन्न हो जाता है इस गुरुत्व बल द्वारा उत्पन्न त्वरण को ही गुरुत्वीय त्वरण कहते है।

7. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
Ans : भार और द्रव्यमान में क्या अंतर है

1.किसी पदार्थ का भार उस पर लगे हुए गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है जबकि किसी पदार्थ का द्रव्यमान उस पदार्थ में उस्पस्थित द्रव्य की मात्रा होती है।

2.किसी पदार्थ का भार स्थान परिवर्तन के साथ बदल जाता है। पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार चन्द्रमा पर उसी वस्तु के भार से अलग होता है। वहीँ किसी वस्तु का द्रव्यमान हर जगह एक समान रहता है।
3.किसी वस्तु का भार शून्य हो सकता है यदि उस पर लगा गुरुत्व बल शून्य हो जाए। ऐसी घटना अंतरिक्ष में होती है जहाँ गुरुत्वाकर्षण शून्य होता है और भारहीनता की स्थिति आती है। किसी वस्तु का द्रव्यमान किसी भी परिस्थिति में शून्य नहीं हो सकता।
4.भार सदिश राशि होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें परिमाण के साथ साथ इसकी दिशा पृथ्वी के गुरुत्व केंद्र की तरफ होती है जबकि द्रव्यमान एक अदिश राशि होती है।
5.भार का SI मात्रक न्यूटन होता है जबकि द्रव्यमान का SI मात्रक किलोग्राम होता है

8. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
Ans : तरल पदार्थ (गैस तथा द्रव) का वह गुण जिसके कारण किसी वस्तु को उसमें डुबाये जाने पर वह वस्तु पर ऊपर की ओर एक बल लगाता है, उत्प्लावकता कहलाता है।

9. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
Ans : एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद् से धीमी क्यों गेरती है? Answer. कागज की शीट का क्षेत्रफल उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गेंद से अधिक होने के कारण वायु से प्रतिरोध का मान बनाई गेंद से ज़्यादा होता है, इसलिए कागज की शीट गेंद से धीमी गिरती है।

10. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
Ans : पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु तैरती या डूबती है ये इनके घनत्वों में अंतर के कारण होता है। (1)यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होगा तो वह वस्तु तैरती रहेगी। (2)यदि पानी की सतह पर रखी गई वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होगा तो वस्तु डूब जाएगी।


11. आर्कमिडिज का सिद्धांत लिखिए।
Ans : आर्कमिडीज का सिद्धांत: जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबोई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभार होता है. भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है. … (ii) ठोस का गुरुत्व-केंद्र तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व-केंद्र दोनों एक ही उर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए.
12. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है?
Ans : पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की सतह पर क्यों आ जाता है? प्लास्टिक का घनत्व जल के घनत्व से कम है। इस कारण जल द्वारा गुटके पर लगाया उत्प्लावन बल गुटके के भार से अधिक होगा। फलतः प्लास्टिक का गुटके पानी के भीतर छोड़ने पर गुटका सतह पर आ जाता है।
13.50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm है. यदि पानी का घनत्व 1gcm हो तो पदार्थ पानी में
तैरेगा की डूबेगा?
Ans : 50 g के किसी पदार्थ का आयतन 20 cm3 है। यदि पानी का घनत्व 1 g cm-3 हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा? अत: पदार्थ डूबेगा क्योंकि पदार्थ का घनत्व पानी से अधिक है। पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं।
14. चाँदी का आपेक्षिक घनत्व 10.8 है। पानी का घनत्व 10 kgm है। SI मात्रक में चाँदी का घनत्व क्या होगा? 15. एक वस्तु का द्रव्यमान 10kg है। पृथ्वी पर इसका भार कितना होगा?
Ans : दिया गया है कि चाँदी का आपेक्षिक घनत्व = 10.8 =10.8 तथा पानी का घनत्व = 10 3 k g / m 3 =103kg/m3 परिभाषा से, चाँदी का आपेक्षिक घनत्व = चाँदी का घनत्व पानी का घनत्व =चाँदी का घनत्व पानी का घनत्व अतः चाँदी का घनत्व = चाँदी का आपेक्षिक घनत्व x पानी का घनत्व = 10.8 × 10 3 k g / m 3 .

अध्याय 13
हम बीमार क्यों होते हैं
1. दीर्घकालिक रोग क्या होते हैं? दो उदाहरण दीजिये।
Ans : उदाहरण- रतौधी, स्कर्वी, एड्स, डायरिया, मलेरिया, हैजा, खसरा, चेचक, तपेदिक, पीलिया, पेचिश, त्वचा रोग आदि। बीमारियों के प्रकार ये निम्नलिखित है। दीर्घकालिक रोग कहते है जैसे- तपेदिक, फीलपॉव ।
1. संचरण तथा 2 असंचरणीय रोग
2. संक्रामक एवं असंक्रामक रोगों में अंतर लिखिए| एक एक उदाहरण भी लिखिए ||
Ans : संक्रामक रोग और असंक्रामक में अंतर

संक्रामक रोग
संक्रामक रोग वे लोग हैं जो रोगी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से फैलते हैं ।
यह रोग संक्रमण से भी फैलते हैं।
रेबीज, खसरा, चेचक, काली खांसी आदि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं।
यह रोग रोगी के साथ उठने बैठने, उसके साथ खाना खाने और उसकी प्रयोग की गई वस्तुओं का इस्तेमाल करने से फैलते हैं।
लोगों को फैलने की वजह बहुत छोटे रोगाणु होते हैं।

असंक्रामक रोग
संक्रामक रोग वे लोग हैं जो रोगी के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से नहीं लगते।
यह रोग संक्रामक रोगों की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलते।
विभिन्न प्रकार के मानसिक रोग, बवासीर, मधुमेह आदि असंक्रामक रोगों के उदाहरण है।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं पहुंच सकते।
यह रोग संतुलित व पौष्टिक आहार के अभाव के कारण होते हैं।

3. रोग फैलने के तीन कारक लिखिए |
Ans: (१) जैविक कारक :- विषाणु, जीवाणु, कवक, माइकोप्लाज्म, प्रोटोजोआ, हैल्मिन्थीज तथा अन्य जीव। (२) पौष्टिक तत्वों की कमी :- प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज लवण एवं विटामिनों की कमी। (३) भौतक कारक :- सर्दी, गर्मी, आर्द्रता, दबाव, विद्युत आघात, विकिरण, ध्वनि आदि।
4. एंटीबायोटिक दवाएं किन सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले रोगों के उपचार हेतु उपयुक्त होती हैं एवं क्यों?
Ans : आम उपयोग में, प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक एक पदार्थ या यौगिक है, जो जीवाणु को मार डालता है या उसके विकास को रोकता है। प्रतिजैविक रोगाणुरोधी यौगिकों का व्यापक समूह होता है, जिसका उपयोग कवक और प्रोटोजोआ सहित सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखे जाने वाले जीवाणुओं के कारण हुए संक्रमण के इलाज के लिए होता है।
5. रोगों से बचने हेतु तीन उपाय लिखिए |
Ans : 1 हाथ धोएं
2 .निजी स्वच्छता से जुड़ी अच्छी आदतें अपनाएं
3.रोगी से जुड़े स्थानों को साफ़ रखें
4 .संपर्क से बचें
5.टीकाकरण करवाएं
5.पतले दस्त लगने जैसे लक्षणों का ध्यान रखें
6.जागरूक रहें
7.खाद्य सुरक्षा के बारे में विचार करें
6. एंटीवायरल औषधियां बनाना एंटीबैक्टीरियल औषधि के बनाने की अपेक्षा कठिन क्यों होता है?
Ans : एंटीवायरल बनाना मुश्किल क्यों है तो इसका जवाब साइंस में ही छिपा है एंटीवायरल दवा, तभी कारगर होती है, जब ये वायरस की लाइफ साइकल को तोड़ सके. लेकिन समस्या यही है कि चूंकि वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में बसेरा डालता है इसलिए वायरस को खत्म करने के लिए दी जाने वाली दवा शरीर की कोशिकाओं को भी मार सकती है.


अध्याय 12 ध्वनि
1. ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है? यह किन कारकों पर निर्भर करती है
Ans : प्रबलता ध्वनि की तीव्रता के लिए कानों की शारीरिक अनुक्रिया है । … इकाई क्षेत्र से एक सेकेण्ड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं । कारक – यह निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है – (i) आयाम पर, (ii) ऊर्जा पर, (iii) तीव्रता पर, (iv) तरंग के वेग पर ।
2. चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
Ans : 1) चमगादड़ पराध्वनि तरंगें उत्सर्जित करता है। 2) उड़ान के समय चमगादड़ पराध्वनि तरंगें उत्सर्जित करता है। ये तरंगें विघ्न से परावर्तित होकर वापस चमगादड़ तक आती हैं, जिससे वह इसका संसूचन करता है। 3) चमगादड़ इस प्रकार अपने शिकार की दिशा, दूरी और आकर का संसूचन करता है।
3. सोनार की कार्यविधि तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
Ans : सोनार का उपयोग समुद्र की गहराई ज्ञात करने में किया जाता हैं । (ii) इसका उपयोग जल के अन्दर स्थित चट्टानों या घाटियों या पनडुब्बियों को ज्ञात करने में किया जाता हैं । (iii) इसका उपयोग डूबी हुई हिमशैल (बर्फ की चट्टानें) या डूबें हुए जहाज आदि की जानकारी प्राप्त करने में किया जाता हैं ।
4. मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? सचित्र विवेचना कीजिए।
Ans :उत्तर-हमारा बाहय कर्ण आस-पास की ध्वनियाँ ग्रहण करता है। यह ध्वनि फिर श्रवण तंत्रिका से गुजरती है। श्रवण तंत्रिका के अंत में एक पतली झिल्ली होती है, जिसे कान का पर्दा या कर्णपट्ट कहते हैं। जब वस्तु में उत्पन्न विक्षोभ के द्वारा माध्यम का संपीड़न कर्णपट्ट तक पहुँचता है, तो ये कर्णपट्ट को अंदर की ओर धकेलता है।
5. किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है? वर्णन कीजिए।
Ans : पराध्वनि का उपयोग धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए किया जाता है। पराध्वनि तरंगे धातु के ब्लॉक में प्रेषित की जाती हैं और किसी दरार या छिद्र से ये परावर्तित हो जाती हैं और संसूचक द्वारा संसूचित की जाती हैं। इस प्रकार किसी दोष के उपस्थित होने की जानकारी मिल जाती है।
6. एक ध्वनि तरंग 339 ms” की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगदैघ्य 1.5 cm हो, तो तरंग की आवृति कितनी होगी? क्या ये श्रव्य होंगी
Ans :

7. एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति, संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनि 5s पश्चात् ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
Ans :


8. एक मनुष्य किसी खड़ी चट्टान के पास ताली बजाता है और उसकी प्रतिध्वनि 2s के पश्चात् सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 346 ms1 ली जाए, तो चट्टान तथा मनुष्य के बीच की दूरी कितनी होगी?
Ans :


अध्याय 15
खाद्य संसाधनों में सुधार
 

1. फसल उत्पादन में वृद्धि के तीन उपाय लिखिए |
Ans : 1. सिंचित क्षेत्रों में फसल की मांग के अनुसार पानी दें। 2. छोटी-छोटी क्यारी बनाकर या नाली-डौली पद्धति से सिंचाई करना अधिक उपयोगी रहता है।
3. खरपतवारों का समय से नियंत्रण करें और पीड़कनाशी रसायनों का उचित मात्रा में उपयुक्त समय पर प्रयोग करें।

2. फसल की किस्म में सुधार हेतु तीन कारको को स्पष्ट कीजिये |
Ans : 1) अधिक उपज लेने के लिए किस्म सुधार की आवश्यकता है। (2) उत्तम गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है, जैसे दालों में प्रोटीन की मात्रा, फलों व सब्जियों में परिरक्षण की गुणवत्ता, तिलहन में तेल की गुणवत्ता आदि। (3) फसलों में रोग प्रतिरोधी क्षमता विकसित करने के लिए किस्म सुधार की आवश्यकता है।
3. कंपोस्ट क्या है? इसके दो उपयोग लिखिए |
Ans. एक प्रकार की खाद है जो जैविक पदार्थों के अपघटन एवं पुनःचक्रण से प्राप्त की जाती है। यह जैविक खेती का मुख्य घटक है।
कम्पोस्ट ( i ) इसके अपघटन द्वारा पौधों को सभी पोषक तत्व प्राप्त हो जाते हैं । ( ii ) अपघटन में उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड मृदा जल में घुलकर कार्बोनिक अम्ल बनाती है जो अनेको लवणों को घोल कर पौधों को प्रदान करता है ।
4. अंतरा फसलीकरण क्या है? इसका क्या लाभ है?
Ans : अंतरा फसलीकरण दो या दो से अधिक फसलों को एक साथ एक ही खेत में निर्दिष्ट पैटर्न पर उगाना है जिसमें कुछ पंक्तियां में एक प्रकार की फसल तथा उसके एकांतर दूसरी पंक्तियों में दूसरी प्रकार की फसल उगाना है।
इसमें दो या दो से अधिक फसलें एक ही खेत में उगाई जाती हैं।
1.सभी पोषक तत्व फसलों द्वारा उपयोग हो जाता है।

2 .इस विधि में रोगों को एक प्रकार की फसल के सभी पौधों में फैलने से रोका जा सकता है।
5. फसल सुरक्षा प्रबंधन हेतु तीन उपाय लिखिए ?
Ans: गर्मी में गहरी जुताई करके कीटों एवं रोगों के कारक को गर्मी से नष्ट करना । सही प्रजाति एवं स्वस्थ बीजों का चयन करना । सही समय पर निराई-गुड़ाई, रोगग्रस्त पौधों/टहनियों की कटाई-छटाई तथा खेत के आस-पास की सफाई जिससे रोग/कीटों के वैकल्पिक पौधे नष्ट हो जाएं । कीटभक्षी पक्षियों के बैठने के लिए डंडा लगाना ।
6. दुग्ध उत्पादन करने वाले जंतुओं को किस प्रकार का भोजन देना चाहिए?
Ans : ऑक्सीटोसिन के टीका का प्रयोग आजकल अधिक किया जा रहा है लेकिन यह अनुचित है। इस टीके का प्रयोग केवल उन पशुओं में किया जाना चाहिए जिनमें :दुग्ध दोहन” की प्रक्रिया समुचित न हों। यह कठिनाई अधिकतर भैंसों में होती है। इन टीकों के अधिक प्रयोग से अयन की कोशिकाओं की संरचना भी प्रभावित हो सकती है। पशु को दुहते समय उसे प्यार से सहलाते हुए तनाव रहित परिस्थतियों में दुहना चाहिए ताकि पशु के अंदर से ही ऑक्सीटोसिन हार्मोन का सामान्य प्राक्रतिक संचार हो सके तथा पशु से अधिक से अधिक दूध प्राप्त किया जा सके। पशु के आसपास का वातावरण शांत, स्वस्छ तथा अनुकूल होना चाहिए। ऑक्सीटोसिन हार्मोन का प्रयोग केवल पशु-चिकित्सक की सलाह पर ही उपयुक्त मात्रा )1 आई.यु.) में करना चाहिए।
ऑक्सीटोसिन हार्मोन के बार-बार लगने पर पशु की प्रजनन एवं दुग्ध उत्पादन क्षमता, मुख्यतया भैंसों में क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर अभी दीर्धकालीन शोध कार्य की आवश्यकता है।
क्या लंबी अवधि तक ऑक्सीटोसिन हार्मोन लगाने पर दुग्ध संघटन में आया परिवर्तन दूध की पोष्टिकता या पीने वाले मनुष्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव तो नहीं डाल रहा यह भी जानना जरुरी है।




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