छायावाद,प्रगतिवाद, प्रयोगवाद,नई कविता,रहस्यवाद,भारतेंदु युगीन काव्य, द्विवेदी युग की चार विशेषताएं लिखिए pdf

छायावाद,प्रगतिवाद, प्रयोगवाद,नई कविता,रहस्यवाद,भारतेंदु युगीन काव्य, द्विवेदी युग की चार विशेषताएं लिखिए pdf


 1. छायावाद की चार विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- छायावाद की मुख्य विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)

1. आत्माभिव्यक्ति

2. नारी-सौंदर्य और प्रेम-चित्रण

3. प्रकृति प्रेम

4. राष्ट्रीय / सांस्कृतिक जागरण

5. मानवीकरण अलंकार का प्रयोग


2. प्रगतिवाद की चार विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- प्रगतिवादी काव्य की विशेषताएं

1. समाजवादी यथार्थवाद/ सामाजिक यथार्थ का चित्रण,

2. सामाजिक समानता पर बल

3. शोसकों के प्रति विद्रोह एवं शोषितों के प्रति सहानुभूति

4. भाग्यवाद की उपेक्षा कर्मवाद पर बल


3. प्रयोगवाद की दो प्रमुख विशेषताएं बदलातते हुए दो प्रमुख कवियों के नाम एवं उनकी एक एक रचना का नाम लिखिए।

• उत्तर-प्रयोगवाद की विशेषताएँ

1. अनुभूति व यथार्थ का संश्लेषण बौद्धिकता का आग्रह

2. वाद या विचार धारा का विरोध

कवि रचनाएं

1. सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायनअज्ञेय भग्नदूत, चिंता

2. भवानी प्रसाद मिश्र गीत फरोश,


4. नई कविता की कोई दो विशेषताएं बताते हुए दो कवियों के नाम एवं उनकी दो दो रचनाओं के नाम लिखिए।

उत्तर-1. लघु मानव वाद की प्रतिष्ठा मानव जीवन को महत्वपूर्ण मानकर उसे अर्थपूर्ण दृष्टि प्रदान की गई।

2. प्रयोगों मे नवीनता नए-नए भावों को नए-नए शिल्प विधानों मे प्रस्तुत किया गया है।

कवि रचनाएं

1. भवानी प्रसाद मिश्र सन्नाटा, गीत फरोश

2.कुंवर नारायण चक्रव्यूह, आमने-सामने


5.रहस्यवाद की चार विशेषताएं लिखिए।

उत्तर-1. अलौकिक सत्ता के प्रति प्रेम इस युग की कविताओं मे अलौकिक सत्ता के प्रति जिज्ञासा, प्रेम व आकर्षण के भाव व्यक्त हुए हैं।

2. परमात्मा मे विरह-मिलेन का भाव आत्मा को परमात्मा की विरहिणी मानते हुए उससे विरह व मिलन के भाव व्यक्त किए गए हैं।

3. जिज्ञासा की भावना सृष्टि के समस्त क्रिया तथा अदृश्य ईश्वरीय सत्ता के प्रति जिज्ञासा के भाव प्रकट गए है।

4. प्रतीकों का प्रयोग प्रतीकों के माध्यम मे भावाभिव्यक्ति की गई है।

6.भारतेंदु युगीन काव्य की चार विशेषताएं लिखिए।

उत्तर-1. राष्ट्रीयता की भावना भारतेंदु युग के कवियों ने देश-प्रेम की रचनाओं के माध्यम से जन-मानस

मे राष्ट्रीये भावना का बीजारोपण किया।


2. सामाजिक चेतना का विकास भारतेंदु युग काव्य सामाजिक चेतना का काव्य है। इस युग के वियों ने

समाज में व्याप्त अंधविश्वासों एवं सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने हेतु कविताएँ लिखीं।

3. हास्य व्यंग्य हास्य व्यंग्य शैली को माध्यम बनाकर पश्चिमी सभ्यता, विदेशी शासन तथा सामाजिक अंधविश्वासों पर करारे व्यंग प्रहार किए गए।

4. अंग्रेजी शिक्षा का विरोध भारतेंदु युगीन कवियों ने अंग्रेजी भाषा तथा अंग्रेजी शिक्षा के प्रचार-प्रसार

के प्रति अपना विरोध कविताओं में प्रकट किया है।


प्र. निबंध को गद्य की कसौटी क्यों कहा गया है ?

उत्तर -गद्य साहित्य में निबंध को एक स्वतंत्र और सर्वश्रेष्ठ विधा के रूप में अपनाया गया है। रामचंद्र शक्ल के अनसार - "गदय रचना यदि कवियों की कसौटी है, तो निबंध गदेय की कसौटी है।" किसी लेखक का भाषा पर कितना अधिकार है, यह निबंध के द्वारा ही जाना जा सकता है।


प्र. द्विवेदी युग की चार विशेषताएं लिखिए ।

उत्तर-द्विवेदी युग की चार विशेषताएं इस प्रकार हैं-

1. अंधविश्वासों रुढीयों का विरोध- इस युग के कवियों ने उस समय समाज में का प्रयास किया।

2. वर्णन प्रधान कविताएँ - यह इस युग की प्रमुख विशेषता है इस युग के कवियों

3. प्रकृति चित्रण - इस युग के कवियों ने प्रकृति के मनोरम चित्र खीचे

4. देश प्रेम की भावना- इस समय भारत परतंत्रता की बेडियों में बंधा हुआ था| अत: इस युग के कवियों ने देश प्रेम युक्त कविताओं की रचना की है।

प्र. आत्मकथा के दो लेखकों तथा रचनाओं के नाम लिखकर आत्मकथा की दो विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- लेखक रचनाएं

1. राहुल सांकृत्यायन -मेरी जीवन यात्रा

2. वियोगी हरि-मेरा जीवन प्रवाह

आत्मकथा की विशेषताएं-

1. इस विधा में रचनाकार दृष्टा एवं भोक्ता दोनों बना रहता है।

2. मानव जीवन में अटूट आस्था का होना आत्मकथा का प्रमुख तत्व है।


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