CG board assignment 5 class 12th biology solution pdf|assignment 5 class 12th jiv vigyn answer

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cg board assignment 5 class 12th biology : हैलो दोस्तों आप सभी का  स्वागत है  और आज के इस आर्टिकल के माध्यम से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर के छात्रों के लिए cg board assignment 5 classs 12th biology solution desmeber  के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलने वाली है छात्रों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ बोर्ड की तरफ से के आखिरी सप्ताह में जो असाइनमेंट जारी किए गए हैं हमारे इस वेबसाइट के माध्यम से आपको  के लिए Cg board assignment 5 class 12th biology answer  का हल pdf के रूप में उपलब्ध कराए जायगे|आप assignment 5 का solution हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में हमारी वेबसाइट www.boardjankari.com के माध्यम से download कर सकते हैं|आपको असाइनमेंट-05 माह  के कक्षा-12 वीं के सभी विषयों के उत्तर प्रदान कराए जाएंगे |

असाइनमेंट 5 क्या है (cg board assignment 5 class 12th )


छत्तीसगढ़ बोर्ड की तरफ से कक्षा 10वीं और 12वीं के सभी विषय के असाइनमेंट जारी कर दिए गए हैं|छत्तीसगढ़ बोर्ड के जिन छात्रों को यह जानकारी नहीं है कि य़ह असाइनमेंट क्या होता है तो आप इस आर्टिकल को विस्तार से पढिये  Assignment 4 को हिन्दी में असाइनमेंट, सत्रीय कार्य, दत्त कार्य या प्रदत्त कार्य भी कहा जाता है। स्कूल और कॉलेज में अध्ययन के दौरान assignment work आपको दिया जाता है, और आप जानते हैं कि स्कूल असाइनमेंट लिखना कितना महत्वपूर्ण है ! आप इसे हलके में नहीं ले सकते । अगर आप इसे हलके में ले रहे हैं तो आप गलत कर रहे हैं और इससे आपका अंतिम रूप से ग्रेड प्रभावित होगा।असाइनमेंट में चार से पांच प्रश्न होते हैं और प्रत्येक प्रश्न के लिए चार या 5 अंक निर्धारित किए जाते हैं और सभी छात्रों को असाइनमेंट बनाना जरूरी होता है । ये assignment के नंबर आपके लिए अति महत्वपूर्ण होते हैं 




                          
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर
शैक्षणिक सत्र 2021-22 माह दिसम्बर
असाइनमेंट 05
कक्षा बारहवीं
विषय - जीवविज्ञान
पूर्णांक-20
निर्देश :- दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए।
Instruction :- Attempt all the questions as per given instructions.

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है? समसाइये। अंक 3 शब्दसीमा 50-75
प्रश्न 1.
Q. 1.
How energy flow takes place in ecosystem? Explain it.
प्रश्न 2.
नाइट्रोजन चक्र का रैखिक चित्र बनाकर समझाईये।
अंक 3 शब्दसीमा 50-75
Q. 2.
Explain Nitrogen cycle by making liner images.
प्रश्न 3.
अनुक्रमण से आप क्या समझते है? अनुक्रमण के विभिन्न प्रकारों तथा उसके विभिन्न चरणों को
समझाईये।
अंक 3 शब्दसीमा 50-75
Q. 3.
What do you mean by Succession? Explain types and Verious steps of Succession.
प्रश्न 4.
खाद्य श्रृखला एवं खाद्य जाल में कोई तीन अंतर लिखिये।
अंक 3 शब्दसीमा 50-75
Q. 4.
Write any three difference between food chain and food web.
प्रश्न 5.
पारजीनी जीवाणु क्या है? किसी एक का उदाहरण द्वारा सचित्र वर्णन कीजिये।
अंक 4 शब्दसीमा 75-100
Q. 5.
What is Transgenic Bacteria? Illustrate any one with an example.
प्रश्न 6.
ई. कोलाई जैसे जीवाणु में मानव जीन की क्लोनिंग एवं अभिव्यक्ति के प्रायोगिक चरणों का
आरेखीय निरुपण प्रस्तुत करें।
अंक 4 शब्दसीमा 75-100
Q. 6.
Digrammatically represent the experimental steps in cloning and expressing on
human gene in to a bacterium like E-coli.

प्रश्न 1- पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है? समझाइये।

उत्तर- पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा प्रवाह (Energy flow in ecosystem) - प्राणी जीवन की विभिन्न जैव क्रियाओं के संचालन के लिए ऊर्जा अति आवश्यक होती है। हमारी पृथ्वी पर ऊर्जा का एक मात्र स्रोत सूर्य का प्रकाश है। सूर्य का प्रकाश किरणों के रूप में वायुमण्डल से गुजरते हुए पृथ्वी पर आता है। सूर्य के विकिरण का लगभग 20 प्रतिशत भाग वायुमण्डल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है एवं 50 प्रतिशत ऊष्मा के रूप में पृथ्वी के धरातल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, शेष 30 प्रतिशत प्रकाश को धरती की वायु में उपस्थित  धूल के कण एवं आकाश में मौजूद बादल परावर्तित कर देते हैं। विभिन्न पारितन्त्रों में संचालित खाद्य श्रृंखलाओं (food chains) में भोजन एक पोष स्तर (trophic level) से दूसरे पोष स्तर पर स्थासान्तरित होता है। दूसरे शब्दों में भोजन के माध्यम से ऊर्जा अभिगमनं विभिन्न पोष स्तरों में खाद्य श्रृंखला के द्वारा संचालित होता है। पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा के प्रवाह को ऊर्जागतिकी (thermodynamics) के

सिद्धान्तों के आधार पर समझा जा सकता है क्योंकि पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का प्रवेश, स्थानान्तरण और विभिन्न स्तरों पर इसका वितरण, ऊष्मागतिकी के सिद्धान्त

के अनुरूप होता है। ऊष्मागतिकी का सिद्धान्त निम्न हैं


ऊर्जा के संरक्षण का नियम


किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा का मान रहता है अर्थात् किसी विलगित निकाय की कुल ऊर्जा संरक्षित है, ऊर्जा को न तो बनाया जा सकता है और न ही नष्ट किया

जा सकता है, ऊर्जा को केवल एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है यही ऊर्जा का संरक्षण नियम कहलाता है । "


Q. 2


नाइट्रोजन वायुमंडल में सबसे प्रचुर मात्रा में है और, डीएनए जैसे प्रोटीन और न्यूक्लिक

एसिड के निर्माण खंड के रूप में, सभी जैविक जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक है।

एनए नाइट्रोजन चक्र एक जटिल जैव-रासायनिक चक्र है जिसमें नाइट्रोजन को अपने निष्क्रिय

एटमोस्फियरिक मॉलिक्यूलर फॉर्म (N2) से एक रूप में परिवर्तित किया जाता है जो

जैविक प्रक्रिया में उपयोगी होता है।

1. नाइट्रोजन 

(Nitrogen fixation in hindi)


कुछ पौधों द्वारा अमोनिया का उपयोग किया जा सकता है, पौधों द्वारा उठाए गए

अधिकांश नाइट्रोजन को अमोनिया से जीवाणुओं द्वारा परिवर्तित किया जाता है जो

नाइट्राइट (NO2-) में और फिर नाइट्रेट (NO3-) में कई जीवों के लिए अत्यधिक जहरीला

होता है।

इस प्रक्रिया को नाइट्रिफिकेशन कहा जाता है, और

बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है।

बैक्टीरिया को नाइट्रीफाइंग




3. एस्सिमिलेशन (Assimilation in hindi)

विभिन्न रूपों में नाइट्रोजन यौगिक, जैसे कि नाइट्रेट, नाइट्राइट, अमोनिया और

अमोनियम पौधों द्वारा मिट्टी से उठाए जाते हैं जिन्हें तब पौधे और पशु प्रोटीन के गठन

में उपयोग किया जाता है।




4. अमोनीफिकेशन (Ammonification in hindi)

जब पौधे और जानवर मर जाते हैं, या जब जानवर अपशिष्ट को उत्सर्जित करते हैं,

ऑर्गेनिक पदार्थ में नाइट्रोजन मिट्टी में फिर से रिएंटर करता है जहां इसे अन्य

सूक्ष्मजीवों द्वारा तोड़ दिया जाता है, जिन्हें हमारे द्वारा डिकंपोजर्स कहा जाता है।


करता है जो तब अन्य जैविक प्रक्रियाओं के लिए

यह डिकॉम्पोज़िशन अमोनिया

उपलब्ध होता है।


5. डीनाइट्रीफिकेशन (Denitrification in hindi)

डीनाईट्रिफिकेशन मुख्य रूप से गीली मिट्टी में होता है जहां पानी सूक्ष्मजीवों को ऑक्सीजन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इन परिस्थितियों में, कुछ जीवों को डीनाइट्रिफाइंग बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है जो एक नाइट्रोजन गैस को उपज के रूप में छोड़कर, ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए नाइट्रेट को संसाधित करते हैं। 



प्रश्न 3- अनुक्रमण से आप क्या समझते है? अनुक्रमण विभिन्न चरणों को समझाईये।

उत्तर- संक्रमण या अनुक्रमण (Succession)- किसी विशेष प्रदेश में समय के एक

निश्चित कालांक में विभिन्न समुदायों के नियमित अनुक्रम को पारिस्थितिकीय अनुक्रम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी क्षेत्र विशेष में निश्चित कालान्तर में पाए जाने वाले

विभिन्न समुदायों के सुव्यवस्थित अनुक्रम को पारिस्थितिकीय अनुक्रमण कहते हैं। जन्तु समुदायों के अनुक्रमण को प्राणी-जातीय अनुक्रम (Faunistic succession) तथा पादप समुदायों  के अनुक्रम को पादमी अनुक्रमण कहते हैं।


अनुक्रमण के प्रकार (Types of Succession)


पारिस्थितिकी अनुक्रमण निम्न दो प्रकार का होता है

(1) प्राथमिक अनुक्रमण (Primary Succession) - अनुक्रमण जो निर्जन (Sterile)

क्षेत्र पर प्रारम्भ होता है, होती है, उसे प्राथमिक अनुक्रमण कहते हैं।

उदाहरणार्थ- नवनिरि

चट्टान या मिट्टी का टीला आदि ।

(ii) द्वितीयक अनुक्रमण (Secondary Succession)- जब समुदाय का विकास किसी ऐसे क्षेत्र में होता है जहाँ से पूर्व स्थिति समुदाय निष्कासित कर दिया गया हो और जीवन के अनुकूलन सभी आवश्यक परिस्थितियाँ उपलब्ध हों (जैसे कटा हुआ वन प्रदेश व जुते हुए खेत) तो ऐसे अनुक्रम को द्वितीयक अनुक्रमण (Secondary Succession) कहते


हैं। द्वितीयक अनुक्रमे अपेक्षाकृत अधिक तेजी से विकसित होता है, इयोंकि वहाँ थोड़े

बहुत जीव पहले से ही उपस्थित होते हैं।

उपर्युक्त दो प्रकार के अनुक्रमण के अलावा अनुक्रमण को निम्न दो और प्रकारों में भी बाँटा

गया है


(अ) स्वपोषी अनुक्रमण (Autotrophic Succession)- इस प्रकार का अनुक्रमण प्रकृति

में विस्तार से फैला हुआ होता है तथा अकार्बनिक वातावरण में मुख्य रूप से होता है। इसमें

प्रारम्भ से ही स्वपोषी जीवों का प्रभाव निरन्तर बना रहता है।



आरम्भ से ही विषमपोषी जीवों का बाहुल्य रहता है।

अनुक्रमण के प्रतिरूप (Patterns of Succession)- आवास स्थल की प्रकृति एवं

उपलब्ध नमी के आधार पर पारिस्थितिकी अनुक्रम निम्न प्रकार के होते हैं

1. मरुक्रमक (Xerosere) 2. जलरम्भी (Hydrosere)

क्रमक (Hesosere)|

प्रश्न 4- खाद्य श्रृंखला एवं खादय जाल में कोई तीन अंतर लिखिये।

उत्तर- खाद्य श्रृंखला :

(1) पारिस्थितिकी तंत्र में सभी जीव भोजन ग्रहण करने के लिए एक दूसरे से श्रृंखला के

रूप में जुड़े रहते हैं जिसे खाद्य श्रृंखला कहते हैं।


जालनका

(2) एक जीव केवल एक स्तर या अवस्था बनाए रखता है।


(1) पारिस्थितिकी तंत्र में सभी जीव भोजन ग्रहण करने के लिए एक दूसरे से श्रृंखला के

रूप में जुड़े रहते हैं जिसे खाद्य श्रृंखला कहते हैं।

(2) एक जीव केवल एक स्तर या अवस्था बनाए रखता है।

(3) इसमें उर्जा के प्रवाह की आसानी से गणना की जा

(4) इसमें जीवों में समान पोषक स्तर पर सीमि


खाद्य जाल (बेब):

निर्माण करती

(1) अनेक खाद्य श्रृंखलाएं आपस में भोजन के लिए जुड़कर एक जालहैं , जिसे खाद्य जाल कहते हैं।

(2) एक जीव एक से ज्यादा स्तर या अवस्था बनाए

कता है।

(3) इसमें उर्जा के प्रवाह की गणना करना बहुत कठिन होता है। (4) प्रतिस्पर्धा कई जीवों

में समान व विभिन्न पोषक स्तरों पर होती है। (5) इसमें ऊर्जा का एकदिशीय प्रवाह अनेक पंथों पर होता है।


प्रश्न 5- पारजीनी जीवाणु क्या है? किसी एक का उदाहरण सहित सचित्र वर्णन कीजिये।

उत्तर- पारजीनी जीवाणु (Transgenic Bacteria) - ऐसे बैक्टीरिया (जीवाणु) जिनके

डी.एन.ए. में परिचालन द्वारा एक अतिरिक्त (बाहरी) जीन व्यवस्थित होता है लक्षण व्यक्त करता है, इसे पारजीनी जीवाणु कहते हैं।

उदाहरण- ई. कोलाई (E.coli) बैक्टीरिया एक पारजीनी जीवाणु है जो मधुमेह

(डायबिटीज) रोग के निदान के लिए इन्सुलिन (Insulin) को उत्पन्न करता है। इन्सुलिन

अणु दो पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं का बना होता है-A शृंखला (A chain) तथा B श्रृंखला (B

chain) जो आपस में डाइ में सल्फाइड बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं। इन्सुलिन की दोनों

श्रृंखलाओं का जैव संश्लेषण(Biosynthesis) एकल पॉलीपेप्टाइड शृंखलाओं प्राक्

इन्सुलिन (Proinsulin) के रूप में होता है।


मानव सहित स्तनधारियों में इन्सुलिन प्राक्-हॉर्मोन (Pro-hormone) संश्लेषित होता है


जिसमें एक अतिरिक्त फैलाव होता है जिसे पेप्टाइड C (Peptide -C) कहते हैं। यह 'सी'

पेप्टाइड परिपक्व इन्सुलिन में नहीं होता है, जो परिपक्वता के दौरान इन्सुलिन से अलग

हो जाता है। सन् 1983 में एली लिली नामक एक अमेरिकी कम्पनी ने दो DNA अनुक्रमों

को तैयार किया जो मानव इन्सुलिन की श्रृंखला A और B के अनुरूप होते हैं, जिसे इश्चेरिचिया कोलाई (E.coli) के प्लास्मिड में प्रवेश कराकर इन्सुलिन का उत्पादन किया



इन अलग-अलग निर्मित शशृंखलाओं में A और B को निकालकर डाइसल्फाइड बन्ध बनाकर आपस में संयोजित कर मानव इन्सुलिन का निर्माण किया जाता है।


प्रश्न 6- ई. कोलाई जैसे जीवाणु में मानव जीन की क्लोनिंग एवं अभिव्यक्ति के प्रायोगिक चरणों का आरेखीय निरुपण प्रस्तुत करें।

उत्तर- पुनर्योगज डी०एन०ए० तकनीक DNA में किसी प्रकार के हेर-फेर या एक जीव के

DNA में दूसरे जीव के DNA को जोड़ना, DNA पुनर्योगज (DNA recombination)

कहलाता है। इस तकनीक को आनुवंशिक इंजीनियरिंग या जीनियरिंग   भी कहते हैं।


इस तकनीक द्वारा DNA खण्डों के नए क्रम तैयार किए जाते हैं। प्रकृति में यह कार्य

गुणसूत्रों में विनिमय (crossing over) प्रक्रिया द्वारा सम्पन्न होता  DNA पुनर्योगज तकनीक द्वारा उच्च जन्तु और पौधों के DNA के इच्छित भागों कीअनेकों  प्रतिकृतियाँ (copies) तैयार की जाती हैं। इस प्रक्रिया को प्रायः जीवाणुओं में ।सम्पन्न कराया जाता है।



DNA chains at the endpoint of two chains of DNA) - यदि DNA के सिरे पर

कुछ क्षारक (जैसे ccccc) जोड़ दें तथा दूसरे DNA के सिरे पर इसके संयुग्मी क्षारक

(GGGGG) जोड़ दें और फिर

इन दोनों प्रकार के DNA को मिलाएँ तो नई श्रृंखला आपस में हाइड्रोजन बन्ध बनाकर दो

भिन्न DNA अणुओं को संयुक्त कर देगी। इस कार्य के लिए विशेष एन्जाइम टर्मिनल

ट्रान्सफरेज(terminal transferase) का उपयोग किया जाता है। अनजुड़े स्थानों को

डी०एन०ए० लाइगेज (DNA ligase) नामक एन्जाइम द्वारा जोड़ देते हैं। (ii) प्रतिबन्ध

एन्जाइम्स की सहायता से (With the help of restriction enzymes) - इस विधि में

संयुग्मी क्षारकों के बीच हाइड्रोजन बन्ध बनाकर संकर DNA का निर्माण किया जाता है।

इस विधि में एक विशेष एन्जाइम, प्रतिबन्ध एण्डोन्यूक्लिएज टाइप-II एन्जाइम

(restriction endonuclease enzyme) का उपयोग किया जाता है। ये एन्जाइम 


की तरह कार्य करते हैं तथा DNA श्रृंखला को विशिष्ट स्थानों पर इस प्रकार से काटते हैं

कि वांछित जीन्स वाले खण्ड प्राप्त हो सकें। अब तक लगभग 350 प्रकार के प्रतिबन्ध

एण्डोन्यूक्लिएज एन्जाइम ज्ञात हैं जो DNA अणु में 100 से अधिक अभिज्ञान स्थलों

(recognition sites) को पहचानते हैं। पृथक् DNA खण्ड को लाइगेज एन्जाइम द्वारा

आवश्यकतानुसार DNA खण्ड से जोड़कर पुनर्योगज DNA अणु के रूप में (संवाहक

वेक्टर) किसी पोषद कोशिका में प्रवेश कराकर इसकी असंख्य प्रतियाँ प्राप्त की जा सकती

हैं। जैसे- ई० कोलाई प्लाज्मिड संवाहक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इस विधि से दो

विभिन्न जीवों; विभिन्न प्रकार के पौधों आदि के मध्य संकरण की सम्भावना बढ़ गई है।

इतना ही नहीं, पौधों और जन्तुओं में संकरण की सम्भावना भी बढ़ गई है। संकरित जीन

में दोनों ही जीवों के गुण उपस्थित होंगे। (ii) क्लोनिंग (Cloning) - यह विधि सबसे

सरल तथा उपयोगी है। शरीर में प्रत्येक पदार्थ के संश्लेषण के लिए कोई निश्चित जीन

उत्तरदायी होता है। यदि इस विशिष्ट जीन को प्लाज्मिड के साथ संकरित करा दिया जाए

और इस संकरित DNA को पुनः जीवाणु की कोशिका में स्थापित कर उपयुक्त संवर्धन

माध्यम में उगने दिया जाए तो जीवाणु में वह जीन उसी पदार्थ को संश्लेषण करता है जो कि वह मूल शरीर में करता था। इस समस्त प्रक्रम को क्लोनिंग कहते हैं। पोषी जीवाणु के लिए   ई० कोलाई का उपयोग किया जाता है।


 असाइनमेंट 05 का फर्स्ट पेज कैसे बनाये?

 

असाइनमेंट के फर्स्ट पेज पर आप मुख्य सूचनाएँ जैसे कि पाठ्क्रम कोड, असाइनमेंट कोड, टॉपिक , आपका नाम, पता जरुर लिखें यह  अतिआवश्यक है , इसके बिना आपका असाइनमेंट स्वीकार नहीं होगा | अब आप अपने मुख्य असाइनमेंट पेपर पर लिखना शुरू करें। यह भी ध्यान रखिये कि असाइनमेंट हाथ से ही लिखा गया हो । किन्ही विशेष परिस्थिति में ही टाइप करवाने की छुट दी जा सकती है। हर असाइनमेंट का एक अलग फाइल बनाये और ज़ेरॉक्स कॉपी कर एक फाइल अपने पास सुरक्षित जरुर रख लें। बस इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए असाइनमेंट लिखेंगे तो वह आकर्षक भी होगा और यूनिक भी।


आप सभी सबसे पहले छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा जारी cg board assignment 5 class 12th biology   के question paper की pdf को बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट  पर जाकर सभी विषय के असाइनमेंट के question paper की pdf को डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप इस वेबसाइट से भी असाइनमेंट  के question paper की पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं ।


 छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा जारी असाइनमेंट डाउनलोड करने के पश्चात सभी छात्र असाइनमेंट के प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें असाइनमेंट में जो प्रश्न दिए गए हैं उनको समझने की कोशिश करें और इसके पश्चात एक फाइल बनाएं और उन पेज में सभी प्रश्नों के उत्तर लिखें ।

 

सभी छात्र इस प्रकार assignment 4 class 10&12th को बना सकते हैं और असाइनमेंट 04 पूरा होने के पश्चात आप सबको जो दिनांक स्कूल से आपको बतायी गई है उस तारीख पर स्कूल में सभी विषय के असाइनमेंट 04 को कम्प्लीट कर जमा कर दे इन असाइनमेंट को आपको निश्चित समयावधि में कम्प्लीट कर जमा करना अति आवश्यक होता है क्योंकि इन असाइनमेंट के नंबर आपके रिजल्ट मे जुड़ते है 

छ.ग.असाइनमेंट  5 class 12th biology  question paper pdf download (cg board assignment 5 question paper pdf )


छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर आज ही कक्षा  के सभी विषय के assignment 4 जारी कर दिए गए हैं और अब छत्तीसगढ़ बोर्ड के सभी छात्र आप सभी सबसे पहले छत्तीसगढ़ बोर्ड द्वारा जारी cg board assignment 5 class 12th  biology  के question paper की pdf को बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट  पर जाकर सभी विषय के असाइनमेंट के question paper की pdf को डाउनलोड कर सकते हैं या फिर आप इस वेबसाइट से भी असाइनमेंट  के question paper की पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं ।



छत्तीसगढ़ बोर्ड असाइनमेंट 5 class 12th biology solution pdf डाउनलोड (cg board assignment 5 answer pdf 

छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर आज ही कक्षा  के सभी विषय के assignment 4 class 12th जारी कर दिए गए हैं और अब छत्तीसगढ़ बोर्ड के सभी छात्र असाइनमेंट के उत्तर  को ढूंढ रहे हैं और हमारी इस वेबसाइट पर लगातार कक्षा  के छात्रों के लिए असाइनमेंट के उत्तर उपलब्ध कराए जा रहे हैं सभी छात्र इस वेबसाइट के माध्यम से सभी विषय के आंसर को डाउनलोड कर सकेंगे जैसा कि आप सभी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ बोर्ड की तरफ से हर माह असाइनमेंट जारी किए जाते हैं और हर माह हमारी इस वेबसाइट www.boardjankari.com पर उत्तर अपलोड किए जाते हैं आप सभी को पता होगा कि छत्तीसगढ़ बोर्ड पिछले वर्ष से ही कक्षा 10 वीं और 12 वीं के छः असाइनमेंट ले रहा है और इस वर्ष भी cg board कक्षा 10 वीं और 12 वीं के छःअसाइनमेंट ले रहा है आप इस छः असाइनमेंट के Solution pdf के रूप में हमारी वेबसाइट www.boardjankari.com के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं |



असाइनमेंट 05 को लिखते समय कौन-सी सावधानी रखनी चाहिए |


1.सबसे पहले आप रफ़ वर्क करें।

2.असाइनमेंट के सवाल को अच्छी तरह पढ़कर समझ लें फिर प्रश्न से रिलेटेड पाठ इकाई पढ़ें।जवाब से सम्बंधित पॉइंट बनाये |


3. प्रश्न से सम्बंधित शुरुआत में संक्षिप्त व्याख्या लिखें।

4..उत्तर के मध्य में पॉइंट को विस्तृत करें।

5.निर्दिष्ट शब्द सीमा में ही लिखें।


6..जो भी लिखें उसमें आपका expression और style झलकना चाहिए।


7.उत्तर लिखने में भाषा की त्रुटी न हो खासकर मात्रा और व्याकरण सम्बन्धी


देने के लिए लिखने बैठ जाता है। मनोभावों को व्यक्त करने के लिए उपयुक्त विषय की आवश्यकता होती है।




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