9th hindi half yearly paper solution pdf|कक्षा-9वी विषय हिंदी अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2022

9th hindi half yearly paper 2022 solution pdf|कक्षा-9वी विषय हिंदी अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2022, 23



Half yearly class 9th hindi paper 2022 solution - हैलो दोस्तों आप सभी का स्वागत है हमारी वेबसाइट  में और आज के इस नयी पोस्ट में हम 9वी हिंदी अर्धवार्षिक परीक्षा 2023 की तैयारी करेंगे और आप हमारी वेबसाइट  के माध्यम से कक्षा-9वीं के सभी विषय की अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं आपको हमारी वेबसाइट के माध्यम से सभी विषयों के महत्वपूर्ण प्रश्न और इनके उत्तर प्रदान किए जाएंगे 




अर्द्धवार्षिक परीक्षा 9 वीं हिंदी  2023 मे कितना सिलेबस आएगा?? 

सभी छात्रों के मन में यह सवाल है कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा जैसे कि आप सभी को पता होगा कि माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश ने हाल ही में एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें बताया गया है कि कक्षा 9 वीं से लेकर 12 वीं तक की सभी कक्षों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 29 नवंबर में होंगी अब हम बात करे कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा मे कितना सिलेबस आएगा तो आप सभी कक्षाओं के सिलेबस को आसानी से हमारी वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं 



कक्षा-9वीं के महत्वपूर्ण प्रश्न

कक्षा-10वीं के महत्वपूर्ण प्रश्न


अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2022

विषय -हिन्दी



प्रश्न 1. निम्नलिखित मुखावों व लोकोक्तियों का  लिवकर वाक्यों में प्रयोग कीजिये-

अगूठा दिखाना।

एन मौक पर मना कर देना।

वाक्य में प्रयोग

जब मैने रिया से चड़ी मांगी तो उसने अंगूठा दिखा

दिया।


2. तिल का ताठबनाना।

बात को बढ़ा बढ़ाकर कहना।

तुम समझदार बनो, साधारण बात का तिल का ताड़

मत बनाओ।


3.आंखों में धूल झोकना।

धोखा देना।

चोर सिपाही की आंखों में धूल झोंककर भाग गया।


4.अपना उल्लू सीधा करना।

स्वार्थ सिद्ध करना।

 मोहन हर काम में अपना उल्लू सीधा कर लेता है।

 

5.पेट में चूहे कूदना

तेज भूख लगना

 मां, जल्दी से कुछ खाने को दो.पेट में चूहे कूद रहे

है।सी चूहे खाकर बिल्ली हज को | जीवनभर बुरा काम कर अंत में | जीवन भर धूर्तता और मक्कारी करने वाला अब बुवापा चली।


6.अच्छा काम करने का ढोग करना। | नजदीक देख एकदम बदल गया। 

वह चंदन लगाकर भगवान का नाम लेता है। ऐसे लोगों के लिए कहावत है"सी चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।


7 धोबी का कुत्ता घर का न घाट 

जिसका आदर न हो,

 जो कहीं का  राम लाल का अपने क्षेत्र में काफी दबदबा था। किन्तु नहो। भ्रष्टाचार प्रकरण में उसका नाम आया, तब सभी उससे कतराने लगे। इस तरह उसकी स्थिति 'धोबी का कुत्ता घर का न घाट का" बाली हो गई।


8.बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद


मुर्ख व्यक्ति गुणों का महत्व नहीं | तुम तो केवल क्रिकेट के विषय में जानकारी रखते हो। यहां तो स्क्वैश और रबी की बात चल रही है। इसलिए कहा गया है कि बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद


9.किताबी कीड़ा होना।


बिना समझने विषय को रटना। 

अशोक रात-दिन पढ़ाई करता है उसे कौन समझाए

कि किताबी कीड़ा बनने से जीवन में सफलता नहीं

मिलती।


10 कोल्लू का बैल।

दिन-रात परिश्रम करना

 जब देखों नंदलाल काम ही करता रहता है, मानों वह

कोल्लू का बैल हो




प्रश्न-2 हेलन केलर की तरह अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते है तो उसकी विशेषताओं को अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।

उत्तर - हेलन केलर विशेष आवश्यकता वाली महिला थी इसी तरह छात्र नेत्रहीन श्री रविन्द्र जैन, जन्मांध सूरदास जी का जीवन के बारे में लिख सकते हैं।


प्रश्न-3. निम्न शब्दों की सहायता से कहानी लिखिए-

पेड़, आकाश, शेर, चिड़िया, घर, जंगल, फूल, तितली, बच्चे, धुआँ, बाजा, बिल्ली, मोर, नानी मां, घास, बाग?

उत्तर - राम अपने दोस्त के आकाश के साथ चिड़िया घर देखने गया। वहाँ पर उसे हरी घास, बाघ, पेड़ व फूल

दिखाई दिये चिड़िया घर के जंगल में शेर हाथी बिल्ली मोर, व अन्य पशु-पक्षी थे बच्चे बाजा बजा रहे थे।

बगीचे में तितलियाँ उड़ रही थी और घना धुआँ उठ रहा था। राम धुओं देखकर डर गया उसे लगा कि वह

चिड़िया घर में फंस गया है तभी उसकी नींद खुल गई और वह चौंककर उठ बैठा उसने जो सपना देखा था

उसने वह सपना अपनी नानी मां को सुनाया। (इसी तरह छात्र अन्य कहानी लिख सकते हैं)


प्रश्न-4 दिए गए शब्दों का वाक्य में प्रयोग करें -

अंतरिक्षयान, यात्री, वायुमंडल, प्रशिक्षण, तापमान, उड़ान।


उत्तर- अतरिक्षयान- अंतरिक्ष यान से आकाश की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं

यात्री- यात्रा करने वाले व्यक्तियों को यात्री कहते है।

वायुमंडल- वायुमंडल में अनेक तरह की वायु है जैसे ऑक्सीजन

प्रशिक्षण- अंतरिक्ष में जाने के लिए प्रशिक्षण लेना पड़ता है।

तापमान- भोपाल का तापमान सामान्य है।

उड़ान- पक्षियों की उड़ान अधिक होती है।


प्रश्न-5 कल्पना कीजिए कि आप मंगल ग्रह पर है। सरल शब्दों में अपनी कल्पना को कलमबद्ध कीजिए।

उत्तर- कल्पना चावल की अंतरिक्ष यात्रा का वर्णन अपने शब्दों में लिख सकते हैं।


प्रश्न-6 दिए गए शब्दों से कहानी निर्माण कीजिए।

झील, पक्षी, पेड़-पौधों, तितली, बरसात, बर्फबारी, मौसम, नहीं, पत्थर, मिट्टी सूरज।


उत्तर- किसी झील के किनारे हंस पक्षी रहता था उसके दोस्त तितली, मोर भवरे व चिड़िया थे एक दिन मौसम खराबहोने से बहुत बर्फबारी व बरसात होने लगी। सभी पेड़-पौध व जानवर घबराकर इधर-उधर भागने लगे कुछजानवार पत्थर के ओट में पीछे छिप गये तथा कुछ जानवर पेडों के नीचे छिप गये थोड़ी देर बाद सूरज

निकल आया और मौसम साफ हो गया। मिट्टी से सौंधी-सौंधी खुशबू आने लगी। सभी जानवर खुश होकर

नाचने लगे।


प्रश्न-7 नीचे दिए गए जीव-जन्तुओं की विशेषता लिखिए-

कुत्ता, बकरी, हिरण, हाथी, मोर, कौआ।

उत्तर- कुत्ता-कुत्ता वफादार जानवर होता है। घर की रखवाली करता है।

बकरी-बकरी दूध देती है उसका दूध पौष्टिक होता है।

हिरण-हिरण सुन्दर जानवर होता है उसकी नाभि में कस्तूरी रहती है जो बहुत खुशबू देती है।

हाथी-हाथी बलशाली होता है। बच्चों को अपनी पीठ पर बैठाकर सैर कराता है।

मोर-मोर राष्ट्रीय पक्षी है, यह बरसात होने पर खुश होकर नृत्य करता है, यह सबसे सुन्दर पक्षी होता है।

कौआ - यह काले रंग का होता है तथा काँव-काँव की ध्वनि की आवाज निकालता है।


प्रश्न-8 विभिन्न चारित्रिक विशेषताओं पर वाक्य बनाएँ।

गुस्सा, समझदार, दयालु, सहनशील, क्रूर।

उत्तर- गुस्सा- मोहन को बहुत गुस्सा आता है।

समझदार- समझदार व्यक्ति ही उन्नति करता है।

दयालु- संत दयालु होते है।

हिनशील- धरती की तरह हमें सहनशील बनना चाहिये।

क्रूरता- क्रूरता जीवन को नष्ट कर देती है।

प्रश्न-- दिए गए शब्दों पर आधारित मुहावरे लिखिए और इन्हें अपने शब्दों में प्रयोग कीजिए-

नाक, कान, हाथ, हड्डी, सिर, पैर, मुँह

उत्तर-मुहावरा वाक्य में प्रयोग

नाक-नाक दम बच्चों ने नाक में दम कर दिया।

कान-कान खड़े हो परीक्षा की बात सुनकर मेरे कान खड़ हो गये

हाथ-पैर फूलना

शेर को देखकर मेरे हाथ-पैर फूल गये।

हड्डी हडडी-पसली पहलवान ने हड्डी पसली तोड़ दी।


प्रश्न-10 अपनी सुबह से रात की दिनचर्या लिखिए।

उत्तर - छात्र सुबह से सभी किय गये कार्यों को लिख सकते हैं।


प्रश्न-11 कल आपने कौन-सा अच्छा काम किया ? लिखिए।

उत्तर - छात्र अच्छे किये गये कार्य को लिख सकते हैं जैसे मदद करना आदि।


प्रश्न-12 कल आपने कौन-सा नया काम किया है? लिखिए।

उत्तर- छात्र पेड़ पौधे लगाने का कार्य, छोटे भाई बहन को पढ़ाने का कार्य भी लिख सकते हैं।


प्रश्न-13 क्या आपने कभी ऐसा काम किया है जिससे आपको पछताना पड़ा हो?

उत्तर- अपने जीवन में की गई कोई शरारत या घटना का वर्णन लिख सकते हैं जिसमे आपको मम्मी पापा की डांट खानी पड़ी हो और आपने सोचा कि अब मैं ये कार्य दुबारा नहीं करूंगा।



पत्र लेखन 

प्रश्न 1-पत्र कितने प्रकार के होते हैं ? नाम लिखिये।

उत्तर - पत्र दो प्रकार के होते है:-

1. औपचारिक पत्र

2 अनौपचारिक पत्र

प्रश्न 2- औपचारिक पत्र किसे कहते है ? उदाहरण सहित परिभाषा लिखिये।

उत्तर - औपचारिक पत्र-वे पत्र जो किसी कार्यालय, संस्था अथवा व्यावसायिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु लिखे जाते

है। ये पत्र व्यक्तिगत नहीं होते।

जैसे - प्रार्थना-पत्र/आवेदनपत्र

पत्र लेखन औपचारिक (कुल संक) अंक विभाजन

(6) प्रारूप औपचारिक पत्र हेतु

प्रति.

श्रीमान

1 अंक (संबोधन पर 1 अंक)

विषय - लिखने पर (सही विषय लिखने पर 1 अंक)

विनम्र

-2 अंक(विषय वस्तु को स्पष्ट करने पर 2 अंक )

धन्यवाद

प्रार्थी

प्रश्न : 3 अपने प्राचार्य महोदय को स्थानांतरण प्रमाण-पत्र हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखिए।

उत्तर

सेवा में,

श्रीमान् प्राचार्य महोदय.

(अपने विद्यालय का नाम लिखिए)

(अपने शहर का नाम लिखिए)

विषय- स्थानांतरण प्रमाण-पत्र हेतु प्रार्थना पत्र ।

महोदय,

सविनय नम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का/की कक्षा 9वीं का छात्र/छात्रा हूँ। मेरे

पिताजी का स्थानान्तरण भोपाल से इन्दौर के लिए हुआ है। मैं अपना अध्ययन जारी रखना चाहता

हूँ। इसलिए मुझे स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र (टी.सी.) की आवश्यकता है।

अतः मुझे स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्रदान करने की कृपा करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्र/छात्रा

कक्षा

दिनांक

प्रश्न : 4 अपने प्राचार्य महोदव को तीन दिन के अवकाश हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखिए।

उत्तर- सेवा में,

श्रीमान् प्राचार्य महोदय,

(अपने विद्यालय का नाम लिखिए)

(अपने शहर का नाम लिखिए)

विषय-तीन दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना पत्र।

महोदय,

सविनय नम्र निवेदन है कि मुझे आवश्यक कार्य/थुखार आ जाने के कारण मैं विद्यालय में

उपस्थित होने में असमर्थ हूँ।

अत: मुझे दिनांक से तक तीन दिन का अवकाश प्रदान करने की कृपा

करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्र/छात्रा

कक्षा

दिनांक

प्रश्न : 6 अपने प्राचार्य महोदय को शाला शुल्क-मुक्ति हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखिए।

उत्तर-सेवा में

श्रीमान प्राचार्य महोदय,

(अपने विद्यालय का नाम लिखिए)

(अपने शहर का नाम लिखिए)

विषय-शुल्क-मुक्ति हेतु प्रार्थना पत्र।

महोदय, सविनय नम्र निवेदन है कि सविनय नम्र निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय का/की कक्षा

9वीं का छात्र/छात्रा हूँ। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण मैं विद्यालय का शुल्क जमा

करने में असमर्थ हूँ।

अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मेरा शाला शुल्क माफ करने की कृपा करें।

आपकी आज्ञाकारी छात्र/छात्रा

नाम




प्रश्न : अनौपचारिक पत्र किसे कहते है? उदाहरण सहित लिखिए।

उत्तर- अनौपचारिक पत्र + वे पत्र जो निजी या व्यक्तिगत होते हैं अथवा जिन पत्रों में औपचारिकता का समावेश नहीं होता। वे अनौपचारिक पत्र कहलाते है।

जैसे - बधाई-पत्र, आमंत्रणपत्र आदि।

अनौपचारिक पत्र हेतु प्रारूप

अंक विभाजन प्रारूप

अनौपचारिक व्यक्तिगत पत्र हेतु)


पक्र-लेखन 

2) प्रेषक का पता

दिनांक सहित

1 अंक

संबोधन -

1 अंक

पूज्य/पूजनीय/आदरणीय

(बडो के लिये आदर सूचक शब्द)

प्रिय/अनुज

(बराबर व छोटों के लिए शब्द)

अभिवादन

सम्पूर्ण विषय-वस्तु लिखने पर 2 अंक

प्रेषक का नाम 1 अंक

प्रश्न 7 अपने मित्र के जन्म दिन पर उसे क्याई-पत्र लिखिए।

उत्तर-

पता

दिनांक.

प्रिय मित्र

सप्रेम हृदय स्पर्श।

तुम्हारा निमंत्रण-पत्र मिला। धन्यवाद | मेरी ओर से अपने जन्म-दिन की बधाई स्वीकार करो मित्र।

ईश्वर से प्रार्थना है, यह तुम्हें दीर्घायु प्रदान करें। यह सौभाग्यशाली दिन तुम्हारे जीवन में हर साल आए और

हर वर्ष तुम्हें सुख, शान्ति एवं समृद्धि देने वाली हो।

तुम्हारे लिए में एक उपहार भेज रहा हूँ, इसे स्वीकार कर लेना।

आदरणीय माताजी एवं पिताजी को घरण स्पर्श छोटे भाई/बहन को स्नेह।

तुम्हारा मित्र.

विनय

वार्षिक परीक्षा की तैयारी के संबंध में अपने पिता जी को पत्र लिखिए।

उत्तर-

बधाई-पत्र

पता

दिनांक

पूज्य पिताजी.

सादर चरण स्पर्श

आपका पत्र मिला। पत्र पढ़कर खुशी हुई। मैं अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी में लगा हुआ हूँ। मैं

अभी तक लगभग सभी विषयों का अध्ययन कर चुका हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि पिछली कक्षाओं की तरह

इस कक्षा में भी सर्वोच्च अंक प्राप्त कर सकूँगा।

आदरणीय माताजी को चरण स्पर्श छोटे भाई/बहन को स्नेह।

आपका प्रिय पुत्र........

निबन्ध लेखन


किसी एक विषय पर 200 से 250 शब्दों में निबन्ध अन्य विषय की रूपरेखा


प्रश्न 1-निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध की रूपरेखा लिखिए -

1. विज्ञान के चमत्कार

5. साहित्य और समाज

2 समाचार पत्रों का महत्व 6. मेरा प्रिय खेल

3. विद्यार्थी जीवन

7. राष्ट्रीय पर्व

4. पुस्तकालय का महत्व

8. जल ही जीवन है


समाचार पत्रों का महत्व-

विद्यार्थी जीवन -

1. विद्यार्थी जीवन का महत्व

2. विद्यार्थी के लक्षण

3. आधुनिक विद्यार्थी जीवन

4. अनुषासनहीनता के कारण

5. अनुषासन हीनता के निवारण

6. उपसंहार

1.प्रस्तावना

2.समाचार पत्र का अर्थ

3.समाचार पत्र का जन्म

समाचार पत्रों के रूप.

5.समाचार पत्र का महत्व

6.समाचारों पत्रों से हानि

7.उपसंहार


पुस्तकालय का महत्व -

1.प्रस्तावना

2.पुस्तकालय का स्वरूप

3.पुस्तकालय का महत्व

4.पुस्तकालय से लाभ

5.उपसंहार


पर्यावरण प्रदूषण-

1. प्रस्तावना

2. पुस्तकालय का स्वरूप

3. पुस्तकालय महत्व

4. पुस्तकालय से लाभ

5. उपसंहार


 अपठित बोध




प्रश्न 1 निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिये।

गद्यांश-01

अगर मनुष्य में कर्त्तव्यबोध नहीं है तो वह उच्च पद प्राप्त करके भी समाज के सापेक्ष असफल ही कहा

जाएगा। उच्च शिक्षा व योग्यता तभी उपयोगी है, जब व्यक्ति समाज व राष्ट्र के हित में उसका उपयोग करें। कर्त्तव्य

बोध की भावना से परिपूर्ण व्यक्ति ही अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन में खरे उतरते हैं। सचमुच में ऐसे व्यक्ति ही सही

अर्थ में राष्ट्र-सेवक होते हैं। एक शिक्षक कितना ही विद्वान क्यों न हो अगर उसमे अपने विद्यार्थियों के प्रति

कर्तव्य-बोध न हो तो वह कभी भी राष्ट्र-निर्माता नहीं हो सकता।

प्रश्न- अ. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

ब. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।

स. उच्च शिक्षा व योग्यता कब उपयोगी है?

उत्तर-अ. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है- कर्तव्य बोध ।

ब. सारांश- कर्त्तव्यबोध से युक्त व्यक्ति ही समाज व राष्ट्र के लिये उपयोगी है ऐसे व्यक्ति ही सही

अर्थ में राष्ट्र सेवक होते हैं। एक शिक्षक विद्वान होते हुए भी कर्तव्यबोध के अभाव में राष्ट्र-निर्माता

नहीं बन सकता।

स. उच्च शिक्षा व योग्यता तभी उपयोगी है जब वह समाज व राष्ट्र के लिये उपयोग की जा सके।

गद्यांश-02

स्वस्थ्य शरीर के साथ ही स्वस्थ्य मनोरंजन भी मनुष्य के लिए आवश्यक है। खेल ऐसी क्रिया है जिससे न

केवल शरीर का विकास होता है अपितु मनोरंजन भी प्राप्त होता है। यही कारण है कि सभ्यता के आदिकाल से ही

मानव समाज में खेलों का प्रचलन रहा है। आज से पचास हजार वर्ष पूर्व की मानव सभ्यता को दर्शाने वाले भित्ति-चित्र

प्राचीन गुफाओं में देखने को मिलते हैं। भारतीय खेलों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें बिना किसी खर्च के

खेला कता है। इन खेलों में कबड्डी, खो-खो आदि प्रसिद्ध है। प्रसन्नता की बात है कि कबड्डी व खो-खो को

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता प्राप्त हो गई है।


प्रश्न- अ. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

ब भारतीय खेलों की सबसे बड़ी विशेषता क्या है?

स. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।

उत्तर अ. "खेलों का महत्व"

ब. भारतीय खेलों की सबसे बड़ी विशेषता है कि इन्हें बिना किसी खर्च के खेला जा सकता है।

स. सारांश- खेलों के द्वारा न केवल मनोरंजन होता बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है यही कारण है कि

आदिकाल से ही खेलों की परम्परा रही है। इस क्रम में भारतीय खेलों जैसे- कबड्डी,खो-खो आदि को बिना किसी

खर्च के भी खेला जा सकता है। प्रसन्नता की बात है कि इन खेलों को अंतराष्ट्रीय स्तर भी मान्यता प्राप्त हो गई है।

गद्यांश-03

एकल परिवारों के चलन से मित्रता का महत्व और अधिक बढ़ा है। संयुक्त परिवारों के अभाव में विपरीत परिस्थितियों

मित्रता की माँग करती हैं। चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, अतः उसके सामाजिक विकास में मित्र की अहम्

भूमिका रहती है। परिचित तो बहुत होते हैं, पर मित्र बहुत कम हो पाते हैं, क्योंकि मैत्री एक ऐसा भाव जिसमें प्रेम के

साथ समर्पण और त्याग की भावना मुख्य होती है। मैत्री में सबसे आवश्यक है-परस्पर विश्वास ।

प्रश्न- अ. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

ब. मित्रता का महत्व अब क्यों बढ़ गया है?

स. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।

उत्तर- अ. "मित्रता का महत्व"

ब. एकल परिवारों के चलने से मित्रता का महत्व अधिक बढ़ गया है

स. वर्तमान में संयुक्त परिवार टूटकर एकल परिवार में बदल रहे हैं। फलतः विपरीत परिस्थतियों में मित्रता ही

सहयोगी होती है। मैत्री एक ऐसा भाव है, जिसमें प्रेम, समर्पण और त्याग की भावना मुख्य होती है मैत्री में परस्पर

विश्वास अत्यंत आवश्यक है।

गद्यांश-04

विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता की कथित समस्या का समाधान एक ही प्रकार से हो सकता है कि उन्हें जीवन की

जिम्मेदारियों का अनुभव कराया जाए। अनुशासनहीनता से होने वाली हानियों एवं राष्ट्रीय क्षति से उन्हें परिचित कराया

जाए। विद्यालय की जिम्मेदारियों को पूरा करने में उसे सहभागी बनाया जाए। अनुशासन, अध्ययन एवं आदर्श

नागरिकता के गुणों का इनमें विकास किया जाए, तो कोई कारण नहीं विद्यार्थियों में असंतोष भड़के। आज का विद्यार्थी

देश की वर्तमान स्थिति एवं समस्याओं से अप्रभावित नहीं रह सकता। विद्यार्थियों को बदलती हुई परिस्थियों से परिचित

कराते हुए उनमें चरित्र निर्माण के लिए उदारता, त्याग, सेवा, विनय आदि गुणों से विभूषित किया जाये तो

अनुशासनहीनता की समस्या का स्वतः समाधान हो जाएगा।

प्रश्न अ. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।

ब. विद्यार्थियों में अनुशासनहीनता दूर करने का उपाय लिखिए।

स. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।

उत्तर - अ. अनुशासनहीनता की समस्या।

ब. जीवन की जिम्मेदारियों का अनुभव करवा कर अनुशासनहीनता को दूर किया जा सकता है।

स. सारांश- विद्यार्थी को जीवन की जिम्मेदारियों का अनुभव करवा कर एवं विद्यालय के दायित्व सौंपकर

अनुशासन की समस्या का समाधान किया जा सकता है। आदर्श नागरिक के गुणों को विकसित कर उदारता, त्याग,

सेवा, विनय आदि गुणों से विभूषित करने पर अनुशासनहीनता की समस्या का स्वतः समाधान हो जाएगा।


गद्य खंड 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1: निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिये -

1. जानवरों में सबसे बुद्धिहीन समझा जाने वाला प्राणी है-

(अ) कुत्ता

(ब) बैल

(स) गधा

2. ऋषि-मुनियों के गुण किसमें पहुंच गए-

(अ) गर्थे में

(ब) घोड़े में

3. अड़ियल का अर्थ है-

(अ) हठी

(ब) अड़ना

(स) नाराजगी

4. डाँडा शब्द का अर्थ है-

(अ) डन्डा (ब) ऊँची पहाड़ी (स) खाई

5. कुची-कुची शब्द का अर्थ -

नमस्ते

(ब) जय हो

(स) दया-दया

8. ल्हासा में चाय में डाला जाता है -

(अ) शक्कर

(स) मक्खन और नमक

(द) मूर्ख

(द) मैदान

(द) भीख

7.गद्य हमारी स्वाभाविक

(क) अभिव्यक्ति है। (ख) रचना है। (ग) पद्य है। (घ) व्याख्या है।

8.एकांकी में अंक होता है-

(क) एक (ख) तीन(ग) पाँच (घ) एक भी नहीं

रिपोर्ताज' शब्द है-

(क) फ्रांसीसी भाषा का (ख) इटैलियन भाषा का (ग) ग्रीक भाषा का

(घ) अंग्रेजी भाषा का


उत्तर - (1) गधा (2) गधे में

(3) हठी

(4) ऊँची पहाड़ी (5) दया दया (6) मक्खन और नमक

(7) अभिव्यक्ति (8) एक (9) फ्रांसीसी भाषा का


प्रश्न-2 : रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

1. प्रेमचंद का जन्म में हुआ। (बनारस/लाहौर)

2. गधे का एक छोटा भाई भी है उसका नाम है.... (बैल/कुत्ता)

3. बैल का स्थान गधे से .... है । (नीचा / ऊँचा)

4. तिब्बत में कानून नही था। (हथियार/न्याय)

5. तिब्बत में खेती की व्यवस्था....देखते है। (मठ के भिक्षुक/ सरपंच)

6. डाँडा थोड्ला....... के लिए उपयुक्त है। (व्यापारियों/डाकुओ)

7. पक्षियों के ..सुन्दर होते है। (पंख /पंजे)

8. कृष्ण को. ..अच्छा लगता है। (माखन / पनीर)

9. पक्षी विज्ञानी. .थे। (सालिम अली/जाबिर हुसैन)

10. लेखक के सामने का फोटो है। (प्रेमचन्द/परसाई)


11.लेखक की दृष्टि पर अटक गई है। (फोटो/परसाई)

12.प्रेमचन्द जी साहित्यकार थे। (आदर्षवादी/यर्थाथवादी)

13. गद्य में व्याकरण का प्रयोग भी से ग्रहण किया जा सकता है।

14. पात्रों के संवादों से प्रस्तुत रचना कहलाती है।

15. एकांकी में होता है।

उत्तर- (1) बनारस (2) बैल (3) नीचा (4) हथियार (5) मठ के शिक्षक (6) डाकुओं

(7) पंख (8) माखन(9) सालिम अली (10) प्रेमचन्द(11) फोटो (12) यर्थाथवादी (13)आसानी (14) नाटक (15) एक अंक


प्रश्न-3 : सत्य/असत्य बताइये-

1. पगहे पतली रस्सी के थे ।

2. दोनों बैल एक माह तक कांजी हौस में बंधे रहे ।

3. झूरी काछी के पास दो घोड़े थे ।

4. ल्हासा की यात्रा बहुत सुगम थी।

5. तिब्बत यात्रा करने के लिए अनुमति की आवष्यकता नही है।

6. तिब्बत में जाति पाति छुआछूत नही मानते है।

7. परिन्दों के पंख सुनहरे दिखाई देते हैं।

8. सालिम अली हुजूम के पीछे-पीछे चल रहे हैं।

9. पक्षियों की आवाज मधुर संगीत की तरह सुनाई देती है।

10. प्रेमचन्द के जूते फटे थे ।

11. वर्तमान परिवेष के लोग प्रदर्षन प्रेमी है।

12. कहानी में किसी घटना, भाव संवेदना आदि की मार्मिक व्यंजना की जाती है। (सत्य)

13, उपन्यास में जीवन का विशद् चित्रण नहीं होता है। (असत्य)

14. एक अंक वाला दृश्य काव्य एकांकी कहलाता है। (सत्य)

15. गद्यकाव्य कवितापूर्ण गद्य रचना होती है जिसमें गहन भावानुभूति होती है। (सत्य)

16. आलोचना में रसानुभूति की बुद्धि प्रधान व्याख्या की जाती है। (सत्य)


उत्तर - (1)असत्य (2) असत्य (3) असत्य (4) असत्य (5) असत्य (6) सत्य (7) सत्य (8) असत्य (9) सत्य

(10) सत्य (11)सत्य (12) सत्य (13) असत्य (14) सत्य(15) सत्य(16) सत्य


प्रश्न-4: निम्न जोड़ी 

कन्जुर.              खतरनाक मोड

2पोथियों.           पुस्तक पढ़ाने में रम जाना

3पुस्तकों के भीतर होना. डाँडा थोड्ला की ऊँचाई

बुद्ध-वचन अनुवाद.    डाँडा

सोलह सत्रह हजार फीट 2) धार्मिक पुस्तक

6 प्रेमचन्द का जन्म.   (क) गोदान

7 प्रेमचन्द का नाम. (ख) प्रेमचन्द

उपन्यास. (ग) व्यंग्य लेखक

9 फटे जूते. (घ) धनपतराय

10 परसाई जी. (ड) सन् 1880



उत्तर - (1) बुद्धवचन अनुवाद

(4) सोलह सत्रह हजार फीट

(7) धनपतराय (8) गोदान

(5) खतरनाक मोड़

(9) प्रेमचंद

(3) पुस्तकों पढ़ाने में रम जाना

(6) 1880

(10) व्यंग्य लेखक



प्रश्न-5: निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए -

प्र. 1 ल्हासा की ओर के लेखक कौन है?

उत्तर- ल्हासा की ओर के लेखक राहुल सांकृत्यायन है।

प्र.2 ल्हासा किसकी राजधानी है?

उत्तर- ल्हासा तिब्बत की राजधानी है।

प्र.3 तिब्बत जाने का मुख्य रास्ता कौन सा हैं ?

उत्तर-तिब्बत जाने का मुख्य रास्ता नेपाल से तिब्बत का है।

प्र.4 क्षितिज का अर्थ क्या है?

उत्तर- क्षितिज का अर्थ जहाँ पर आसमान व धरती मिलते दिखाई देते है।

प्र. 5 सालिम अली की मदद किसने की थी?

उत्तर- सालिम अली की मदद तहमीना की थी।

प्र.6 उनकी सहपाठी का नाम क्या था?

उत्तर- उनकी सहपाठी का नाम तहमीना था।

प्र.7 हिन्दी का उपन्यास सम्राट किसे कहा जाता है?

उत्तर -हिन्दी का उपन्यास सम्राट मुंधी प्रेमचन्द को कहा जाता है।

प्र. 8 अमृतराय लिखित प्रेमचन्द की जीवनी का नाम क्या है?

उत्तर - अमृतराय लिखित प्रेमचन्द की जीवनी का नाम 'कलम का सिपाही है।

प्रश्न.9 अंग्रेजी शब्द रिपोर्ट से किसका निकटता का संबंध होता है?

उत्तर- रिपोर्ताज का।

प्रश्न.10 आलोचना में किसके गुण-दोषों की परख की जाती है?

उत्तर- साहित्यिक रचना के।

प्रश्न.11 किसी विशेष स्थल का यात्रा का सजीव वर्णन किस विधा में किया जाता है?

उत्तर-यात्रावृत्तांत।

प्रश्न.12 हिन्दी गद्य साहित्य का इतिहास कब से प्रारंभ हुआ है?

उत्तर- आधुनिक काल से।

प्रश्न.13 हिन्दी साहित्य के उपन्यास सम्राट कौन है?

उत्तर- मुंशी प्रेमचन्द।

प्रश्न.14 प्राचीन काल में किस कला का अभाव था?

उत्तर-प्राचीन काल में मुद्रण कला का अभाव था।

प्रश्न.16 आधुनिक काल में किस साहित्य का विकास हुआ?

उत्तर- आधुनिक काल में गद्य साहित्य का विकास हुआ है।

प्रश्न 18 गद्य साहित्य के अनेक रूप क्या कहलाए?

उत्तर गद्य साहित्य के अनेक रूप गद्य की विधाएँ कहलाई।

प्रश्न-:: निम्न प्रश्नों के 30 शब्दों में उत्तर दीजिए -(2 अंकीय प्रश्न)

प्र.1 गया ने बैलों को शरारत के लिए क्या सजा दी?

उत्तर-गया ने बैलों को शरारत के लिए बहुत मारा, उन्हें खाने के लिए चिकनाई व चारा भी हीं दिया। सूखा-भूसा

खाने के लिए दिया।


प्र.2 'नहीं। हमारी जाति का यह धर्म नहीं है। कथन से हीरा का क्या आशय है?

उत्तर -हीरा का आषय है कि स्त्री. बच्ची आदि अर्थात् औरत जात पर सींग मारना हमारी जाति का धर्म नहीं है हमें

उनका सम्मान करना चाहिए। उनसे प्रेम व सहानुभूति रखना चाहिए।


3.गया भागते बैलों को क्यों नहीं पकड़ पाया?

उत्तर-गया भागते हुए बैंलो को इसलिए नहीं पकड़ पाया, क्योंकि वे तेजी से भाग रहे थे और गया को गुस्से से मार

भी रहे थे।


प्र.4 ल्हासा की ओर यात्रा वृत्तांत लिखने का लेखक की क्या उद्देश्य रहा?

उत्तर -ल्हासा की ओर यात्रा वृतान्त लिखने का लेखक का उददेष्य यात्रा करते समय तिब्बत व नेपाल की दुर्गम

पहाड़ियों से तिब्बत समाज की संस्कृति का सभी को परिचय कराना है।


प्र.5 तिब्बत में यत्रियों के लिए कुछ आराम की क्या बातें है लिखिए?

उत्तर-तिब्बत में यात्रियों के लिए आराम की बाते हैं यहाँ पर छुआछूत जाति-पाति तथा पर्दा प्रथा नहीं थी। अपरिचित

व्यक्ति पर भी आसानी से घर के लोग विष्वास कर लेते थे। आप अपने हाथ से मक्खन व सोडा डालकर चाय

बना सकते है।


प्र.6 तिब्बत की महिलाओं की क्या विशेषता है?

उत्तर- तिब्बत की महिलाएँ पर्दा नहीं करती थी वे ईमानदारी से चाय बना कर देती थी। अपरिचित पर विष्वास भी

करती थी।


प्र.7 जाबिर हुसैन किस सन् में मुंगेर से बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए?

उत्तर- जाबिर हुसैन सन् 1977 में बिहार विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित होकर वर्ष 1995 में बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।


प्र.8 प्रातःकाल वातावरण कैसा दिखाई देता है?

उत्तर-प्रातःकाल वातावरण पतली गलियों से उत्साह भरी भीड़ नदी की ओर बढ़ती है तो ऐसा लगता है कि अचानक

कोई आएगा तथा बंसी बजाएगा, जिससे सबके पाँव थम जाएँगे।


प्र.9 कृष्ण की बाँसुरी की आवाज सुनकर सभी क्या प्रतिक्रिया करते थे?

उत्तर-कृष्ण की बाँसुरी सुनकर सभी के पाँव थम जाते हैं। मंत्र मुग्ध होकर सभी आनंदित हो जाते है।


प्र. 10 लॉरेंस गोरैया के विषय में क्या-क्या बातें जानती थी?

उत्तर- लॉरेंस गोरैया के विषय में यह जानती थी कि गौरेया छत पर लॉरेस के पति के साथ अधिक समय बिताती थी

यही कारण था लॉरेंस गौरिया के बारे में ढेर सारी बातें जानती थी।


प्र. 11 लेखक परसाई जी प्रेमचन्द को क्या सलाह दे रहे हैं?

उत्तर - प्रेमचंद को परामर्ष देते हुए लेखक कहता है कि यदि फोटो खिंचवाना इतना आवष्यक है तो ढंग के जूते

पहन लेते या फिर फोटो ही न खिंचवाते।


प्र. 12 लोग फोटो खिंचवाने के लिए क्या-क्या उधार माँग लेते है और क्यों?

उत्तर - लोग फोटो खिचवाने के लिए जूते. कोट, मोटर के साथ-साथ बीवी भी माँग लेते है।


प्र. 13 लेखक ने प्रेमचन्द को किन किन उपाधियों से विभूषित किया है?

उत्तर-लेखक ने प्रेमचन्द को निम्न उपाधियों से विभूषित किया है-

1 महान कथाकार 2.उपन्यास सम्राट 3. युग प्रवर्तक 4. जनता के लेखक 5. साहित्यिक पुरखे


प्र.14 प्रेमचन्द की विडबना क्या थी?

उत्तर - प्रेमचन्द्र की विडंबना यह थी कि उनकी आर्थिक दषा बहुत कमजोर थी। वे परिवार का भरण पोषण बड़ी

कठिनाई से करते थे। उनकी स्थिति का वेषभूषा, जूते, टोपी व चश्में आदि को देखकर पता लगाया जा सकता


प्र. 15 दोनों बैल आपसी प्रेम किस प्रकार प्रकट करते थे?

उत्तर-दोनों बैल एक दूसरे चाटकर, सूंघकर, तथा सींग मारकर प्रेम प्रकट करते थे। यदि हीरा नाद में भूख के समय

मुँह नहीं डालता था तो मोती भूखा होने के बाद भी खली-भूसा नहीं खाता था। गया के घर पर भी मार दोनों

एक साथ ही खाते थे।


प्र. 16गया के घर हीरा और मोती ने स्वयं को अपमानित महसूस क्यों किया?

उत्तर-हीरा और मोती यह सोच रहे थे कि झूरी मालिक ने उन्हें बेच दिया है। इसलिए वे स्वयं को अपमानित महसूस

कर रहे थे गया का व्यवहार भी उनके प्रति अच्छा नहीं था।


प्र. 17 दढ़ियल व्यक्ति को देखकर क्या सोचकर दोनों बैलों के दिल काँप उठे?

उत्तर- दढ़ियल व्यक्ति को देखकर वे समझ गए थे कि वे उन्हें खरीदकर कसाई के हाथ बेच देगा। अपना अंत

देखकर दोनों के दिल काँप उठे।


प्र. 18 किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?

उत्तर -बचपन में सालिम अली की एअरगन से नीले कंठयाली एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी घायल गौरेया को

देख उनका मन दुःखी हो गया। वे उसकी सेवा तथा उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने में जुट गए। उसके

बाद वे पक्षी-जगत से जुड़े ये पक्षी प्रेमी बन गए।

प्रश्न 19. गद्य की विधाओं को कितने वर्गों को विभाजित किया गया है?

उत्तर, गद्य की विधाओं को दो वर्गों में विभाजित किया गया है। पाठ्यक्रमानुसार विधाओं का वर्गीकरण इस प्रकार है।

निबंध, कहानी, उपन्यास, नाटक, एकांकी, आलोचना

गौण विधाएँ जीवनी, आत्मकथा, संस्मरण, रेखाचित्र, पत्र, डायरी, रिपोतार्ज, साक्षात्कार

मुख्य विधाएँ

प्रश्न 20. नाटक, कहानी उपन्यास व एकांकी के तत्वों को लिखिए।

उत्तर नाटक, कहानी उपन्यास व एकांकी के तत्व है-

क - कथानक, पा- पात्र परिचय, स - संवाद (कथोपकथन), दे - देशकाल व वातावरण, भा - भाषाशैली, उ

- उददेश्य

प्रश्न.1 रिपोर्ताज से आप क्या समझते है?

उत्तर - रिपोर्ताज फ्रांसीसी शब्द है और अंग्रेजी शब्द के रिपोर्ट से इसका निकट का संबंध है। रिपोर्ट समाचार पत्र

के लिए लिखी जाती है। आँखों देखी घटनाओं पर ही रिपोर्ताज लिखा जाता है। रिपोर्ताज लेखक को पत्रकार तथा

कलाकार दोनों की ही जिम्मेदारी निभानी पड़ती है।

निम्न प्रश्नों के उत्तर 50-75 शब्दों में दीजिये। (चार अंकीय प्रश्न)

प्र. 1 इस पाठ के लेखक की भाषा शैली की चार विशेषताएँ बताइए?

उत्तर -लेखक की भाषा शैली की चार विषेषताएँ है।

1. इस पाठ में आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग हुआ है।

2 इस पाठ में उदाहरण शैली का प्रयोग है।

3.अभिव्यक्ति में चित्रात्मकता है।

4. उर्दू तद्भव, संस्कृत व अंग्रेजी शब्दों का मिश्रण है।

प्र. 2 प्रेमचन्द के जूते " पाठ में टीले" शब्द का प्रयोग किन सन्दर्भ में अंकित किया है

उत्तर- टीला शब्द रास्ते की रूकावट का प्रतीक है। पाठ में टीले शब्द का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में आने वाले

कठिनाइयों, संघर्षों एवं असुविधाओं के लिए किया गया है। अनेक बुराइयाँ, कुरीतियाँ और भ्रष्ट आचरण जीवन

की सहज गति को बाधित कर देते है। जैसे- शोषण, अन्याय, छुआछूत, जाति-पाँति आदि।

प्र.3 "तुम पर्दे का महत्व ही नही जानते हम पर्दे पर डुबान हो रहे है" पंक्ति में निहित व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- इस पंक्ति के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि वर्तमान युग में बात को छिपाए रखना बहुत आवश्यक हो

गया है। देश के सामान्य लोग भी किसी बात को छिपाए रखने के आजकल के गुण को अपनाए हुए है, परन्तु

प्रेमचन्द इस प्रकार के गुण को नहीं जानते अर्थात् ये छिपाने में विश्वास नही रखते थे। उनमें बनावटीपन

कतई नहीं दिखाई देता था।


प्र. 4 हरिशंकर परसाई ने प्रेमचन्द का जो 'शब्द चित्र जो हमारे सामने प्रस्तुत किया है, उससे प्रेमचन्द के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर सामने आती है ?

उत्तर- प्रेमचन्द्र व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर सामने आती है

(1) सादा जीवन उच्च विचार

(2) आशावादी व आत्मविश्वासी

(3) स्वाभिमानी व्यक्तित्व

(4) संघर्षशील लेखक


प्र.5 किन घटनाओं से पता चलता है कि हीरा और मोती में गहरी दोस्ती थी?

उत्तर-निम्न घटनाओं से पता चलता है कि दोनों में गहरी दोस्ती है।

समर्पण का भाव - गाड़ी में जोते जाने पर दोनों कोषिष करने कि दूसरे साथी के कंधे पर अधिक

भार न पड़े।

मित्र पर पड़े डंडे की प्रतिक्रिया- जब गया हीरा की नाक पर डंडा मारता है तो मोती तिलमिला

उठता है नाम पर डंडा मारता है तो मोती तिलमिला उठता है हीरा का कष्ट देखा नहीं जाता है।

विपत्ति में साथ न छोड़ना - मटर के खेत में दोनों ने एक दूसरे के लिए अपनी जान जोखिम में

डाली।

प्र.6- दो बैलों की कथा का सारांश अपने शब्दों में लिखिए ।

उत्तर - दो बैलों की कथा के माध्यम से प्रेमचंद ने कृषक किसान/समाज और पषुओं के भावात्मक संबंध का वर्णन

किया है। इस कहानी में उन्होंने यह बताया है कि स्वतन्त्रता सहज (आसानी) से नहीं मिलती उसके लिए

प्रयास व संघर्ष बार-बार करना पड़ता है। इस प्रकार ये कहानी आजादी के आन्दोलन की भावना से जुड़ी है।


तिब्बत की तत्कालीन कानून व्यवस्था भारत की तुलना में लचर थी कैसे? वृतान्त के आधार पर स्पष्ट कीजिए?


उत्तर- तिब्बत की सरकार खुफिया - विभाग और पुलिस पर अधिक खर्च नहीं करती। हथियार का कानून न रहने के

कारण यहाँ लाठी की तरह पिस्तौल बंदूक लिए फिरते है। डाकू यदि जान से न मारे तो खुद उसे अपने प्राणों

का अधिक खतरा है। यहाँ दुर्गम पहाड़ियाँ होने से भी कानून व्यवस्था लचर थी।


1.8 पाठ के आधार पर तिब्बत भिक्षु नम्से का चरित्र चित्रण कीजिए?


उत्तर - नम्से एक बौद्ध भिक्षु थे। ये शेकर बिहार नामक जागीर के प्रमुख थे। इस कारण उनका मान- सम्मान था। वे

बड़े भद्र पुरूष थे। ये लेखक से बड़े प्रेम से मिले, जबकि उस समय लेखक की वेषभूषा एक भिखारी जैसी

थी।


प्र.9 हिन्दी गद्य विधाओं के नाम लिखकर संक्षेप में सभी को समझाइए?


उत्तर- हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ है- उपन्यास, कहानी, उपन्यास, संस्मरण, नाटक, एकांकी आदि।

1. उपन्यास- आधुनिक गद्य साहित्य में उपन्यास एक सषक्त विधा है। उपन्यास में सम्पूर्ण जीवन का चित्रण

रहता है।

2 कहानी- मानव जीवन के किसी एक पहलू, भावना या घटना पर कथा के माध्यम से प्रकाष डाला जाता है।

इसका आकार संक्षिप्त, रोचक होता है।

3 एकाकी- एकांकी एक अंक का नाटक होता है। इसमें जीवन के किसी दृष्य का मार्मिक प्रसंग कोई

उजागर किया जाता हैं। एकांकी में संवाद-योजना का विषेष महत्व है।


प्र. 10 पर्यावरण को बचाने के लिए आप क्या योगदान दे सकते हैं?


उत्तर-पर्यावरण को बचाने के लिए मेरे एवं समाज के अन्य सदस्यों द्वारा निम्न योगदान किया जाना चाहिए-

1. पषु-पक्षियों के प्रति संवेदनात्मक रवैया अपनाया जाए।

2 कूड़ा-कचरा व गंदगी को जगह-जगह न फेंका।

3 प्लास्टिक का प्रयोग पूर्णतः बंद कर देना चाहिए।

4 अलग-बगल, आस-पास हरियाली, के लिए अधिक पेड़-पौधों को लगाने का प्रयास किया जाए।

5. पर्यावरण को अपने स्तर पर दूषित न किया जाए।



प्र. 11 'कोरोना ' बीमारी से बचने के कौन-कौन से उपाय हैं ? लिखिए

उत्तर- कोरोना बीमारी से बचने के निम्नलिखित उपाय है।

1. दूसरों से दो गज की दूरी बनाएँ।

2 बात करते समय, छींकते समय, खाँसते समय मुहँ अवश्य ढंके।

3 मास्क अवश्य लगाएँ।

4. हाथों को बार-बार धोएँ।

6. भीड़-भाड़ वाली जगह या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।


प्रश्न.12 निबंध की परिभाषा, प्रकार व दो निबंधकारों के नाम रचना सहित लिखिए।

उत्तर- परिभाषा - निबंध वह रचना है जिसमें लेखक किसी भी विषय पर स्वच्छदापूर्वक अपने विचारों,और अनुभवों को सजीवता व स्वाभाविकता के साथ व्यक्त करना है।

निबंध के प्रकार - निबंध सामान्यतः चार प्रकार के होते है।

(1) कथात्मक (2) वर्णनात्मक (3) विचारात्मक (4) भावात्मक

दो प्रमुख निबंधकारों के नाम व प्रमुख रचना

1. भारतेन्दु हरिशचन्द्र - 'ईश्वर बड़ा विलक्षण है

प्रतापनारायण मिश्र- 'बुढ़ापा, भौं, दांत', 'परीक्षा

2.उपन्यास

प्रश्न.13 कहानी एवं उपन्यास में कोई चार अंतर लिखिये।

उत्तर

क्र.

कहानी

1. कहानी छोटी होती है।

2 कहानी में एक घटना का वर्णन होता है।

3 कहानी में कम पात्र होते है।

4. परीक्षा प्रेमचंद द्वारा लिखित कहानी है।

उपन्यास

उपन्यास बड़ा होता है।

उपन्यास में अनेक घटनाओं का वर्णन होता है।

उपन्यास में अधिक पात्र होते हैं।

'गोदान' प्रेमचन्द द्वारा लिखित उपन्यास है।


प्रश्न.14 एकांकी एवं नाटक में अंतर लिखिए-

उत्तर-

एकांकी नाटक

1 एकांकी में एक ही अंक होता है।

नाटक में अनेक अंक होते है।

2 एकांकी की कथावस्तु संक्षिप्त होती है। नाटक की कथावस्तु विस्तृत होती है।

3. एकांकी में पात्रों की संख्या कम होती है। नाटक में पात्रों की संख्या अधिक होती है।

4 दीपदान रामकुमार वर्मा द्वारा लिखित एकांकी | चन्द्रगुप्त' जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित नाटक है।

है।

प्रश्न.16 जीवनी और आत्मकथा में अंतर लिखिए।

उत्तर-

क्र.

जीवनी

आत्मकथा

1. जीयनी किसी महापुरुष के जीवन पर लिखी आत्मकथा स्वयं के जीवन पर लिखी जाती है।

जाती है।

2 जीवनी सत्य घटनाओं पर आधारित होती है। आत्मकथा काल्पनिक भी हो सकती है।

3. जीवनी मे लेखक तटस्थ होता है।

आत्मकथा में लेखक की वैयक्तिकता झलक जाती है।

4. जीवनी प्रेरणादायक होती है।

आत्मकथा से प्रेरणा प्राप्त हो यह आवश्यक नहीं है।


प्रश्न 10- मुंशी प्रेमचन्द अथवा हरिशंकर परसाई का साहित्कि परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर लिखिए-

दो रचनाएँ, भाषा-शैली, साहित्य में स्थान

मुंशी प्रेमचंद जी

1) रचनाएँ - रंगभूमि, सेवासदन

2) भाषा- मुंशी प्रेमचंद जी की भाषा के दो रूप प्राप्त होते है। प्रथम, वह रूप है जिसमें संस्कृत भाषा के तत्सम

शब्दों का बाहुल्य है और दूसरा यह रूप है जिसमें उर्दू, संस्कृत और हिन्दी के व्यावहारिक शब्दों का प्रयोग

किया गया है उनकी भाषा सरल सहज और महावरेदार प्रभावशाली है।

3) शैली - प्रेमचंद जी विषय एवं भावों के अनुरूप शैली का प्रयोग करते थे। उनके साहित्य में मुख्य रूप में पांच

शैलियों का प्रयोग हुआ है (1) वर्णनात्मक (2) विवेचनात्मक (3) मनोवैज्ञानिक (4) हास्य व्यंग्य प्रधान (5)

भावात्मक शैली आदि।

4) साहित्य में स्थान-हिन्दी साहित्य के उपन्यास सम्राट, युग प्रर्वतक कहानीकारों में प्रेमचंद जी का विशिष्ट स्थान

है। आपने आधुनिक हिन्दी साहित्य जगत में कहानी-कला को अग्रणी स्थान प्रदान किया है।


हरिशंकर परसाई

1) रचनाएँ - रानी नागफनी की कहानी, भूत के पाँव पीछे।

2) भाषा - परसाई जी की रचनाओं में व्यंग्य के अनुरूप भाषा का प्रयोग हुआ है। परसाई जी के वाक्य

छोटे-छोटे एवं व्यंग्य प्रधान है। संस्कृत शब्दों के साथ उर्दू, अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग उन्होने अपनी रचनाओं में

प्रसंगानुकूल वांछित परिवर्तन भी किया है। भाषा के प्रवाह के लिए उन्होंने मुहावरों और कहावतों का भी प्रयोग

किया है।

3) शैली - परसाई जी की रचनाओं में शैली की विविधता दिखाई पड़ती है। शैली के जो विविध रूप इनकी

व्यंग्य रचनाओं में दिखाई पड़ते है। उनमें से प्रमुख निम्न प्रकार है - (1) व्यंग्यात्मक शैली (2) विवेचनात्मक

शैली (3) प्रश्नात्मक शैली (4) सूत्रात्मक शैली (5) भावात्मक शैली आदि।

4) साहित्य में स्थान- हरिशंकर परसाई जी ने सामाजिक रूढ़ियों, राजनीतिक विडम्बानाओं तथा सामयिक

समस्याओं पर व्यंग्य किया है और कीर्ति पाई है। ये एक सफल व्यंग्यकार के रूप में रमणीय रहेंगे।


प्रश्न 17. निम्नलिखत गद्याशों की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।

गद्यांश-1

"दोनों दिन-भर जोते-जाते. डण्डे खाते. अड़ते। शाम को थान पर बाँध दिए जाते और रात को वही बालिका

उन्हें दो रोटियाँ खिला जाती। प्रेम के इस प्रसाद की बरकत थी कि दो-दो गाल सूखा भूसा खाकर भी दोनों दुर्बल न

होते थे. मगर दोनों की आँखों में रोम-रोम में, विद्रोह भरा हुआ था।"

कठिन शब्द- आवश्यक होने पर शब्दों को छाँटकर उनका अर्थ लिखों।

संदर्भ-पाठ का नाम - दो बैलों की कथा।

लेखक का नाम - मुंशी प्रेमचन्द ।

प्रसंग - निम्न गद्यांश में लेखक ने झूरी के दोनों बैलों हीरा और मोती की मेहनत और सहनशीलता को बताने का

प्रयास किया है।

व्याख्या - लेखक कहते है कि झूरी के दोनों बैलों हीरा और मोती उसके साले के यहाँ कड़ी मेहनत करने लगे। साला

उनसे खूब डटकर काम लेता है रात होने पर पहले की तरह उसकी लड़की उन्हें चुपके से दो रोटियाँ खिलकर चली

जाती थी। दोनों उसके द्वारा दी हुई उन रोटियों को प्रसाद की तरह बड़े प्रेम भाव से लेते थे। उससे उन्हें एक ऐसी

अद्भुत सहनशक्ति मिलती थी कि वे रूखा-सूखा भूसा-चारा खा कर भी अपनी कमजोरी कुछ भी अनुभव नहीं करते

थे। ऐसा होने पर भी गया के प्रति उनके मन में अधिक घृणा और विरोध भरा हुआ था।

विशेष - बाल स्वभाव पशु-प्रेम का उल्लेख

भावात्मक शैली, उर्दू-हिन्दी की शब्दावली का प्रयोग, भाषा मुहावरेदार



गद्यांश-2

"वह नेपाल से तिब्बत जाने का मुख्य रास्ता है। फरी-कलिड्.पोड्. का रास्ता जब नहीं खुला था, तो नेपाल ही

नहीं हिन्दुस्तान की भी चीजें इसी रास्ते तिब्बत जाया करती थी। यह व्यापारिक ही नहीं सैनिक रास्ता भी था। इसीलिए

जगह-जगह फौजी चौकियों और किले बने हुए हैं, जिनमें कभी चीनी पलटन रहा करती थी।"

संदर्भ ल्हासा की ओर। लेखक का नाम राहुल सांकृत्यायन।

प्रसंग - लेखक ने नेपाल-तिब्बत मार्ग के बारे में बताया हैं।

व्याख्या नेपाल-तिब्बत मार्ग किसी समय नेपाल से तिब्बत जाने का मुख्य मार्ग हुआ करता था। इसी मार्ग से नेपाल

और तिब्बत का व्यापार होता था। व्यापारिक दृष्टि से यह मार्ग अपना विशेष महत्व रखता है। फरी-कलिड्.पोड्. का

रास्ता खुलने से पहले नेपाल के अलावा हिन्दुस्तान की चीजें भी इसी मार्ग से तिब्बत पहुँचती थी। इस तरह यह विशेष

महत्व रखने वाला मार्ग था। यह व्यापार का ही नहीं सेना का भी रास्ता था। वहाँ रास्ते के बीच-बीच में सेना की

चौकी और किले हैं, जहाँ चीन की सेना रहती थी।

विशेष - भौगोलिक परिवेश का वर्णन

गद्यांश-3

"मुझे लगता है, तुम किसी सख्त चीज को ठोकर मारते रहे हो। कोई चीज जो परत-पर-परत सदियों से जम

गई है, उससे शायद तुमने ठोकर मार-मारकर अपना जूता फाड़ लिया। कोई टीला जो रास्ते पर खड़ा हो गया था,

उस पर तुमने अपना जूता आजमाया।

संदर्भ पाठ का नाम प्रेमचंद के फटे जूते।

लेखक का नाम हरिशंकर परसाई जी।

प्रसंग लेखक प्रेमचंद के जूते फटने के विषय में अनुमान लगा रहा है।

व्याख्या लेखक प्रेमचंद के जूते फट जाने के कारण का अनुमान लगाते हुए कहते हैं कि या तो प्रेमचंद ने किसी

कठोर वस्तु पर पैर से प्रहार करने के कारण या किसी कठोर वस्तु पर वर्षों से जमी हुई गंदी परतों को नष्ट करने हेतु

जूते से प्रहार करते-करते अपना जूता फाड़ लिया है। ऐसा भी हो सकता है कि अपने मार्ग में पड़ने वाले किसी टीले

(रूकावट) को नष्ट करने के लिए उन्होंने जूते का प्रहार किया हो जिससे जूता फट गया।

विशेष भाषा सरल, सरस तथा उर्दू शब्दों से मिश्रित है।

व्यंग्यात्मक शैली का प्रयोग।

गद्यांश-4

तुम समझौता नहीं कर सके ! क्या तुम्हारी भी वही कमजोरी थी, जो होरी को ले डूबी, वही 'नेम-धरम'

वाली कमजोरी ! 'नेम-धरम' उसकी भी जंजीर थी। मगर तुम जिस तरह मुसकरा रहे हो, उससे लगता है शायद

'नेम-धरम तुम्हारा बंधन नहीं था, तुम्हारी मुक्ति थी।

संदर्भ पाठ का नाम - प्रेमचंद के फटे जूते।

लेखक का नाम - हरिशंकर परसाई जी।

प्रसंग - लेखक ने प्रेमचंद के कटु सिद्धांतों का उल्लेख किया है।

व्याख्या लेखक प्रेमचंद को अपने सिद्धांतों से समझौता न कर लेने के विषय में सोचता हुआ कहता है कि वह अपने

वर्तमान परिस्थितियों के साथ समझौता नहीं कर सके तथा गोदान उपन्यास के नायक होरी के समान धर्म एवं सत्य के

मार्ग पर डटे रहे। धर्म-कर्म का साथ ही होरी को जकड़े हुए था। जिसके कारण उसने अनेक कष्ट सहन किए।

लेखक कहते है कि वे धर्म-कर्म के बंधन में नहीं बंधे थे। वे इनसे स्वतंत्र एवं मुक्त थे।

विशेष - भाषा सरल, सरस तथा उर्दू शब्दों से मिश्रित है। व्यंग्यात्मक शैली का प्रयोग


वस्तुनिष्ठ प्रश्न

01 अंक

प्रश्न : निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए -

1 लेखिका ने अपनी नानी को क्यों नहीं देखा?

(अ) घर छोड़कर चली गई

(ब) मायके चली गई थी

(स) स्वर्ग चली गई थी

(द) लेखिका अंधी थी

2 मेरे नाना पक्के माने जाते थे?

(अ) साहब

(ब) हिन्दुस्तानी

(स) अंग्रेज

(द) बाबू

3 रेणु के पैदल आने पर पिता?

(अ) रोते थे

(ब) खुष होते थे

(स) गुस्सा होते थे

(द) कुढते भुनते थे

उत्तर -(1) स्वर्ग चली गई थी (2) साहब (3) कुढते भुनते थे

प्रश्न-2: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए -

1. मेरे नाना पक्के माने जाते थे। (साहब/अंग्रेज)

वे से कम जादुई नहीं मालूम पड़ती थी। (स्त्रीजात/परिजात)

नाना शादी के तुरंत बाद उन्हें छोड़कर पढ़ने विलायत चले गए थे। (डॉक्टरी/बैरिस्टरी)

नानी के मन में की आजादी के प्रति जुनून था। (देश/स्वयं)

5. तीसरे नम्बर पर है। चित्रा/रेणु

6. उर्दू शब्द तालीम का अर्थ है। (शिक्षा/अशिक्षा)

7. रीढ़ की हड्डी नामक एकांकी में कुल पात्र है। (चार/७)

8. माटीवाली पाठ के लेखक है । (मृदुला गर्ग/विद्यासागर नौटियाल)

9. जटिल शब्द भाँडे का अर्थ है। (बर्तन/झाडू)

10 माटीवाली' नामक कहानी का प्रारंभिक शब्द हैं (शमशान/शहर)

11. नानी के मन में देश की आजादी के प्रति जुनून था। (जुनून/डर)

12 लेखिका की नानी थी। (ममतामयी/करूणामयी)

उत्तर- 1. साहब, 2 परिजात 3. बैरिस्टरी 4. देश 5. चित्रा6. शिक्षा 7. छ8 विद्यासागर नौटियाल 9. बर्तन 10. शहर

11. जुनून 12 ममतामयी।


प्रश्न- सत्य/असत्य बताइये-

लेखिका ने अपनी नानी से अनेक कहानियाँ सुनी थी।

लेखिका की नानी झगड़ालू औरत थी?

3 नानी के मन में देष की आजादी के प्रति जुनून था।

रामस्वरूप दकियानूसी ख्यालातों के थे?

माटीवाली बुढ़िया नाटे कद की थी।

उत्तर - (1) असत्य (2) असत्य (3) सत्य (4) असत्य (6) सत्य


प्रल-3 : निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए -

प्र.1 लेखिका ने अपनी नानी को क्यों नहीं देखा?

उत्तर- लेखिका ने अपनी नानी को इसलिए नहीं देखा क्योंकि वो स्वर्ग चली गई थी।

प्र.2 रीढ़ की हड्डी एकाकी के रचनाकार का नाम लिखिए ।

उत्तर- श्री जगदीश चन्द्र माथुर

प्र.3 आपकी पाठ्यपुस्तक कृतिका में विद्यासागर नौटियाल द्वारा लिखित रचना का नाम बताइए ।

उत्तर- आपकी पाठ्यपुस्तक कृतिका में विद्यासागर नौटियाल द्वारा लिखित रचना का नाम टिहरी की कहानियों से है।

प्र.4 माटीवाली, माटी कहाँ से लाती थी?

उत्तर - माटी वाली, माटी माटीखान से लाती थी।

प्र.5 'माटीवाली नामक रचना की विधा बताइए ।

उत्तर- माटी वाली नामक रचना की विधा कहानी है।

प्र.6 माटीवाली किस प्रकार की मिट्टी लेकर आती थी?

उत्तर - माटीयालीलालमिट्टी लेकर आती थी।

प्र.7 माटी से प्राप्त आमदनी से माटीवालीने क्या खरीदा?

उत्तर-माटी से प्राप्त आमदनी से माटीवालीने पाव भर प्याज खरीदा।

प्र.8 लेखिका के नाना पढ़ाई करने कहाँ गए थे?

उत्तर-लेखिका के नाना पढ़ाई करने विलायत गए थे।

प्रश्न-5: अतिलघुउत्तरीय प्रस्नों के उत्तर दीजिए -

प्र.: एकांकी में प्रयुक्त एक प्रत्यय व एक उपसर्ग वाला शब्द खोजिए।

उत्तर - लिखाई (प्रत्यय) विनाम (उपसग)

प्र.2 रीढ़ की हड्डी नामक रचना में पुनरूक्त शब्दों का भरपूर प्रयोग हुआ है. नीचे दिए उदाहरण अनुसार2-2

अन्य शब्दसमूह खोजिए. जो इस प्रश्नबैंक में प्रयुक्त नहीं हुए हों ।

(क) धीरे-धीरे जैसे पूर्ण पुनरूक्त शब्दसमूह

उत्तर-नहीं-नहीं

(ख) ठीक-ठाक जैसे अपूर्ण पुनरूक्त शब्दसमूह

उत्तर- इर्द-गिर्द

(ग) इनाम-विनाम जैसे प्रतिध्वन्यात्मक पुनरूक्त शब्दसमूह

उत्तर- टोस्ट-बोस्ट

(घ) पढ़ाई-लिखाई जैसे मिन्त्रात्मक पुनरूक्त शब्दसमूह

उत्तर - बाज-बाजे


प्र.3:रीढ़ की हड्डी' नामक रचना में उत्पत्ति के आधार पर शब्दों का प्रयोग हुआ है. नीचे दिए उदाहरण

अनुसार 2-2 अन्य शब्द खोजिए. जो इस प्रश्नबैंक में प्रयुक्त नहीं हुए हो ।

(क) चद्दर, परमात्मा, जन्म जैसे तत्सम शब्द

उत्तर - गिरधर, संतुष्ट

(ख) लच्छन्, धोती जैसे तभव-शब्द

उत्तर-मस्तक, मुंह

(ग) गन्दुमी, झाड़न जैसे देशज शब्द

उत्तर - गाना, चौपट

(घ) 'मर्ज, इण्ट्रैन्स' जैसे विदेशी-शब्द

उत्तर - दगा, इज्जत


प्रश्न-4 : निम्नलिखित प्रश्नों के 30 शब्दों में उत्तर दीजिए। (2 अंकीय प्रश्न)

प्र. 1-लेखिका की नानी किस प्रकार की औरत थी? वर्णन कीजिए।


उत्तर-लेखिका मृदुला गर्ग ने अपनी नानी को यद्यपि कभी नहीं देखा था,तथापि उनके सम्बंध में अपनी माँ-पिता जी आदि से काफी कुछ सुन रखा था। लेखिका ने सुन रखा था कि नानी घर में पर्दा करती थी। वह

परम्परागतढंग से रहती थी। तथा एक अशिक्षित औरत थी। लेखिका की नानी ममतामयी थी। वह निजी जीवन में काफी स्वतन्त्र विचारों वाली औरत थी।


प्र 2 -लेखिका के नाना शादी के बाद तुरन्त छोड़कर कहाँ और क्यों चले गए थे? आने के बाद उन्होंने

क्या किया? रहन-सहन बताइए।

उत्तर-लेखिका के नाना शादी के तुरंत बाद उन्हें छोड़कर बैरिस्ट्री पढ़ने विलायत चले गए थे। जब वे कैंब्रिज

विश्वविद्यालय से डिग्री लेकर लौट तो इन्होंने विलायती रीति - रिवाज के संग जिंदगी बसर करने लगे।

परन्तु नानी के रहन सहन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा।


प्र 3-माँ को शर्मिदगी क्यों उठानी पड़ती थी? शर्मिंदगी न उठाना पडे इसके लिए उन्होंने क्या किया?

उत्तर-लेखिका की माँ की शादी एक शिक्षित और स्वतन्त्रता सेनानी से हो गई। वे सादा जीवन जीना पसन्द करती थी। शरीर से दुर्बल होने के कारण खादी की साड़ी उन्हें इतनी भारी लगती थी कि उनकी कमर चनका खा

जाती थी। रात-रात भर जागकर वे उसे पहनने का अभ्यास करती, जिससे दिन में उन्हें शर्मिंदगी न उठानी

पडे।


प्र. 4 माटीवाली कण्टर के ढक्कन को निकालकर फेंक क्यों देती थी?

उत्तर- माटीवाली को कण्टर में माटी भरने और निकालने में परेशानी होती थी इसलिए माटीवाली कण्टर

के ढक्कन को निकालकर फेंक देती थी।


प्र. 5 भूख मीठी की भोजन मीठा' कथन से अभिप्राय बताइए?

उत्तर- भूख मीठी की भोजन मीठा से अभिप्राय है कि भूखा व्यक्ति स्वाद की परवाह किए बिना भूख को पहले शान्त करता है उसे उस भोजन में मिठास का अनुभव करता है।


प्र. कहानी में प्रयुक्त संसाधन डिल्ले का उपयोग बताइए?

उत्तर- सिर पर भारी वजन को उठाने के लिए कपड़े को गोल घेरे में बनाकर उस पर बजन (कण्टर/घड़ा) रखा

जाता हैं।


भाषा /पद्य खंड 

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक के लिए 1 )

सही विकल्प चुनकर लिखिये।

1. शब्द के अंत में जुड़कर उसका अर्थ परिवर्तित करने वाले शब्दांश कहलाते हैं-

(ख) देशज (ब) प्रत्यय

(स) उपसर्ग

(क) यौगिक

उत्तर-ब) प्रत्यय

ii. वर्गों के सार्थक योग को कहते हैं-

(अ) वर्ण

(क) प्रत्यय

(a) निपात

उत्तर- शब्द

iii. जो पढ़ा-लिखा न हो, उसे कहते हैं-

(अ) पढ़ाकू (क) अनपढ़

(स) वाचाल

(क) बुद्धिमान

उत्तर-अनपढ़

iv. 'मुँह की खाना' का अर्थ है

(अ) हार मानना (ब) घर जाना (स) घूमना

(a) भागना

उत्तर-हार मानना

v. 'कमल' का पर्यायवाची है-

(अ) पंकज

(ब) तत्सम (स) बादल

उत्तर- पंकज

रिक्त स्थान-

1. आचार के पूर्व 'अति' उपसर्ग जोड़कर बनेगा...... । (अत्याचार / सदाचार!

॥. 'कमाई' में प्रत्यय है। (आई /लाई

1. सदाचार का विलोम है I (आचार/दुराचार

IV. जो अधिक बोलता है उसे कहते है। (वाचाल/चालाको

v. अन्य भाषाओं के सम्पर्क के कारण हिन्दी में आने वाले शब्द कहलाते हैं।

(विदेशी शब्द/देशी शब्द)

उत्तर- 1. अत्याचार, 2. आई, 3. दुराचार 4. वाचाल 5. विदेशी शब्द

सत्य-असत्य-

1. शब्द के आगे जुड़ने वाले शब्दांश उपसर्ग कहलाते हैं।

॥. उत्थान का विलोम 'उन्नति' शब्द है।

1. मोटाई शब्द में 'ई प्रत्यय जुड़ा है।

IV. छक्के छुडाना' मुहावरे का अर्थ है - हरा देना।

v.किरण शब्द का पर्यायवाची रश्मि है।

उत्तर-1.सत्य, 2 असत्य, 3. असत्य 4. सत्य 5. सत्य



एक वाक्य या एक शब्द में उत्तर -

1. पत्थर की लकीर मुहावरे का क्या अर्थ है।

1. गगन का पर्यायवाची शब्द लिखिए।

III. कलाकार शब्द में से प्रत्यय छाँटिए।

IV. असफल शब्द में उपसर्ग छोटिए।

v. दही शब्द का तत्सम शब्द लिखिए।

(उत्तर- अमिट,-1 आकाश-2 कार-3 अ-4 दहि-5)

अभ्यास प्रश्न - 01 अंक

प्रश्न निम्नलिखित शब्दों की परिभाषाएँ उदाहरण सहित लिखिये।

भाषा, शब्द, उपसर्ग, प्रत्यय, तत्सम, तद्भव, देशज, आगत, रूढ़, यौगिक, विलोम शब्द, निपात शब्द

उत्तर

1. भाषा - विचारों, भावों की अभिव्यक्ति का सबसे प्रमुख साधन है - भाषा।

2. शब्द - सार्थक वर्णों के समूह को शब्द कहते हैं। जैसे - विद्यालय, बाजार।

३. उपसर्ग-वे शब्दांश जो शब्द बनाते समय पहले लगते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।

4. प्रत्यय-वे शब्दांश जो शब्द बनाते समय अंत में लगते हैं. प्रत्यय कहलाते हैं।

६. तत्सम - जो शब्द अपरिवर्तित रूप में संस्कृत से लिए गये हों. उन्हें तत्सम कहते हैं। जैसे-कर्म, चर्म, कर्ण

आदि।

.. तद्भव - संस्कृत के वे शब्द जो किंचित परिवर्तन के साथ हिंदी में ग्रहण किए जाते हैं, तद्भव कहलाते हैं।

जैसे-काम, चमडी, कान आदि।

7. देशज - आंचलिक भाषाओं, बोलियों से ग्रहण किए जाने वाले शब्द देशज शब्द कहलाते हैं जैसे-झाडू, डिबिया

आदि।

a आगत -विदेशी भाषाओं के वे शब्द जो हिन्दी में प्रयोग किए जाते हैं, विदेशी शब्द या आगत कहलाते है।

जैसे- औलाद, कागज, डॉक्टर आदि।

.. रूढ़- ऐसे शब्द जो न तो अन्य शब्दों के योग से बने हैं और न ही जिनके सार्थक भाग/खण्ड हो सकें, रूढ़ शब्द

कहलाते हैं। जैसे-चल, स्थ, घर।

10. यौगिक - यौगिक वे शब्द है जिनका निर्माण अन्य शब्दों के योग से होता है। जैसे- अभिनेता, पुस्तकालय आदि।

11. विलोम शब्द- सर्वथा विपरीत अर्थ प्रकट करने वाले शब्द विलोम शब्द कहलाते हैं। जैसे ज्ञान-अज्ञान।

12. निपात शब्द-वे शब्द जो किसी वाक्य पर जोर(अतिरिक्त भार) देने का काम करते निपात शब्द कहलाते

हैं। जैसे- भी, तो, तक, केवल, ही, मात्र आदि।

प्रश्न मुहावरे किसे कहते है? उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर परिणापा- 'मुहावरा' ऐसा वाक्यांश होता है जो भाषा में प्रवाह, सरसता, क्षमता एवं रोचकता बढ़ाने की दृष्टि से

प्रयुक्त होता है। मुहावरों में संक्षिप्त रूप से विस्तृत भाव को व्यक्त करने की क्षमता होती है।

उदाहरण

1. अपना उल्लू सीधा करना।

अर्थ - अपना स्वार्थ सिद्ध करना।

वाक्य में प्रयोग- आजकल प्रत्येक व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने में लगा है।


प्रश्न लोकोक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

लोकोक्ति का अर्थ है लोक में प्रचलित उक्ति।

परिभाषा- यह अपने आप में एक पूर्ण वाक्य होता है। जो कि लोक प्रचलित कथन होता है।

उदाहरण

एक अनार सौ बीमार।

अर्थ- माँग की तुलना में वस्तु का कम होना।

में

वाक्य में प्रयोग-एक अध्यापक का पद रिक्त है, परन्तु प्रार्थना-पत्र पचास है तो ऐसा प्रतीत हुआ जैसे एक अनार सौ बीमार।



वस्तुनिष्ठ प्रश्न 01 अंक

1. कबीर जी की प्रमुख रचना है?

(अ) बीजक

(ब) गुरुग्रंथ साहब

(स) कबीर ग्रंथावली

2 कबीर कर्मकाण्ड के?

(द) बाइबल

(अ) विरोधी थे

(ब) अनुयायी थे

(स) प्रेमी थे

(द) उदासीन थे

3. ललद्यद ने मूल्यवान बताया -

(क) समय

(ख) परिश्रम

(घ) भक्ति

ललधद ने विरोध किया-

(क) बाहय आंडबरों का (ख) सामाजिकता का (ग) परिश्रम का (घ) कर्ज का

5. ललद्यद एक कवयित्री थी-

(क) संत

(ख) असंत

(ग) नेता

6. श्रीकृष्ण के पिता कौन थे

(क) कंस (ख) नंद

(ग) इन्द्र

(घ) भीष्म

7. सवैया छंद कौन-सा है

(क) मात्रिक (ख) वर्णिक

(ग) कवित्त

(घ) दोहा

8. कानन किसका पर्यायवाची है

(क) जंगल

(ख) नयन

(ग) तालाब

(घ) डारन

9. ब्रिटिश राज्य का गहना क्या है-

(क) हथकड़ियाँ

(ख) नौकरियाँ

(ग) सौगातें

(घ) कंठीमाला

10. हे कोयल तुम चुपचाप क्या बो रही हो

(क) विद्रोह का बीज (ख) शांति का दाना

(ग) उद्यम मंत्र (घ) धर्म का मंत्र

11. कोयल अपने चमकीले गीत क्यों तैरा रही हो

(क) चिढ़ाने को

(ख) इस काले संकट सागर पर मरने हेतु

(ग) प्रसन्न करने को

(घ) कायरता दिखाने को

12 "बच्चे काम पर जा रहे है" कविता के कवि है

(क) सुमित्रानन्दन पंत (ख) केदारनाथ अग्रवाल (ग) राजेश जोशी (घ) माखनलाल चतुर्वेदी

(ग) पैसे

होता है।

13 प्रस्तुत कविता में बच्चों से छीन लिया है

(क) गाड़ी

(ख) बचपन

(घ) कपड़े

14.

सड़क ढंकी है

(क) मिट्टी से

(ख) सीमेंट से

(ग) पत्थर से (घ) कोहरे से

उत्तर-

(1) बीजक

(2) विरोधी थे (3) प्रेम (4) बाह्य आडंबरों का (5) संत

(6) नंद

(7) वर्णिक

(8) जंगल (9) हथकड़ियाँ (10) विद्रोह का बीज

(11) इस काले संकट सागर पर मरने हेतु

(12) राजेश जोशी (13) बचपन

(14) कोहरे से

प्रश्न-2 : रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-

1. मुक्ताफल का आशय

(मोती/मुक्ति)

2 पखापखी का अर्थ.. होता है।

(पक्षी अपक्षी/पक्ष विपक्ष)

3. मानसरोवर से कवि का आशय होता है। (मनरूपी सरोवर/मानरूपी सरोवर)

4. ललद्यद..... भाषा की लोकप्रिय कवयित्री थी। (कश्मीरी/पंजाबी)

5. ललद्यद का जन्म सन्में  हुआ था।(1520/1320)

6. ललद्यद का जन्म गाँव में हुआ था । (सिमपुरा / गौतमपुरा)

7. कृष्ण की लाठी और कम्बल पर कवि..... का राज्य न्योछावर करना चाहते है। (भू लोक /तीनों लोकों)

8. सखी मोर पंख सिर पर धारण कर लेगी और की माला गले में पहन लेगी। ( फूलों/गुंजो)

9. रसखान चाहते है कि मैं पत्थर बनू तो पर्वत का ही बनू। (गोवर्धन /सतपुड़ा)

10. हे कोयल तुम किसका .... देना चाहती हो। (संदेश/उत्तर)

11. मैं ब्रिटिश राज्य की का कुआँ खाली कर रहा हूँ।(अकड़/पकड़)

12. कैदियों को भरपेट भी नहीं मिलता । (खाना/नाष्ता)

13. मदरसा ....... शब्द है। (हिन्दी/अरबी)

14. राजेश जोशी जी ने अपनी कविताओं में शब्दों का भी प्रयोग किया है।(उर्दू/फारसी)

15. प्रस्तुत कविता में ....... प्रमुख समस्या है।(दहेज/बालश्रम)

उत्तर- (1) मोती (2) पक्ष विपक्ष

(3) मनरूपी सरोवर (4) कश्मीरी (5) 1320

(6)सिमपुरा (7) तीनों लोकों

(8) गुंजो (9) गोवर्धन

(10) संदेश

(11)अकड़

(12) खाना

(13) अरबी

(14) उर्दू (15) बालश्रम

प्रश्न-3 : सत्य/असत्य बताइये.

1. कबीरदास जी ने विद्वतापूर्ण ढंग से विधिवत् शिक्षा प्राप्त की थी।

2 उनकी जन्म व मृत्यु के बारे में किवदंतियाँ प्रचलित हैं।

3. ललद्यद कश्मीरी कवयित्री है।

पराजय शब्द में "परा" उपसर्ग हैं

5. "सुषम सेतु पर खड़ी थी” में यमक अलंकार है।

6. 'कालिंदी कूल कदंब की डारन' ने उपमा अंलकार है।

7. रसखान गोकुल में जन्म लेना चाहते है।

रसखान की सवैयों की भाषा अवधी है।

9. पराधीन भारत की जेलों में यातना दी जाती थी।

10. कोयल की चीख कवि को दिन में सुनाई दी।

11. कवि को कोयल से ईर्ष्या हो रही थी।

12. बच्चे काम पर जा रहे है। कविता सुमित्रानंदन पंत की है।

13. सड़क चादर से ढंकी है।

14. मिट्टी का चेहरा काव्य संग्रह राजेश जोशी का है।

उत्तर -(1) असत्य (2) सत्य (3) सत्य (4) सत्य (5) असत्य

(6) असत्य (7) सत्य (8) असत्य (9) सत्य (10) असत्य

(11) सत्य

(12) असत्य (13) असत्य (14) सत्य


प्रश्न : निम्न जोड़ी -


1. कबीरदास जी का जन्म नगर है  बीजक

2. कबीरदास जी की प्रमुख कृति है   कर्म को

3. अनत शब्द का तत्सम रूप है    राम की

4. कबीर ने श्रेष्ठ माना है    काशी

5. हिन्दू भक्ति करते है   अनंत

6. कृष्णार्जुन युद्ध        पीड़ा

7. जीने को देते नही पेट भर खाना   जंगल में लगने वाली आग

8. वेदना        श्रीमाखनलाल चतुर्वेदी

9. दावानल मरने भी देते नही,     तड़प रह जाना

10. अंधकार     प्रकाप

11. रंग बिरंगी    सड़कों

12 छोटे-छोटे      राजेश जोशी

13.हजारों      1946

14. नेपथ्य में        हँसी बच्चे

15. राजेश जाशी का जन्म - किताबों

उत्तर-

(2) बीजक

(3) अनंत (4) कर्म को

(5) राम की

(6) माखनलाल चतुर्वेदी (7) मरने भी देते नहीं, तड़प रह जाना

(8) पीड़ा

(७) जंगल में लगने वाली आग

(10) प्रकाश

(11) किताबों

(13) सड़कों

(14) राजेश जोशी

(15) सन्1946

प्रश्न- निम्न प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए -

प्र.1 कबीर किस प्रकार के संत थे?

उत्तर -एक सद्गृहस्थ संत

प्र.2 कबीर का व्यवसाय क्या था?

उत्तर -जुलाहे का

प्र. 3 कबीर की प्रमुख रचना कौन-सी है?

उत्तर- बीजक

प्र.उनकी काव्य शैली क्या है।

उत्तर-वाख शैली

प्र.5 ललषद के वाख के अनुवादक कौन थे?

उत्तर-मीराकांत

प्र. वाख किसे कहते है?

उत्तर-वाख एक प्रकार की काव्य शैली है।

प्र.7 रसखान का मूल नाम क्या था?

उत्तर- सैयद इब्राहिम

प्र. रसखान की रचनाएँ लिखिए। कोई 2

उत्तर-सुजान रखखान, प्रेमवाटिका।

प्र रसखान के आराध्य कौन थे?

उत्तर-श्रीकृष्ण

प्र. 10 कैदियों की कोठरी कितने फुट की होती थी?

उत्तर- दस फुट लम्बी-चौड़ी

प्र. 11 कैदियों के हाथों में क्या होता था?

उत्तर-हथकड़ियों

प्र. 12 अर्द्ध रात्रि में कौन चीख रहा था?

उत्तर-कोकिल


प्र. 13 बच्चे काम पर जा रहे हैं। कविता की प्रमुख समस्या क्या है?

उत्तर - बाल श्रमिक समस्या

प्र. 14 कवि किस बात से दुःखी है?

उत्तर - बच्चे काम करने जाते है कवि इस बात से बड़े दुःखी है।

प्रश्न: निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए-

(1) सुबह. (2) ज्यादा, (3) सवाल, (4) रहे. (5)दिन

उत्तर - (१) शाम (2) कम (3) जवाब (4) आ रहे (5) रात

प्रश्न-1: जटिल शब्दों के अर्थ लिखिए-

(१) कोहरा (2) दीमक (3) मदरसों (4) हस्बमामूल (5) उमंग

उत्तर - (1) धुध (2) लकड़ी खाने वाला कीड़ा (3) विद्यालय (4) यथावत (5) उत्साह

प्रश्न: रामभक्ति शाखा के प्रमुख कवि कौन है?

उत्तर - रामभक्ति शाखा के कवि महाकवि तुलसीदास है।

प्रश्न भक्तिकाल की दो धाराओं के नाम लिखिए।

उत्तर - (1) सगुण धारा (2) निर्गुण धारा

प्रश्न.10 सगुण धारा की दो शाखाओं के नाम लिखिए।

उत्तर - (1) रामभक्ति शाखा (2) कृष्ण भक्ति शाखा

प्रश्न.11 निर्गुण धारा के प्रमुख कवि कौन-कौन से हैं?

उत्तर - कबीरदास व मलिक मोहम्मद जायसी।

प्रश्न : निम्न प्रश्नों के 30 शब्दों में उत्तर दीजिए -2 अंकीय प्रश्न)

प्र.1 कबीरदास जी की भाषा शैली का वर्णन कीजिए?

उत्तरः कबीर ने अपने काव्य में ब्रज, अवधी, पंजाबी, राजस्थानी, अरबी-फारसी, आदि शब्दों का प्रयोग किया। उनकी

भाषा को सधुक्कड़ी पंचमेल खिचड़ी कहते है। उनकी भाषा में अक्खड़पन है। उन्हें भाषा का डिक्टेटर भी कहा

जाता है।

प्र.2 इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

उत्तरः जो लोभ, मोह-माया, अपने-पराए, जाति-पाति के बंधन से ऊपर उठकर भक्ति करते हैं,जिनका एक मात्र लक्ष्य

प्रभु प्राप्ति होता है। वही सच्चा संत कहलाता हैं

प्र. 3 ज्ञान की आँधी से पूर्व मनुष्य की मनःस्थिति कैसी थी?

उत्तरः ज्ञान की आँधी से पूर्व मनुष्य मोह, माया, लोभ, छल आदि दुर्भावनाओं से युक्त था।

प्र. मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढता है?

उत्तरः कबीरदास जी के पद के अनुसार, मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्जिद, काबा-कैलाश में ढूँढ़ता फिरता है।

प्र.5 कबीर किस प्रकार के संत थे?

उत्तरः कबीर एक समाज-सुधारक संत थे। उन्होनें जातिगत भेदभाव, साम्प्रदायिकता और व्यर्थ आडम्बरों को समाप्त

करने का विशेष प्रयास किया हैं।

प्र. 6 कबीर समाज को सुधारने हेतु क्या विचार व्यक्त करते हैं?

उत्तरः कबीर एक सच्चे समाज सुधारक थे। उन्होनें अपनी साखियों के माध्यम से साम्प्रदायिकता को लक्ष्य करते हुए

राम और खुदा को एक मानने एवं सच्ची भक्ति करने के लिए प्रेरित किया है। और समाज में फैली कुरीतियों

को दूर करने के विचार व्यक्त किए है।'

प्र. 7 ज्ञान की आँधी मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव डालती है?

उत्तरः ज्ञान की आँधी से मनुष्य की काया से कपट, मोह, माया, लोभ, छल आदि की भावना की समाप्ति हो गई और

उनका शरीर अत्यंत निर्मल हो गया।




प्रश्न : निम्न प्रश्नों के 30 शब्दों में उत्तर दीजिए -2 अंकीय प्रश्न)

प्र. 1 कबीरदास जी की भाषा शैली का वर्णन कीजिए?

उत्तरः कबीर ने अपने काव्य में ब्रज, अवधी, पंजाबी, राजस्थानी, अरबी-फारसी, आदि शब्दों का प्रयोग किया। उनकी

भाषा को सधुक्कड़ी पंचमेल खिचड़ी कहते है। उनकी भाषा में अक्खड़पन है। उन्हें भाषा का डिक्टेटर भी कहा

जाता है।

प्र.2 इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?

उत्तरः जो लोभ, मोह-माया, अपने-पराए, जाति-पाँति के बंधन से ऊपर उठकर भक्ति करते है, जिनका एक मात्र लक्ष्य

प्रभु प्राप्ति होता है। यही सच्चा संत कहलाता हैं

प्र. 3 ज्ञान की आँधी से पूर्व मनुष्य की मनःस्थिति कैसी थी?

उत्तरः शान की आँधी से पूर्व मनुष्य मोह, माया, लोभ, छल आदि दुर्भावनाओं से युक्त था।

प्र. मनुष्य ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढ़ता है?

उत्तरः कबीरदास जी के पद के अनुसार, मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्जिद, काबा-कैलाश में ढूँढता फिरता है।

प्र. 5 कबीर किस प्रकार के संत थे?

उत्तरः कबीर एक समाज-सुधारक संत थे। उन्होने जातिगत भेदभाव, साम्प्रदायिकता और व्यर्थ आडम्बरों को समाप्त

करने का विशेष प्रयास किया है।

प्र. 6 कबीर समाज को सुधारने हेतु क्या विचार व्यक्त करते हैं?

उत्तर कबीर एक सच्चे समाज सुधारक थे। उन्होने अपनी साखियों के माध्यम से साम्प्रदायिकता को लक्ष्य करते हुए

राम और खुदा को एक मानने एवं सच्ची भक्ति करने के लिए प्रेरित किया है। और समाज में फैली कुरीतियों

को दूर करने के विचार व्यक्त किए हैं।

प्र. 7 ज्ञान की आँधी मनुष्य के जीवन पर क्या प्रभाव डालती है?

उत्तरः ज्ञान की आँधी से मनुष्य की काया से कपट, मोह, माया, लोभ, छल आदि की भावना की समाप्ति हो गई और

उनका शरीर अत्यंत निर्मल हो गया।


प्र. 8 "प्रेमी कौँ प्रेमी, सब विष अमृत होय” से कवि का क्या आशय है?

उत्तर प्रेमी को प्रेमी सब विष अमृत होय” पंक्ति से कवि का आशय है कि जब दो प्रभु-प्रेमी आपस में मिल जाते है,

तो मन में व्याप्त समस्त विष रूपी बुराइयाँ स्वतः ही नष्ट हो जाती है और मन अमृतमयी या आनंदित हो

जाता हैं।

प्र.9 "मानसरोवर" से कवि का क्या आशय है?

उत्तरः “मानसरोवर से कवि का आशय मन रूपी पवित्र सरोवर से है जिसमें मनुष्य के मन में स्वच्छ विचाररूपी जल भरा है।

प्र. 10 कवयित्री के अनुसार मनुष्य के लिये बंद द्वार कब खुलेगा?

उत्तर- कवयित्री के अनुसार मनुष्य के लिए सफलता का बन्द द्वार तभी खुलेगा, जब वह मध्य या समानता का

आचरण करेगा।

प्र. 11 कच्चे सकोरे का क्या अर्थ है ?

उत्तर- कच्चे सकोरे का अर्थ है मिट्टी के छोटे-छोटे कच्चे पात्र। जो पानी भरने या तनिक सी ठेस लगने

पर ही नष्ट हो जाते है।

प्र. 12 "ज्ञानी" से कवि का क्या अभिप्राय है?

उत्तर-कवयित्री के अनुसार ज्ञानी का अर्थ स्वयं को जानने वाले अर्थात् आत्म-ज्ञान रखने वाले व्यक्ति से है।

ज्ञानी वही है जो आत्मज्ञान कर आत्म अवलोकन द्वारा स्वयं को जान लेता है।

प्र. 13 ललयद की काव्य शैली का वर्णन कीजिए?

उत्तर-कवयित्री ललधद की काव्य शैली. वाख शैली है। उनमें लोकजीवन के तत्व निहित है। उनकी रचनाएँ पंडिताऊ

संस्कृत और फारसी शब्दों से बोझिल नहीं है। उनकी भाषा सरल है।

प्र. 14 ललद्यद ने कश्मीर के किस जिले व ग्राम में जन्म लिया?

उत्तर- कश्मीरी भाषा की प्राचीन एवं लोकप्रिय कवयित्री ललद्यद का जन्म कश्मीर स्थित पाम्पोर के सिमपुरा ग्राम में

हुआ।

प्र. 15 रसखान ब्रज में क्यों जन्म लेना चाहते है?

उत्तरः कवि रसखान बार-बार ब्रजभूमि में इसलिए जन्म लेना चाहते है क्योंकि वे कृष्ण के अनन्य भक्त है। कृष्ण ने

ब्रजभूमि में तरह-तरह की लीलाएँ की थीं, जिनकी यादें अब भी वहाँ है। कवि इन यादों से जुड़ना चाहते हैं

तथा श्री कृष्ण का सानिध्य पाना चाहते है।-

प्र. 16 सवैया छंद किसे कहते है?

उत्तरः सवैया एक वर्णिक छंद है जिसमें 22 से 26 वर्ण होते है। इसमें सामान्यतः भगण एवं सगण की सात या आठ

बार आवृत्ति होती है। यह ब्रजभाषा का बहुप्रचलित छंद रहा है।

प्र. 17 अनुप्रास अंलकार किसे कहते है?

उत्तर काव्य में जहाँ कोई वर्ण एक से अधिक बार प्रयोग में आए वहाँ “अनुप्रास अलंकार” होता है। अर्थात् जहाँ वर्णों

की पुनरावृत्ति से चमत्कार उत्पन्न होता है अनुप्रास अंलकार कहलाता है।

जैसे:- रघुपति राघव राजा राम!

प्र. 18 गोपियाँ किसका रूप धारण करना चाहती हैं? और क्यों?

उत्तरः गोपियाँ श्रीकृष्ण का रूप धारण करना चाहती है, क्योंकि वे श्रीकृष्ण से अनन्य प्रेम करती है। उनकी प्रत्येक प्रिय

वस्तुओं के प्रति उनका अनुराग है। वह श्रीकृष्ण का रूप धारण कर कृष्णमय हो जाना चाहती है।

प्र.19 कवि ने कैदी और कोकिला कविता में किस विषय पर प्रकाश डाला है ?

उत्तर-कवि ने कैदी और कोकिला कविता में अंग्रेज सरकार द्वारा भारतीयों के शोषण तथा स्वाधीनता सेनानियों के साथ

जेल में किए गए अमानवीय व्यवहार तथा यातनाओं का मार्मिक चित्रण किया हैं।

प्र. 20 कवि अपनी कोठरी में उदास क्यों बैठे है?

उत्तर-कवि पर जेल में अंग्रेज सरकार द्वारा अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है वह एक स्वतन्त्रता सेनानी

के रूप में जेल में कैद है उन पर अनेक यातनाएँ की जा रही हैं। शारीरिक कष्ट दिए जा रहे है,

इसलिए कवि जेल में उदास और एकाकी जीवन जी रहा है।


प्र. 21 कवि को कोयल से ईष्या क्यों हो रही है?

उत्तर- कवि को कोयल से इस बात पर ईर्ष्या हो रही है कि कोयल हरे-भरे वृक्ष की डाल पर रहती है। उसके

उड़ने-फिरने के लिए सम्पूर्ण आसमान है जबकि कवि एक छोटी सी दस फुट लम्बी-चौड़ी

काल-कोठरी में एक कैदी का जीवन व्यतीत कर रहा हैं।


प्र. हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है?

उत्तर-हथकड़ियों को गहना इसलिए कहा गया है। क्योंकि हथकड़ियों कवि के लिए बंधन नहीं है। वह स्वाधीनता

सेनानी है। अपनी मातृभूमि की स्वतन्त्रता के लिए आवाज उठाना कोई जुर्म नहीं है, इसलिए हथकड़ियाँ बंधन

न होकर गहना बन गई है।


प्र. 23 जीवन की उमंग से बच्चे वंचित क्यों है?

उत्तर- सामाजिक और आर्थिक विषमता के कारण कामगार बच्चे जीवन की उमंग से वंचित है।

प्र. 24 राजेश जोशी की कविताओं का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए?

उत्तर- राजेश जोशी जी की कविताएँ गहरे सामाजिक अभिप्राय वाली होती है। वे जीवन के संकट में भी गहरी आस्था

को उभारती है। उनकी कविताओं में स्थानीय बोली बानी, मिजाज और मौसम सभी कुछ व्याप्त है।

प्र 25 आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?

उत्तर- मैंने अपने शहर में बच्चों को चाय की दुकान पर, ढाबे पर, होटलों पर सब्जियों या विभिन्न दुकानों पर, समृद्ध

वर्ग के घरों में तथा प्राइवेट कार्यालयों में काम करते हुए देखा है।

प्र 26 बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे से समान क्यों है?

उत्तर- बच्चों का काम पर जाना हादसे के समान है। क्योंकि बच्चे राष्ट्र का भविष्य है। जिस उम्र में बच्चों को

पढ़ना-लिखना चाहिए तथा भविष्य का योग्य एवं सुशिक्षित नागरिक बनने की तैयारी करनी चाहिए, वे उस

उम्र में बाल-मजदूरी करते हुए अपना भविष्य नष्ट कर रहे हैं। बच्चों का भविष्य नष्ट होना किसी हादसे से

कम नहीं है।

प्र. 27 कबीर ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है?

उत्तरः कवि ने साम्प्रदायिकता एवं भेदभाव रहित सच्चे ज्ञान की प्राप्ति को महत्व दिया है। संसार के लोग सांसारिकता

में फंसकर सच्चे ज्ञान और उसकी महिमा से अनजान रहते हैं। मनुष्य इस ज्ञान को खोजने तथा पाने की

जगह अन्य वस्तुओं की प्राप्ति में अपना समय बेकार में नष्ट करता रहता है।

प्र. 28 कबीर अपने दोहों के माध्यम से किस तरह की संकीर्णताओं की ओर संकेत करते है?

उत्तरः कबीरदास जी ने अपने दोहों में ईश्वर के प्रति द्वेष भाव रखने और ऊँचे खानदान में जन्म लेकर भी महान नहीं

बन जाता है। उसे अच्छे कर्म ही महान बनाते है। जैसी सामाजिक संकीर्णताओं की ओर इशारा किया।

प्र. 29 कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?

उत्तरः कबीरदास जी ने सच्चे प्रेमी की कसोटी बताते हुए कहा है कि सध्या प्रेमी अर्थात् भक्त यही है, जो सच्चे मन से

भक्ति करते हुए ईश्वर प्राप्ति का प्रयास करता है। इसे ईश्वर के अतिरिक्त और किसी भी वस्तु में रूचि नहीं

रहती। यह संसार के बंधनों लोभ, मोह, माया जाति-पाति, छल-कपट से मुक्त होता है।

प्र. 30 भाँडा फूटने से कवि का क्या तात्पर्य है?

उत्तरः कबीरदास जी ने ज्ञान के महत्व को प्रतिपादित करते हुए बताया है कि जब ज्ञान की आँधी आई तो उसके

प्रभाव से भ्रम का आवरण उड गया तथा तृष्णा का छप्पर गिरने से कुबुद्धि के सभी (मॉडे) बर्तन टूट गए। अतः

कबीरदास जी के अनुसार भाँडा फूटने से आशय कुबुद्धि रूपी बर्तन का टूटना बताया गया है।

प्र.31 कवयित्री का घर जाने की चाह से क्या तात्पर्य है?

उत्तर- कवयित्री ललयद का घर जाने की चाह से तात्पर्य है- इस भवसागर से मुक्ति पाकर अपने प्रभु की शरण में

जाना। कवयित्री ने प्रभु के घर को ही अपना वास्तविक घर माना है।

प्र. 32 रस्सी यहाँ किसके लिये प्रयुक्त हुई है और वह कैसी है?

उत्तर- यहाँ रस्सी से कवयित्री का तात्पर्य स्वयं के इस नाशवान शरीर से है उनके अनुसार यह शरीर सदा साथ नही

रहता। यह कच्चे धागे की भाँति है जो कभी भी साथ छोड़ देता है और इसी कच्चे धागे से वह जीवन नैया

पार करने की कोशिश कर रही है।

प्र. 33 " जाने कब सुन मेरी पुकार" के माध्यम से कवयित्री किसे पुकार रही है?

उत्तर- 'जाने कब सुन मेरी पुकार कहकर कवयित्री ने अपने प्रभु से इस भवसागर से पार करने तथा अपने घर बुलाने

की प्रार्थना की है। कवयित्री की इस पुकार में उसका दैन्यभाव तथा उसकी विवशता प्रकट हुई है।

निम्न प्रश्नों के 50-75 शब्दों में उत्तर दीजिये । 04 अंक

प्र. गोपियाँ अपने आप को क्यों विवश पाती है?

उत्तरः श्रीकृष्ण की मुरली की धुन अत्यंत मधुर तथा मादक है तथा उनका रूप अत्यंत सुंदर है। उनकी मुरली की

मधुरता तथा उनके रूप सौन्दर्य के प्रति गोपियों आसक्त (मोहित) है। ये इनके समक्ष स्वयं को विवश पाती है

और कृष्ण की होकर रह जाती है।

प्र. 2कवि पशु , पक्षी और पहाड़ के रूप में श्रीकृष्ण का सानिध्य क्यों प्राप्त करना चाहता है ?

उत्तरः श्रीकृष्ण का पशु-पक्षियों, पहाड़ और प्रकृति से अत्यंत स्नेह था। इनके साथ उनकी अनेक लीलाएँ सम्पन्न हुई

है। पशु के रूप में श्रीकृष्ण ने गायों को चराया। जिस कदम्ब के वृक्ष पर श्रीकृष्ण खेलते थे, उस पर पक्षियों

का बसेरा था। गोवर्धन पर्वत श्रीकृष्ण ने अपनी अंगुली पर उठाया था। इस प्रकार से सभी से साथ श्रीकृष्ण

का जुड़ाव किसी न किसी रूप में रहा था।

प्रश्न 3 गोपी कृष्ण की मुरली को होठों पर क्यों नहीं रखना चाहती है?

उत्तरः गोपी को महसूस होता है कि उसके और कृष्ण के बीच मुरली ही बाधक है। इस मुरली के कारण ही वह कृष्ण

का सान्निध्य पाने से वंचित रह जाती है। वह सोचती है कि कृष्ण उससे ज्यादा मुरली को चाहते है। यह

मुरली ही कृष्ण और उसके बीच दूरी का कारण है। यह मुरली के प्रति सौतिया डाह रखने कारण ही

उसको अपने होठों पर नहीं रखना चाहती है।

प्रश्न 4 गाँव , धेनु , पाहन , निधि, आँख इन शब्दों के पर्यायवाची लिखिए?

उत्तरः गाँव-ग्राम, देहात।

1. धेनु-गाय, गी।

2. पाहन-पत्थर, पाषाण।

3. निधि-खजाना, कोष।

4. ऑख-नेत्र, नयन।

प्र.5 कवि ने कोकिला के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई?

उत्तर- कवि ने कोकिल (कोयल) के बोलने की निम्नलिखित संभावनाएँ बताई है.

(1) वह पागल हो गई। (ii) उसने दावानल की लपटे देख ली है।

(ii) स्वतन्त्रता के लिए कैदियों को संदेश देना चाहती है। (iv) क्रांतिकारियों के मन में देश-प्रेम की भावना

और भी प्रगाढ़ करने का संदेश देने आई है।

प्र.6 किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है? और क्यों ?

उत्तर- पराधीन भारत में अंग्रेजी शासन की तुलना तम से की गई है. क्योंकि अंग्रेजी शासक देशवासियों पर अनेक

प्रकार के अत्याचार कर रहे थे। वे हर प्रकार से भारतीयों का शोषण कर रहे थे। उनके खिलाफ आवाज

उठाने वालों तथा आजादी की मांग करने वालों को जेल की काल-कोठरियों में बंद कर दिया जाता था तथा

उन्हें नाना प्रकार की यातनाएँ दी जाती थीं।

प्र.7 कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलो में दी जाने वाली यातनाओं का वर्णन कीजिए?

उत्तर- पराधीन की जेलों में कैदियों का निम्नलिखित यातनाएँ दी जाती थीं-

i. कैदियों को बेड़ियों तथा हथकड़ियों में बाँधकर छोटी-छोटी कोठरियों में चोरों, लुटेरों और डाकुओं के साथ

रखा जाता था।

। कैदियों से पशुओं के समान काम लिया जाता था।

ii. उन्हें भीषण यातनाएँ दी जाती थी। दे न मर सकते थे न वैन से जी सकते थे।

iv. उन्हें खाने को बहुत कम दिया जाता था तथा बात-बात में गालियाँ दी जाती थीं।


प्र.8 अर्द्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि का क्या अंदेशा है?

उत्तर- अर्द्धरात्रि में कोयल की चीख सुनकर कवि को निम्नलिखित अंदेशा होता है-

i. कोयल बावली हो गई होगी।

ii. स्वाधीनता संग्राम के कैदियों को देखकर कोयल द्रवित हो उठी होगी।

उसने देश में अंग्रेजों के प्रति फैली क्रांति की ज्वाला देख ली होगी।

iv. वह जेल में बंद स्वाधीनता सेनानियों के लिए विशेष संदेश लेकर आई होगी।



प्र.9 बच्चे काम पर जा रहे है' कविता में बाल मजदूरी पर क्या संदेश दिया है।

उत्तर- बच्चे काम पर जा रहे है' कविता में कवि ने बाल मजदूरी की समस्या को उभारा है। उसने प्रश्न किया है कि

किन कारणों से बच्चों को काम पर जाना पड़ रहा है। और समाज के लोग यह सब देखकर चुप क्यों है?

कवि को समाज की यह संवेदनहीनता भयंकर लगती है। कवि समाज की इस संवेदनहीनता को दूर करना

चाहता है, ताकि इन बच्चों के प्रति यह कुछ सोचे और उन्हें इस समस्या से मुक्ति मिले।

प्र. 10 कवि ने बच्चों के काम पर जाने की पीड़ा को किस तरह व्यक्त किया है?

उत्तर- कवि ने इस कविता के माध्यम से बच्चों को काम पर जाते हुए देखकर अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है। कवि

देखता है कि छोटे-छोटे बच्चे कोहरे से भरी भयंकर सर्दी में भी काम पर जाने के लिए विवश है। यह उनके

काम पर जाने के नही, बल्कि उनके खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने के दिन है। यह समाज बच्चों को काम

पर जाता हुआ देख संवेदनहीन बना रहता है। वह इस घटना से तनिक भी विचलित नही होता है। समाज की

यह संवेदनहीनता, तटस्थता देख कवि को बहुत पीड़ा होती है।

प्र.11 'कोहरे से ढंकी' कहकर कवि ने किस तरह की परिस्थितियों की ओर संकेत किया है?

उत्तर- रात में पड़ने वाला कोहरा प्रातःकाल और भी घना हो जाता है जो शीत की भयावहता को और भी बढ़ा देता

है। वातावरण में घना कोहरा और टपकती बर्फीली फुहारें सर्दी को चरम सीमा पर पहुंचा देती हैं ऐसे

वातावरण में कांपते हुए बच्चों को रोजी-रोटी हेतु काम पर जाते देखकर कवि दुखी होता। यह सोचता है कि

काम की परिस्थितियों भी एकदम प्रतिकूल है।

प्र12 कबीर ने ईश्वर को "सब स्वाँसों की स्वाँस क्यों कहा है?"

उत्तरः कबीरदास जी के अनुसार सभी प्राणियों की रचना ईश्वर द्वारा की गई है। ईश्वर घट-घट में व्याप्त है। अर्थात्

उसी ईश्वर का अंश आत्मा के रूप में प्रत्येक प्राणी में समाया हुआ है इसलिए उसे सर्वव्यापी माना जाता है।

जो कि सभी जीवों के अस्तित्व का कारण भी है कबीरदास जी ने इसी विशेषता के कारण ईश्वर को

स्वासों की स्वास' कहा है।

प्रज्ञान की आँधी का भक्त के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

अथवा

शान की आँधी आने पर व्यक्ति के व्यवहार में क्या-क्या परिवर्तन देखने को मिलते है?

उत्तरः शान की आँधी के प्रभावस्वरूप भक्त के मन पर पड़ा भ्रम और अज्ञान का पर्दा हट गया। उसके मन में जमा

अंधकार दूर हो गया। वह मोह-माया के बंधनों से मुक्त हो गया। उसका मन निश्छल हो गया। वह प्रभुभक्ति

में लीन हो सच्ची भक्ति करने लगा। उसकी परमात्मा से पहचान हो गई।

प्रश्न 14इतिहास किसे कहते है। हिन्दी साहित्य के इतिहास को कितने भागों में बांटा गया है? उनके नाम लिखये।

उत्तर- जब अतीत के तथ्यों का वर्णन कालक्रम के अनुसार किया जाता है तो उसे इतिहास कहते हैं। हिन्दी साहित्य

को चार भागों में विभाजित किया गया है।


प्रश्न 16 बादिकाल की विशेषताएँ या प्रवृतियों लिखिये एवं उनके प्रमुख कवि व उनकी रचनाएँ लिखिये।

उत्तर-आदिकाल की विशेषताएँ या प्रवृत्तियों

(1) वीर रस की प्रधानता

(2) युद्धों का सजीव चित्रण

(5) आश्रम दाताओं की प्रशंसा

(4) ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण

(5) श्रृंगार व अन्य रसों का प्रयोग

प्रमुख कवि

त्वनाएं

चन्दबरदायी पृथ्वीराज रासों

नरपति

'बीसलदेव रासो

शारंगधर

"हम्मीर रासो

प्रश्न 18 भक्तिकाल की चार विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर (6) साकार व निराकार ईश्वर की उपासना करना।

(क) रहस्यवादी कविता का प्रारंभ।

लोक कल्याण का मार्ग दिखाना।

। शान्त रस की प्रधानता।

प्रश्न 17. भक्तिकाल के कोई कवि एवं उनकी रचनाएं लिखिए।

उत्तर.

कवि

रचना

सूरदास

सूरसागर

तुलसीदास

रामचरित मानस

मीराबाई

नरसी जी को मायरो'

मलिक मोहम्मद जायसी

पद्मावत

प्रश्न 18 सगुण भक्तिधारा एवं निर्गुण भक्ति धारा में अंतर लिखिए।

उत्तर.

सगुण

निर्गुण

(1) ईश्वर की साकार रूप में

(1) ईश्वर की निराकार ब्रह्म के रूप में उपासना

उपासना करने वाले।

करने वाले।

(2) गुरू व ईश्वर को महत्व। (2) प्रेम व उपासना को महत्व।

(3) ईश्वर के लौकिक रूप का वर्णन। (3) ईश्वर के अलौकिक रूप का वर्णन।

(4) इसमें रामभक्ति एवं कृष्ण भक्ति (a) इसमें ज्ञानमार्गी एवं प्रेममार्गी शाखा हैं।

शाखा है।

प्रश्न 18. राम भक्ति शाखा कृष्ण भक्ति शाखा में अंतर लिखिए।

रामभक्ति

उत्तर (1) राम भक्ति शाखा में भगवान राम

(1) कृष्ण भक्ति शाखा में कृष्ण

के प्रति भक्ति

के प्रति भक्ति

(2) दास भाव की भक्ति

(2) सखा भाव एवं दाम्पत्य की भक्ति

(3) प्रमुख भाषा ब्रज अवधि है

(3) भाषा ब्रज एवं राजस्थानी

प्रमुख कवि - गोस्वामी तुलसीदास सूरदास मीराबाई रसखान

रामभद्राचार्य

कृष्ण भक्ति


शान मार्गी

प्रश्न 20.शानमा शाखा एवं प्रेममार्गी शाखा में अंतर लिखिए।

प्रेम मार्गी

उत्तर (1) ज्ञानमार्गी के गुरू के महत्व के साथ (1) प्रेम के द्वारा प्रतीक रूप में ईश्वर

समाज सुधार की भावना

की प्राप्ति

(2) शान के द्वारा ईश्वर की प्राप्ति (2) प्रेम द्वारा ईश्वर की प्राप्ति

(3) बाहय आडंबर का विरोध

(3) बाहय आडंबरों का विरोध नहीं

(4) कबीरदास

(4) मलिक मोहम्मद जायसी बीजक

पद्मावत



प्रश्न 21. आदिकाल की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर (1) कवि राजाओं के भय में रहते थे।

(2) आश्रय दाताओं के युद्धों एवं विवादों के वर्णन की प्रधानता।

(3) वीर एवं श्रृंगार रस की प्रधानता।

(4) डिंगल व पिंगल अपभ्रंश भाषा का प्रयोग।

प्रश्न 22. वीरगाथा काल को आदिकाल क्यों कहा जाता है ? इस काल के दो कवियों के नाम लिखिए।

उत्तर- वीरगाथा काल - यह काल हिन्दी साहित्य का आरंभिक काल था इसलिए इसे आदिकाल भी कहा जाता है।

इस काल के दो कवि- कवि चन्दबरदाई, नरपति नाल्ह है।

प्रश्न 23. कबीरदास अथवा माखनलाल चतुर्वेदी का कवि परिचय निम्न बिंदुओं के आधार पर दीजिये।

दो रचनाएँ, भावपक्ष, कलापक्ष एवं साहित्य में स्थान

उत्तर- कबीरदास जी

1) रचनाएँ - साखी, सबद और रमैनी।

भावपक्ष - कबीर निर्गुण भक्ति शाखा के ज्ञानाश्रयी शाखा के प्रतिनिधी कवि है। कबीर मानवीय प्रेम को श्रेष्ठ

मानते है। जाति-पाति, धर्म, कुरीतियों तथा पाखंड के विरोधी कबीर ने समाज को दिया दिखाने का कार्य

किया। आपके काव्य में शांत , अद्भुत रस देखने को मिलता है।

कलापक्ष - इनकी भाषा पंचमेल खिचड़ी है जिसमें उर्दू, फारसी, अवधी, ब्रज, राजस्थानी आदि भाषाओं का

समावेश है दोहा आपका प्रिय छंद हैं। उपमा, उत्प्रेक्षा, अनुप्रास, रूपक अलंकार इनकी रचनाओं में सहज

दृष्टव्य है।

2) साहित्य में स्थान- कवि कबीरदास जी समाज सुधारक के रूप में सदैव याद किए जाएंगें। हिन्दी साहित्य में

भक्तिकाल की निर्गुण धारा में आपका स्थान अनूठा एवं विशिष्ट है।

माखनलाल चतुर्वेदी

5) रचनाएँ - हिमकिरीटनी, हिमतंरगिनी।

भावपक्ष - माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य में भारतीय संस्कृति, दर्शन, राष्ट्रीयता, प्रेम-सौंदर्य का स्वाभाविक

अंकन हुआ है। उनके काव्य में प्रेरणा , रहस्य , विद्रोह के स्वर व्यक्त है माखनलाल चतुर्वेदी जी भारतीय

राष्ट्रीयता के वैतालिक कवि है।

कलापक्ष - माखनलाल चतुर्वेदी ने प्रवाहमान, सुमधुर खड़ी बोली में काव्य रचना की है। उनकी भाषा में उन्होंने

उर्दू, फारसी शब्दों का भी यत्र-तत्र प्रयोग किया है। उनके काव्य में छन्द, अलंकार के प्रतीक, बिम्ब आदि का

सौन्दर्य विद्यमान है।

साहित्य में स्थान- स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रीय भूमिका निभाने वाले माखनलाल चतुर्वेदी का आधुनिक काल

के कवियों में प्रमुख स्थान है।

प्रश्न 24 निम्नलिखित गद्यांशों की सन्दर्भ-प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए -

() प्रेमी ढूँढत मैं फिरौं, प्रेमी मिले न कोई।

प्रेमी को प्रेमी मिले, सब विष अमृत होइ ।।

शब्दार्थ- प्रेमी-प्रेम करने वाला (प्रभु- भक्त)। फिरौं- घूमता हूँ। होइ-हो जाता है।

सन्दर्भ- पाठ का नाम - साखियाँ, कवि का नाम- कबीरदास।

प्रसंग-कवि ने प्रभु-भक्ति का वर्णन किया है।

भावार्थ- कवि कहता है कि मैं ईश्वर प्रेमी अर्थात् प्रभु भक्त को ढूँढता फिर रहा था, पर अहंकार के कारण मुझे

कोई प्रभु-भक्त न मिला। दो सच्चे प्रभु-भक्त मिलते हैं तो मन की सारी विष रूपी समाप्त हो जाती है

तथा मन में अमृतमयी अच्छाइयाँ आ जाती है।

अन्य भाव- अहंकार (मैं) प्रभु को ढूँढ रहा था पर प्रभु की प्राप्ति नहीं हो रही है। ईश्वर की प्राप्ति होते ही

अहंकार सदगुणों में बदल जाता है।

(ii) आई सीधी राह से, गई न सीधी राह

सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह!

जेब टटोली, कौड़ी न पाई।

माझी को दूँ, क्या उतराई?

संदर्भ- पाठ का नाम- वाख ।

कवि का नाम-ललद्यद।

प्रसंग- कवयित्री ने आत्मवलोकन की अभिव्यक्ति के बारे में कहा है।

भावार्थ-कवयित्री कहती है कि प्रभु की प्राप्ति के लिए वह संसार में सीधे रास्ते से आई थी, किंतु यहाँ आकर मोहमाया

आदि सांसारिक उलझनों में फँसकर अपना रास्ता भूल गई। वह जीवन भर सुषुम्ना नाड़ी के सहारे कुंडलिनी-

जागरण में लगी और इसी में जीवन बीत गया। जीवन के अंतिम समय में जब उसने जेब में खोजा तो कुछ

भी न था। अब उसे चिंता सता रही है कि भवसागर से पार उतारने वाले प्रभु रूपी मांझी को उतराई के रूप

में क्या देगी अर्थात वह जीवन में कुछ न हासिल कर सकी।

खा-खाकर कुछ पाएगा नहीं,

न खाकर बनेगा अहंकारी।

सम खा तभी होगा समभावी,

खुलेगी साँकल बंद द्वार की।

संदर्भ-पाठ का नाम- वाख।

कवि का नाम-ललद्यद।

प्रसंग - कवयित्री ने धर्म की सीमाओं से ऊपर उठकर समानता की भावना अपनाने पर बल दिया गया है।

भावार्थ-कवयित्री मनुष्य को मध्यम मार्ग अपनाने की सीख देती हुई कहती है कि हे मनुष्य! तू इन सांसारिक भोग

-विलासिताओं में डूबा रहता है, इससे तुझे कुछ प्राप्त होने वाला नहीं है। तू इस भोग के खिलाफ त्याग,

तपस्या का जीवन अपनाएगा तो मन में अहंकार ही बढ़ेगा। तू इनके बीच का मध्यम मार्ग अपना। भोग-त्याग,

सुख-दुख के मध्य का मार्ग अपनाने से ही प्रभु- प्राप्ति का बंद द्वार खुलेगा और प्रभु से मिलन होगा।

(iv) रस्सी कच्चे धागे की, खींच रही मैं नाव।

जाने कब सुन मेरी पुकार, करें देव भवसागर पार।

पानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।

जी में उठती रह-रह हूक, घर जाने की चाह है घेरे

संदर्भ-पाठ का नाम - वाख, कवि का नाम - ललद्यद

प्रसंग- ईश्वर प्राप्ति के लिए मनुष्य द्वारा किए जाने वाले प्रयासों की व्यर्थता का वर्णन है।

भावार्थ- कवयित्री कहती है कि वह साँसो की कच्ची रस्सी के सहारे यह शरीर रूपी नाव को खींच रही हैं पता नहीं

ईश्वर मेरी पुकार सुनकर मुझे भवसागर से कब पार करेंगे। जिस प्रकार कच्ची मिट्टी से बने पात्र से पानी

टपक-टपककर कम होता रहता है, उसी तरह समय बीतता जा रहा है और प्रभु को पाने के मेरे प्रयास व्यर्थ

सिद्ध हो रहे हैं। कवयित्री के मन में बार-बार एक ही पीड़ा उठती है कि कब यह नश्वर संसार छोड़कर प्रभु

के पास पहुँच जाए और सांसारिक कष्टों से मुक्ति पा सके।




(v) मोरपखा सिर ऊपर राखिहाँ, गुंज माल गरे पहिराँगी।

ओढ़ि पितंबर लै लुकुटी बन गोधन ग्वारिन संग फिरौंगी।।

भावतो वोहि मेरो रसखानि सों तेरे कहे सब स्वांग करौंगी।

या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी अधरा न धरींगी।।

संदर्भ-कविता का नाम-सवैये।

कवि का नाम-रसखान।

प्रसंग-कवि ने

कृष्ण

के अतुलनीय सौन्दर्य का चित्रण किया है।

शब्दार्थ- मोरपखा-मोर के पंखों से बना मुकुट। राखिहाँ-रसूंगी। गुंज-एक जंगली पौधे का छोटा-सा फल।

गरें-गले में। पहिराँगी-पहनूँगी। पितंबर(पीतांबर)-पीला वस्त्र गोधन-गाय रूपी धन। ग्वारिन ग्वालिन।

फिराँगी-फिरूँगी। भावतो अच्छा लगना। वोहि-जो कुछ। स्वांग-रूप धारण करना। मुरलीधर-कृष्ण

अधरा-होठों पर। धराँगी-रलूंगी।

भावार्थ-कृष्ण के सौन्दर्य पर मुग्ध एक गोपी दूसरी गोपी से कहती है कि हे सखी ! मैं कृष्ण की तरह ही

अपने सिर पर मोर के पंखों का मुकुट तथा गले में गुंज की माला पहनूँगी। मैं पीले वस्त्र धारण कर श्रीकृष्ण

तरह ही गायों के पीछे लाठी लेकर वन-वन फिरूँगी। मेरे कृष्ण को जो भी अच्छा लगता है में वह सब कुछ

करने को तैयार हूँ, पर हे सखी ! कृष्ण की उस मुरली को मैं अपने होंठो पर कभी भी न रखूगी। क्योंकि उस

मुरली ने ही कृष्ण को हमसे दूर कर रखा है।

काव्य सौदर्य-प्रकृति की सुन्दरता का चाँदनी रात में वर्णन।

(vi) कोहरे से टैंकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं

सुबह सुबह

बच्चे काम पर जा रहे हैं

हमारे समय की सबसे भयानक पंक्ति है यह

भयानक है इसे विवरण की तरह लिखा जाना

लिखा जाना चाहिए इसे सवाल की तरह

काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?

संदर्भ-पाठ का नाम- बच्चे काम पर जा रहे है

कवि का नाम- राजेश जोशी

प्रसंग- कवि ने बताया है कि बच्चे किन-किन परिस्थितियों में काम पर जा रहे है।

भावार्थ- अत्यधिक सर्दी में कोहरे से ढंकी सड़क पर बच्चे काम पर जा रहे हैं। वे मजदूरी करने को विवश हैं यह

कैसी विसंगति है कि जिस उम्र में बच्चों को खेलना चाहिए. स्कूल चाहिए. वे को करने को विवश

हैं। बच्चों का काम पर जाना कवि को अंदर तक झकझोर देता है। यह सबसे भयानक पंक्ति है और उससे भी

ज्यादा भयानक है इसे विवरण जैसे लिखा जाना। इसे सरकार, शासन समाज आदि से पूछा जाना चाहिए कि

बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं?

(vii) क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें

क्या दीमकों ने खा लिया है

सारी रंग बिरंगी किताबों को

क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने

क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं

सारे मदरसों की इमारतें

क्या सारे मैदान, सारे बगीचे और घरों के आँगन

खत्म हो गए है एकाएक

उत्तर- संदर्भ- पाठ का नाम -बच्चे काम पर जा रहे है।

कवि का नाम- राजेश जोशी।

प्रसंग- कवि ने बच्चों की खेलने की उम्र में काम पर जाने के विषय में बताया है।

भावार्थ-बच्चों को काम पर जाता देखकर दुःखी कवि पूछता है कि आखिर बच्चे काम पर क्यों जा रहे हैं? क्या उनकी

सारी गेंदें कहीं अंतरिक्ष में गिर गई जो मिल नहीं रही हैं, या उनकी रंग-बिरंगी किताबों को दीमकों ने खा

लिया है? क्या उनके सारे खिलौने पहाड़ के नीचे दब गए हैं या स्कूल के भवन किसी भूकंप में नष्ट हो गए

हैं? कवि पुनः पूछता है कि क्या सारे मैदान बगीचे और घरों के आँगन अचानक समाप्त हो गए हैं? ऐसा क्या

हो गया है कि उन्हें काम पर जाना पड़ रहा है।

(viii) तो फिर बचा ही क्या है इस दुनिया में?

कितना भयानक होता अगर ऐसा होता

भयानक है लेकिन इससे भी ज्यादा यह

कि हैं सारी चीजें हस्वमामूल

पर दुनिया की हजारों सड़को से गुजरते हुए

बच्चे, बहुत छोटे छोटे बच्चे

काम पर जा रहे हैं।

संदर्भ- पाठ का नाम- बच्चे काम पर जा रहे है।

कवि का नाम- राजेश जोशी

प्रसंग- कवि ने बच्चों की दुरावस्था का दर्द व्यक्त किया है।

भावार्थ-कवि कहते हैं कि यदि बच्चों की किताबें, खेल के मैदान, पाठशाला आदि नष्ट हो गए हैं तो बचा ही क्या है

अर्थात् कुछ भी नहीं बचा है। यदि कुछ भी न बचता तो भयानक बात थी पर उससे भी अधिक भयानक बात

यह है कि सब कुछ पहले जैसा ही है। कुछ भी नष्ट नहीं हुआ है। सब कुछ होने के बाद भी दुनिया की

सड़कों पर हजारों बच्चे काम पर जा रहे है. यह भयानक स्थिति हैं।

प्रश्न 25. 'बच्चे काम पर जा रहे हैं' कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर- बच्चे काम पर जा रहे है' कविता में सामाजिक सरोकारों का महत्व देते हुए बच्चों के काम पर जाने की पीड़ा

को मर्मस्पर्शी ढंग से उभारा गया हैं यह उनके खेलने-कूदने और पढ़ने-लिखने की उम्र है। सामाजिक

विषमता ने उनकी शिक्षा, खेलकूद और भविष्य के अच्छे अवसर को छीन लिया है। बच्चों को यूँ काम पर जाने

को किसी भूकंप के समान भयावह कहा गया है। इसमें समाज की संवेदनहीनता पर व्यंग्य किया गया है।

समाज इन बच्चों को काम पर जाता देखकर भी चिंतित नहीं होता। वह ऐसे मूक और अंधा बना रहता है,

जैसे बड़ी सामान्य बात हो।



काव्यबोध


छंद-परिभाषा, मात्रिक, वर्णिक,

दोहा, चौपाई।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न 01 अंक

प्रश्न 1. एक वाक्य में उत्तर दीजिए-

महाकाव्य का (कथावस्तु) कलेवर कैसा होता है?

गोस्वामी तुलसीदास के प्रमुख महाकाव्य का नाम क्या है?

एक खण्ड काव्य का नाम लिखिए।


काव्य के कितने भेद होते हैं?

प्रबंध काव्य के कितने भेद होते है?

उत्तर 1.विस्तृत 2. रामचरित मानस 3. पंचवटी 4. दो 5. दो

प्रश्न 2 सत्य/असत्य छौट कर लिखिए-

रसयुक्त वाक्य ही काव्य है कथन आचार्य विश्वनाथ का है।

प्रबंध काव्य में छदों में पूर्वापर संबंध होता है।

खण्ड काव्य में अनेक सर्ग होते है।

महाकाव्य में एक ही छंद का प्रयोग होता है।

खण्डकाव्य की कथावस्तु विस्तृत होती है।

मुक्तक काव्य में प्रत्येक छंद अपने आप में स्वतंत्र और पूर्ण रहता है।

उत्तर 1. सत्य 2 सत्य 3. असत्य4 असत्य 5.असत्य 6 सत्य

प्रश्न रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए:-

कविता के बाहय रुप का संबंध पक्ष से हैं। (अनुभूति/अभिव्यक्ति)

(2) महाकाव्य में कम से कम सर्ग होते है। 6/8)

3 पंचवटी काव्य हैं।

(खण्डकाव्य /महाकाव्य)

महाकाव्य में जीवन के... का वर्णन किया जाता है। (समग्ररुप/किसी एक घटना

उत्तर 1. अभिव्यक्ति, 2 आठ 3 खण्डकाव्य 4.समग्र रूप

का)

3

प्रश्न 4 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

चौपाई छंद छंद है। (मात्रिक, वर्णिक)

1

तीन वर्गों के समूह को

कहते हैं। (गण, वण)

2 हस्य स्वरों पर मात्रा लगती है। (हस्य, दीघ)

गणो के रुप होते हैं। (आठ, नौ)

उत्तर 1 मात्रिक 2 गण 3. हस्य 4.आठ

प्रश्न इ. निम्न कथनों के लिए सही विकल्प चुनकर लिखिए-

1. जहाँ एक शब्द बार-बार आए, किन्तु उसका अर्थ हर बार अलग-अलग हो, वहाँ अलंकार होता है-

1. यमक 2 श्लेष 3 अनुप्रास 4 रूपक

2 "पीपर पात सरिस मन डोला में अलंकार हैं -

1. उपमा 2 रूपक

3 उत्प्रेक्षा

4. यमक।

3. जहाँ एक ही शब्द के दो से अधिक अर्थ होते है. वहाँ होता है

1. अनुप्रास अलंकार 2 यमक अलंकार 3 श्लेष अलंकार 4. उपमा अलंकार।

4. काव्य की शोभा बढ़ाने वाले तत्वों को कहते हैं -

1. रस 2 अलंकार 3. छन्द

4 स्थायी भाव।

5. "चारू चन्द्र की चंचल किरणें' में कौन सा अलंकार है

1 उपमा अलंकार 2 श्लेष अलंकार 3. अनुप्रास अलंकार 4. रूपक अलंकार।

उत्तर 1. श्लेष 2 उपमा ३ वमक 4 अलंकार 6. अनुप्रास

प्रश्न रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्द चुनकर कीजिए -

1. अलंकारों का अनावश्यक प्रयोग कविता के सौन्दर्य को -करता है। (वृद्धि /बाधित)

2 उपमेय में उपमान का आरोप अलंकार होता है। (उत्प्रेक्षा/रूपक)

3 अलंकार का सामान्य अर्थ है। (गहना/रस)

उत्तर 1.वृद्धि 2. उत्प्रेक्षा 3 गहना

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर शब्दों में दीजिये। 2 अंक

प्रश्न 1- जगन्नाथ के अनुसार काव्य किसे कहते है?

उत्तर -पंडितराज जगन्नाथ के अनुसार रमणीय अर्थ के प्रतिपादक धर्म को काव्य कहते हैं।

(रमणीयार्थ प्रतिपादक : शब्द : काव्यम्)

प्रश्न 2 मुक्तक काव्य की परिभाषा लिखिये।

उत्तर-मुक्तक काव्य में प्रत्येक छंद अपने आप में स्वतंत्र और पूर्ण रहता है। छंदों में पूर्वापर संबंध नहीं रहता अतः

छंदों या गीत का क्रम बदल लेने पर भाव स्पष्ट करने में असुविधा नहीं होती।

प्रश्न-प्रबंध काव्य की परिभाषा भेद सहित लिखिये

उत्तर - प्रबंधक काव्य-प्रबंध काव्य में कथावस्तु के अनुकूल घटना विशेष का क्रमबद्ध रूप से काव्यात्मक वर्णन होता

है। इसके दो भेद हैं - महाकाव्य और खंडकाव्य।

प्रश्न 4 रस की परिभाषा उदाहरण सहित दीजिए। (कोई 01)

उत्तर रस की परिभाषा-"काव्य के पढ़ने, सुनने अथवा उसका अभिनय देखने में पाठक, श्रोता, दर्शक को जो आनंद

की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैr

2रस की परिभाषा- "सहदय के हृदय में स्थित स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव से

संयोग होता है तब रस की उत्पत्ति होती है

उदाहरण- बतरस लालच लाल की, मुरली घरी लुकाय।

सौह करें मोडनि से, दैन कहि नटि जाय।।

प्रश्न 1. छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये। (कोई एक)

उत्तर छंद की परिभाषा - कविता के शब्दिक अनुशासन का नाम छंद है।"

2छंद की परिभाषा - "जिस काव्य में मात्रा, वर्ण, गण, यति, लय आदि का विचार करके शब्द योजना की जाती है

उसे छन्द कहते हैंr

उदा. - वरषा विगत शरद ऋतु आई, लक्ष्मण देखहु परम सुहाई

फूले कांस सकल महि छाई. जनु वरषा कृत सकत बुढाई।

प्रश्न अलंकार की परिभाषा लिखिए

उत्तर परिभाषा-अलंकार का सामान्य अर्थ है आभूषण या गहना। जिस प्रकार आभूषण धारण करने से नारी के शरीर

की शोभा बढ़ती है, वैसे ही अलंकार के प्रयोग से कविता की शोभा बढ़ती है।




निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 60-76 शब्दों में दीजिए। अंक

प्रश्न 1- कविता के कितने पक्ष होते हैं? वर्णन कीजिए।

उत्तर- कविता के दो पक्ष होते हैं - अनुभूति और अभिव्यक्ति

(अ) कविता का बाइय पक्ष- अभिव्यक्ति पक्ष का संबंध बाहय रुप से है।

कविता के बाहय रूप के निर्धारण में निम्नलिखित कारक महत्वपूर्ण है -

(61) लय (2) तुक (3) छन्द (4) शब्दयोजना (5) काव्यभाषा (6) अंलकार (7) काव्य-गुण आदि।

(ब) कविता का आंतरिक पक्ष अनुभूति पक्ष का संबंध कविता के आंतरिक स्वरुप से है। इसके अंर्तगत रस, भाव

सौन्दर्य, विचार सौन्दर्य, नाद सौन्दर्य और अप्रस्तुत योजना का सौन्दर्य शामिल किया जाता है।

प्रश्न 2-काव्य के प्रकारों के नाम लिखिए।

उत्तर-2) काव्य के प्रकारों के नाम-

भाषा के माध्यम से सौन्दर्यानुभूति की अभिव्यक्ति काव्य है।

काव्य के भेद निम्नलिखित हैं-


काव्य

दृश्य काव्य

श्रव्य काव्य

नाटक

एकांकी आदि

प्रबंध काव्य

मुक्तक काव्य

महाकाव्य

खंडकाध्य

पाठ्य मुक्तक गेय मुक्तक

प्रश्न 3- मुक्त काव्यों के प्रकारों की तालिका लिखिए।

उत्तर 3-मुक्तक काव्य

गेय मुक्तक

पाठ्य मुक्तक

(कबीर, तुलसी, रहीम, बिहारी, मतिराम

(तुलसी, सूर, मीरा, कबीर के आदि के भक्ति परक

नीतिपरक दोहे इसके उदा. हैं)

गेय पद। आधुनिक युग में प्रसाद, पंत, महादेवी

वर्मा आदि की कविताएँ)

प्रश्न 4 माहकाव्य एवं खण्डकाव्य में तीन अंतर लिखिये।

महाकाव्य और खण्डकाव्य में निम्नलिखित अंतर है-

स.क्र.

महाकाव्य

खण्डकाव्य

1 महाकाव्य में जीवन के समग्र रुप का वर्णन किया जाता खण्डकाव्य में जीवन की किसी एक घटना अथवा

सदयस्पर्शी अंश का पूर्णता के साथ अंकन किया

जाता है।

2 महाकाव्य में आठ या उससे अधिक सर्ग होते है। खण्ड काव्य एक सर्ग में होता है।

(रामचरितमानस में सातसर्ग है - अपवाद है)

3 | महाकाव्य का नायक धीरोदात्त, उदार एवं महान होता खण्ड काव्य के लिए यह आवश्यक नहीं है।

है।

प्रश्न 6. रस के कितने अंग होते है? तालिका द्वारा दर्शाएं।

उत्तर-

रस के अंग- रस के 4 अंग होते हैं-

1. स्थायी भाव,

2 विभाव,

3. अनुभाव,

इसे निम्नलिखित चार्ट के माध्यम से दर्शाया जा सकता है-

रस के अंग

4. संचारी भाव।

स्थायी भाव

विभाव

अनुभाव

संचारी भाव

आलम्बन

उदीपन

आश्रय

विषय

प्रश्न 8.रस के प्रकार एवं उनके स्थायी भाव लिखिये।


रस 10 प्रकार के होते हैं। दस रसों के दस स्थायी भाव होते हैं -

क्रमांक रस का नाम

            

प्रश्न 7 अंगार रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-गार रस की परिभाषा - "सतदय के हदय में स्थित रति नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव एवं

संचारी भाव से संयोग होता है वहाँ श्रृंगार रस होता है।"

उदाहरण- राम को रुप निहारति जानकी, कंकन के नग की परछाई।

यातै सवै सधि भलि गई कर टेक रही पल टारत नाहीं


प्रश्न  श्रृंगार रस के कितने भेद है? उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-

श्रृंगार रस के भेद - श्रृंगार रस के दो भेद होते हैं-

() संयोग श्रृंगार

(2) वियोग श्रृंगार

संयोग भंगार - जहाँ नायक और नायिका के मिलने का चित्रण होता है. यहाँ संयोग श्रृंगार होता है।

उदाहरण- बतरस लालच लाल की. मुरली धरी लुकाय।

सौह कर भौहनि हँसे, सौह करै नटि जाय।।

वियोग श्रृंगार - “काव्य में जहाँ नायक और नायिका के बिछड़ने का चित्रण होता है, वहाँ वियोग श्रृंगार होता है।"

उदाहरण- दरद की मारु वन-यन डोल्यू. वैद्य मिल्या नहीं कोय।

मीरा की प्रभु पीर मिटैगी, जब वैद्य संवलिया होय।।

प्रश्न वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-वीर

रस- “सहदय के हृदय में स्थित उत्साह नामक स्थायी भाव का जब विभाय, अनुभाव तथा संचारी भाव से

संयोग होता है तब वहाँ वीर रस होता है।

उदाहरण-(0) बुंदेले हरबोलों के मुँह. हमने सुनी कहानी थी।

खूब लड़ी मर्दानी वह तो, झांसी वाली रानी थी।।

(2) वह खून कहो किस मतलब का, जिसमें उबाल का नाम नहीं।

यह खून कहो किस मतलब का. आ सके देश के काम नहीं।।

प्रश्न 10. शान्त रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर 11- शांत रस - “सहृदय के हृदय में स्थित निर्वेद नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव

से संयोग होता है तब यहाँ शांत रस होता है

उदाहरण- चलती चाकी देखकर, दिया कबीरा रोय।

दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोय।।

प्रश्न 11. रौद्र रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर- रौद्र रस की परिभाषा - "सहृदय के हृदय में स्थित क्रोध नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा

संचारी भाव से संयोग होता है. यहाँ रौद्र रस होता है

उदाहरण - श्रीकृष्ण के सुन वचन, अर्जुन क्रोध से जलने लगे।

सब क्रोध अपना भूलकर, करतल युगल मलने लगे।।

प्रश्न 12 वीभत्स रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर - वीभत्स रस - “सहृदय के हृदय में स्थित घृणा नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव

से संयोग होता है यहाँ वीभत्स रस होता हैr

उदाहरण - सिर पर बैठो काग, अखियाँ दोऊ खात निकारत।

खींचहि जीवहि स्यार, उर अति आनंद पावत।।

प्रश्न 13. भयानक रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-भयानक रस - “सहदय के हृदय में स्थित भय नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव

से संयोग होता है, वहाँ भयानक रस होता है

उदाहरण- नभ ते झपटत बाज लखि, मूल्यों सकल प्रपंच।

कपित तन व्याकुल नयन, लावक हिल्यो न रंच।।

प्रश्न 14. अद्भुत रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर- अद्भुत रस- “सहदय के हृदय में स्थित विस्मय नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा

संचारी भाव से संयोग होता है, उसे अद्भुत रस कहते हैं।

उदाहरण- एक अचंभा देखा रे भाई. सिंह ठाड़ा चरायै गाई।

आगे पूत पीछे भई माई, चेला के गुरु लागै पाई।।

प्रश्न 16. करुण रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर करुण रस - "सहदय के हृदय में स्थित शोक नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव

से संयोग होता है तब वहाँ करुण रस होता हैr

उदाहरण- देखि सुदामा की दीन दशा, करुना करके करुनानिधि रोए

पानी परात को हाथ हुयौ नहि नैनक के जलसोपग धोए।

प्रश्न 18. हास्य रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर हास्य रस - "सहदय के हृदय में स्थित हास नाम स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा संचारी

भाव से संयोग होता है तब वहाँ हास्य रस होता है

उदाहरण- कहा बदरिया ने बंदर से, चलों नहाये गंगा

बच्चों को घर में छोडेंगे, होने दो हुडदंगा।

प्रश्न 17. वात्सल्य रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर- वात्सल्य रस- सहदय के हृदय में स्थित वत्सल्य नामक स्थायी भाव का जब विभाव, अनुभाव तथा

संचारी भाव से संयोग होता है तब वहाँ वात्सल्य रस होता है

उदाहरण -"धूरि भरे अति सोभित स्यामजू, तैसि बनी सिर सुन्दर चोटीr

वात्सल्य रस के सम्राट सूरदास जी है।

प्रश्न 18 छन्द में मात्रा लगाने के नियमों को लिखिये।

उत्तर मात्रा लगाने के नियम -

1. सभी हस्य स्वरों और उनके योग से उच्चारित वर्गों पर लघु मात्रा लगती है।

2. दीर्घ स्वरों और उनके सहयोग से उच्चारित व्यंजनों पर गुरू मात्रा लगती है।

3. अनुस्वार और विसर्ग युक्त वर्णों पर गुरु मात्रा लगती है चाहे वे हस्य वर्ण ही हो।

+ संयुक्त अक्षर से पूर्व के वर्ण पर गुरु मात्रा लगती है। यदि शब्द का पहला वर्ण संयुक्त है तो उस पर वर्ण के

अनुसार मात्रा लगेगी अर्थात् यदि वह लघु वर्ण है तो लघु और दीर्घ वर्ण है तो गुरू मात्रा लगेगी।

६. संयुक्ताक्षर के पूर्व के वर्ण पर यदि बल नहीं पड़ता तो उसकी मात्रा लघु ही रहेगी।

प्रश्न 19 छन्द के कितने भेद हैं उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-छंद के भेद - छंद के दो भेद होते है-

(अ)

मात्रिक छन्द (ब) वर्णिक छन्द

(अ) मात्रिक छंद- जिन छंदों की गणना (गिनती) मात्राओं के आधार पर की जाती है उन्हें मात्रिक

छंद कहते हैं।

उदा. - दोहा, चौपाई, रोला, सोरठा आदि।

(ब) वर्णिक छंद-जिन छंदों की गणना वर्णो के आधार पर की जाती है उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं।

उदा. - इन्द्रवजा, मालिनी, शिखरणी आदि।

प्रश्न 20 चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।



(ब) वर्णिक छंद- जिन छंदों की गणना वर्णों के आधार पर की जाती है उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं।

उदा.-

इन्द्रवजा, मालिनी, शिखरणी आदि।

प्रश्न 20 चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर चौपाई छंद की परिभाषा - यह एक सममात्रिक छंद है। इसके चार चरण होते हैं। इसके प्रत्येक चरण में

16 मात्राएं होती हैं।

उदा.-

वरसा विगत सरद ऋतु आई लछिमन देखहुँ परम सुहाई


फूले काँस सकल महि छाई.

जनु वरषा कृत प्रकट बुढ़ाई


प्रश्न 21 दोहा छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर दोहा छंद की परिभाषा - यह एक मात्रिक छंद है। इसके चार-चरण होते हैं। इसके चार चरण होते हैं इसके

प्रथम एवं तृतीय चरण में 13-13 मात्राएं एवं द्वितीय और चतुर्थ चरण में 11-11 मात्राएं होती हैं।

उदा. - मेरी भव बाधा हरौ, राधा नागरि सोय


जा तन की झाँई परे, स्याम हरित दुति होय।


प्रश्न.22 अलंकार के कितने भेद हैं लिखिये।

उत्तर अलंकार के भेद-अलंकार के भेद-अंलकार के मुख्य 3 भेद है-

1) शब्दालंकार

2) अर्थालंकार,

3) उभयालंकार

प्रश्न 23.शब्दालंकार की परिभाषा व प्रकार लिखिये।

उत्तर 1) शब्दालंकार- काव्य में जहाँ शब्द विशेष के प्रयोग से सौन्दर्य में वृद्धि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है।

शब्दालंकार के प्रकार -

प्रमुख शब्दालंकार निम्नलिखित है-

1. अनुप्रास

2. यमक 3. श्लेष।

प्रश्न24. अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर . अनुप्रास अलंकार -जिस काव्य रचना में एक ही वर्ण की दो या दो से अधिक बार आवृति होती हैं, वहाँ

अनुप्रास अलंकार होता है।

उदाहरण-रघुपति राघव राजाराम।

यहाँ पर 'र' वर्ण की आवृति होती रही है।

प्रश्न 25.यमक अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर- यमक अलंकार-काव्य में जहाँ एक ही शब्द बार-बार आए किन्तु उसका अर्थ अलग-अलग हो, वहाँ यमक

अलंकार होता है।

उदाहरण-काली घटा का घमंड घटा।

यहाँ घटा शब्द के दो अर्थ हैं। घटा-घट जाना / कम हो जाना। घटा -काले बादल।

प्रश्न 28.श्लेष अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर- श्लेष अलंकार- श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के दो या दो से अधिक अर्थ होते हैं।

उदाहरण-मंगन को देखि पट देत बार-बार है।

यहाँ पट के दो अर्थ हैं- 1. वस्त्र 2. किवाड़।

प्रश्न 7.अर्थालंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर अर्थालंकार-काव्य में जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है, प्रमुख अर्थालंकार

निम्न हैं

1. उपमा 2 रूपक

3. उत्प्रेक्षा।

प्रश्न 28. उपमा की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिये।

उत्तर-उपमा अलंकार जहाँ एक वस्तु अथवा प्राणि की तुलना अत्यन्त सादृश्यता के कारण प्रसिद्ध वस्तु या प्राणी

से की जाती है, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

उदाहरण-नंदन वन सी फूल उठी वह, छोटी सी कुटिया मेरी।

वाचक शब्द- सा, सी, समान, सरीखा, सम।

प्रश्न.29 उपमा अलंकार के कितने अंग होते हैं?

उत्तर - उपमा अलंकार के 4 अंग है-


उपमेय-जिसकी तुलना दी जाए।

उपमान-जिससे तुलना की जाए।

साधारण धर्म-उपमेय और उपमान में गुण विशेषता।

वाचक शब्द-समानता वाचक शब्द सी, सम, ज्यों, सा आदि (रूप, गुण धर्म की समानता)

प्रश्न 30.रूपक अलंकार की परिभाषा उदारण सहित लिखिये।

उत्तर रूपक अलंकार-काव्य में जहाँ उपमेय में उपमान का आरोप होता है वहाँ रूपक अलंकार होता है।

उदाहरण-चरण सरोज पखारन लागा।

इसमें वाचक शब्द का लोप होता है।

प्रश्न31. उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा उदारण सहित लिखिये।

उत्तर. उत्प्रेक्षा अलंकार - काव्य में जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना व्यक्त की जाती है वहाँ उत्प्रेक्षा अंलकार होता

है।

उदाहरण-"मानो झूम रहे हैं तरु भी,

मंद पवन के झोंको से।"

वाचक शब्द-जनु, जानो, मनु, मानो, मानहुँ आदि।

प्रश्न 32.उभयलंकार की परिभाषा उदारण सहित लिखिये।

उत्तर उभयालंकार - जहाँ काव्य में ऐसा प्रयोग किया जाए जिससे शब्द और अर्थ दोनों में चमत्कार हो वहाँ

उभयालंकार होता है।

उदाहरण -संकर, संसृष्टि।






कक्षा 9वीं हिंदी अर्द्धवार्षिक परीक्षा का 2021 पैटर्न कैसा रहेगा?? 


अर्द्धवार्षिक परीक्षा मे पैटर्न प्रश्न क्रमांक 1 से 5 तक 32 वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे।


सही विकल्प 06 अंक

रिक्त स्थान 07 अंक

सही जोड़ी 06 अंक

एक वाक्य में उत्तर 07 अंक

सत्य असत्य 06 अंक


संबंधी प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न पर 01 अंक निर्धारित है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को छोड़कर सभी प्रश्नों में आंतरिक विकल्प का प्रावधान होगा। यह विकल्प समान इकाई/उप इकाई से तथा समान कठिनाई स्तर वाले होंगे। 


 इन प्रश्नों की उत्तर सीमा निम्नानुसार होगी


अतिलघुउत्तरीय प्रश्न-लगभग 30 शब्द


लघुउत्तरीय प्रश्न -  लगभग 75 शब्द


विश्लेषणात्मक - - लगभग 120 शब्द




40 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न, 

40 प्रतिशत पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रश्न

20 प्रतिशत विश्लेषणात्मक प्रश्न होगें।


सत्र 2021-22 हेतु कम किये गये पाठ्यक्रम से प्रश्न पत्र में प्रश्न न दिये जाये। पाठ्यवस्तु पर आधारित प्रायोजना कार्य हेतु 20 अंक आवंटित है।



अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंक इतने अधिक महत्वपूर्ण क्यों है? 

 अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंक इतने अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के अंक आपकी वार्षिक परीक्षा मे भी जुड़ते है 




कक्षा 9वीं हिंदी अर्द्धवार्षिक परीक्षा की कॉपी लिखने का सही तरीका! 

आप सभी को पता होगा कि आपकी अर्धवार्षिक परीक्षा प्रारम्भ हो गयी है और सभी के मन में ही सवाल है कि हम अपनी अर्द्धवार्षिक परीक्षा में किस प्रकार लिखें तो आज के इस आर्टिकल में हम अर्द्धवार्षिक परीक्षा की कॉपी लिखने का सही तरीका आपको बताएगे हमनें नीचे कुछ बिंदु बताएं है जो आपको अर्द्धवार्षिक परीक्षा की कॉपी अच्छी लिखने मे मदद होंगी 



1.सबसे पहले आपके पास 2 से अधिक Pen होना चाहिए


2.Handwriting अच्छा होना चाहिए


3.Questions Paper को ठीक से पढ़ें


4.आपको यह पूरी तरह से Clear हो कि किस कैटेगरी से कितना मार्क्स मिलेगा और कितना सवाल हल करना हैं


5.कोशिश करें सभी प्रश्नों का आंसर अपने शब्दों में दें

जितनी आवश्यक हो उतने ही शब्दों में जवाब दें


6.कॉपी पर कहीं भी कट-फट नहीं करें


7. विकल्पवाले प्रश्न में जो बन पाए उसे पहले हल करें


8.सभी प्रश्नों को हल करें



                         

  
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अर्धवार्षिक परीक्षा के अंक वार्षिक परीक्षा में जुड़गे या नहीं? 


अर्धवार्षिक परीक्षाओं के अंक वार्षिक परीक्षा में जुड़ते है किन्तु इनका प्रतिशत कम होता है लेकिन य़ह आपके वार्षिक परीक्षा में अच्छे अंक बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इसलिए आप अर्धवार्षिक परीक्षा को हल्के में ना लें |


 

अर्धवार्षिक परीक्षा क्या है? 


 


वर्ष का वह समय फिर से आ गया है जब प्रत्येक छात्र केवल एक ही चीज़ की तैयारी में व्यस्त है- अर्धवार्षिक परीक्षा।


अर्धवार्षिक परीक्षाओं में काफी तनाव और चिंता जुड़ी होती है। छात्र अर्ध-वार्षिक परीक्षाओं पर अत्यधिक ध्यान देते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए उनका प्रतिशत अच्छा बना रहे। यदि आप अर्धवार्षिक की तैयारी कर रहे छात्र हैं, तो हम आपके लिए कुछ टिप्स और ट्रिक्स लेकर आए हैं, जिससे आपकी अर्ध-वार्षिक परीक्षा में कोई अंक न छूटे। लेकिन आगे जाने से पहले याद रखें कि यह सिर्फ एक परीक्षा है। एक परीक्षा आपको कभी बना या बिगाड़ नहीं सकती। भले ही आपको अर्ध-वार्षिक परीक्षाओं में अच्छे अंक न मिले हों, फिर भी आपके पास अंतिम परीक्षा के लिए खुद को भुनाने के लिए बहुत समय है।




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