essay on role of police in nation building|role of police nation buliding eassy in hindi and english pdf

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बहादुरी नहीं है भय का अभाव, 

Buti में कार्रवाई डर का चेहरा...


क्यू सेना देश की सीमा पर तैनात है टेनोनिस्टों से। इसी तरह। पुलिस खेल हमारे में एक महत्वपूर्ण भूमिका समाज। पुलिस लग रही है अक्सर देश। इसे रोकना पुलिस का कर्तव्य है में किसी भी प्रकार का अपराध और रक्षा करता है

हम सुरक्षा तथा कानून और व्यवस्था के भीतर समाज। पर समय कर चल रहा है लोग पुलिस से कोई भी शिकायत कर सकता है उनकी सुरक्षा के खिलाफ किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या। पुलिस उस समाज की रक्षक है जो समाज का संचालन काफी सुचारू रूप से चल रहा है। आम तौर पर पुलिस बल का स्वास्थ्य अच्छा है। देश की सुरक्षा की हम कल्पना नहीं कर सकते पुलिस के बिना राज्य का प्रशासन। समाज के लोगों को कानून का पालन करना चाहिए ओंडर वेल, पुलिस हमेशा इस पर नजर रखती है। तथा  पुलिस अहम चुनाव केंद्रों की सुरक्षा करती है

देश ज़रूरतमंद.. और राज्य और  कुछ भी में वहाँ होगा अलैक कोई भी व्यक्ति और अगर महल न होता तो लोग करते आरी को अपने आरी में ले जाना। कोई भी व्यक्ति अराजकता समाज। कानून की नींव की नींव पुलिस है देश का। कई बार जुलूस के दौरान कुछ लोग फेंक देते हैं जिससे देश की पुलिस सुरक्षा करती है  दिन की परवाह किए बिना। 


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essay on role of police in nation building




पुलिस व्यवस्था

समाज कोई सरल व्यवस्था नहीं है। समाज में जहां एक ओर संगठनकारी शक्तियां कार्य करती हैं, वहीं दूसरी ओर विघटनकारी शक्तियां भी निरंतर क्रियाशील रहती है। समाज सामाजिक संबंधों की एक व्यवस्था है। पुलिस एक ऐसा संगठन है जो इस समाज विरोधी कार्यों पर नियंत्रण लगाकर सामाजिक व्यवस्था और शांति की स्थापना करता है।




पुलिस का अर्थ और परिभाषा

पुलिस अंग्रेजी का शब्द है जो यूनानी शब्द “पोलिस"(Police) एवं लैटिन शब्द' पोलिटिया' (Politia) से बना है |शब्दकोश के अनुसार इसका शाब्दिक अर्थ है - नगरपाल या आरक्षी (arrangement for maintaining peace and order in a town) |इस प्रकार 'पुलिस' शब्द का प्रयोग एक ऐसी प्रशासनिक व्यवस्था के लिए किया जाता है- जिसका कार्य

(1) शांति व्यवस्था की स्थापना करना तथा

(2) कानून को लागू करना होता है।


परिभाषाएँ

मोरियार्टी के अनुसार 'यह सिविल अधिकारियों की उस संस्था की ओर संकेत करती है जो शांति और व्यवस्था स्थापित करने, अपराध का पता लगाने व उसकी रोकथाम करने एवं कानून को लागू करने में लगे हुए हैं।'

काडवेल के अनुसार 'सामान्य रूप से पुलिस का कार्य सामाजिक सुरक्षा करना है। उनका प्रारंभिक कर्तव्य समाज में व्यवस्था बनाए रखना वह कानून को लागू करना है।'

सदरलैंड के अनुसार 'पुलिस शब्द प्राथमिक रूप से राज्य के उन एजेंटों की ओर संकेत देता है, जिनका कार्य कानून और व्यवस्था को बनाए रखना तथा नियमित अपराधी संहिता को लागू करना है।'


पुलिस का कार्यात्मक संगठन

'पुलिस' शब्द अत्यंत ही विस्तृत है और इसके अंतर्गत अनेक प्रकार के संगठन होते हैं।

सामान्यतया पुलिस के कार्यात्मक संगठन को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जाता है-

1) सामान्य पुलिस- सामान्य प्रशासन में योग देने वाली पुलिस

2) सेना पुलिस

3) रेलवे पुलिस

4) गुप्तचर पुलिस

5) यातायात पुलिस

6) स्त्री पुलिस आदि।

यद्यपि यह वर्गीकरण पर्याप्त नहीं है किंतु भारत में पुलिस सामान्यतया इन्हीं स्वरूपों में कार्य करती है।

पुलिस की प्रमुख विशेषताएं

पुलिस राज्य द्वारा स्थापित न्याय तंत्र का एक अंग होती है। यह राज्य के प्रतिनिधि के रूप में या अभिकर्ता के रूप में काम करती है।

 पुलिस का प्रधान कार्य कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखना है।

पुलिस अपराधियों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है।

 पुलिस आपराधिक संहिता का प्रवर्तन करती हैं।

 यह कानून हंताओ को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष न्यायोचित दंड के लिए प्रस्तुत करती है।

 यह स्वस्थ सामाजिक व्यवस्था एवं शांति स्थापना की दिशा में सदैव तत्पर तथा क्रियाशील रहती है।

कानून और व्यवस्था के निर्धारण में पुलिस की भूमिका

जिन समाजों में पुलिस नहीं होती है वहां समाज व्यवस्था और कानून को आदर की दृष्टि से नहीं देखा जाता है। पुलिस के अभाव में कानून और व्यवस्था का समाज में पालन नहीं किया जा सकता है इसीलिए यह आवश्यक हो जाता है कि समाज में कुछ व्यक्तियों को इस प्रकार के अधिकार दिए जाएं कि अन्य सभी व्यक्ति उनकी आज्ञाओं की उपेक्षा न करें, साथ ही समाज में ऐसे व्यक्ति भी होने चाहिए जो समाज के उन व्यक्तियों को कर्तव्यों का ज्ञान कराएं जो अजागरूक होते हैं। ऐसा कार्य करना पुलिस का मौलिक कर्तव्य होता है। प्रत्येक समाज में नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी देने का कार्य पुलिस करती है।


पुलिस के अभाव में किसी भी समाज में हम कानून और व्यवस्था कर निर्धारण की कल्पना नहीं कर सकते हैं। साथ

ही पुलिस के अभाव में शांति की स्थापना करना भी असंभव है। विलियम वेस्टले ने अपनी पुस्तक वायलेंस एंड दी

पब्लिक में कानून और व्यवस्था की स्थापना में पुलिस द्वारा किए जाने वाले कार्यों या भूमिका को निम्नलिखित तीन

भागों में विभाजित किया है।

1) कानून का पालन

2) शांति स्थापना

3) समुदाय को संरक्षण

अपराधों को नियंत्रित करने में पुलिस को जो महत्वपूर्ण कार्य संपादित करने पड़ते हैं वह इस प्रकार है-

1) अधिकार और कर्तव्यों का ज्ञान

2) अपराध अनुसंधान

3) सामाजिक सामंजस्य की स्थापना

4) सशंकित व्यक्तियों को हिरासत में लेना

5) खाना तलाशी और पूछताछ

6) अपराधियों को पकड़ना ।

पुलिस की असफलता के कारण

1) दमनात्मक प्रवृत्ति को प्रोत्साहन

2) सिद्धांत और व्यवहार में अंतर

3) भ्रष्टाचार

4) व्यक्तिगत कमजोरी

5) अशिक्षा

6) प्रशिक्षण का अभाव

7) राजनीतिक हस्तक्षेप

8) जनता का असहयोग

9) घूसखोरी

10)खानापूर्ति और स्थानापूर्ति

11)सुविधाओं की न्यूनता पुलिस व्यवस्था के सफलता के लिए सुझाव

12) पुलिस की सफलता के लिए जरूरी है कि दमन प्रवृत्ति को प्रोत्साहित न करें और इनके स्थान पर वे कर्तव्य की प्रवृत्ति को अधिक महत्व दें।

13) जनता के सहयोग के द्वारा पुलिस अपने कर्तव्यों के पालन में अधिक कामयाबी हासिल कर सकती है।

14) पुलिस के सिद्धांत और व्यवहार के बीच में जो अंतर है उसे समाप्त करना चाहिए।

15) पुलिस वालों को समय समय पर उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।

16) पुलिस में अशिक्षा को समाप्त किया जाए और उन्हें उच्च शिक्षा प्रदान की जाए ।

17)पुलिस वालों के वेतन दरों में वृद्धि की जाए और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की जाए।

18) पुलिस वाले नैतिकता को सर्वोच्च महत्ता प्रदान करें |वे यह सोच लें कि अपना सुधार किए बिना जनता का सुधार नहीं किया जा सकता है।

19) पुलिस वालों को जनता के साथ सहिष्णुता का व्यवहार करना चाहिए। साथ ही जनता के साथ व्यवहार करते समय सहिष्णुता को प्राथमिकता दें ।

20) खानापूर्ति और स्थानापूर्ति के स्थान पर वास्तविक कर्तव्यों को महत्व दिया जाए।

21) उनके कार्यों के आधार पर ही उन्हें पदोन्नत किया जाए और पुरस्कार आदि दिए जाएं।

22) भ्रष्टाचार को समाप्त किया जाए।

23) पुलिस के ऊपर राजनीतिक हस्तक्षेप कम करके भी सुधार किया जा सकता है।

24) पुलिस और जनता के संबंधों को सुधारने के लिए उपाय किए जाने चाहिए जिसमें जन शिकायतों का आदर व थर्ड डिग्री मेथड का कम से कम उपयोग होना चाहिए।

25) पुलिस वालों में सबसे बड़ी बात पुलिस को अपने सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहिए और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को प्राथमिकता देनी चाहिए।

26) पुलिस को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनको सत्यमेव जयते (सत्य की विजय होती है) का पालन करते हुए अपने लक्ष्य की प्राप्ति करनी है

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